US Green Card Rules: अमेरिका में ग्रीन कार्ड को लेकर जल्द ही नियमों में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसकी वजह ये है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद एलेक्स पाडिला ने एक बिल का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत अगर कोई विदेशी वर्कर देश में लगातार सात साल तक रहा है, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह अन्य सभी शर्तों को पूरा करता है, तो उसे ग्रीन कार्ड दिया जा सकता है। ये ऐलान ऐसे समय पर हुआ है, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार हजारों लोगों को देश से बाहर कर रही है।
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डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने देश में विदेशी वर्कर्स-स्टूडेंट्स के साथ हो रहे व्यवहार को भेदभावपूर्ण बताया है। इस बिल के इस हफ्ते यूएस सीनेट में पेश होने की संभावना है। हालांकि, इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बिल के पास होने की संभावना काफी ज्यादा कम है। सांसद डिक डर्बिन सीनेट में बिल के सह-प्रायोजक होंगे, जबकि रिप्रेजेंटेटिव जो लोफग्रेन सदन में बिल का नेतृत्व करेंगी। फिलहाल इस बिल की वजह से बहुत से भारतीय वर्कर्स को ग्रीन कार्ड मिलने की उम्मीद भी जगी है।
किस तरह भारतीयों को मिलेगा फायदा?
अगर ये बिल लागू हो जाता है, तो इसका फायदा हजारों भारतीय वर्कर्स को मिलेगा, जो इस वक्त एंप्लॉयमेंट-बेस्ड ग्रीन कार्ड के बैकलॉग में फंसे हुए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि वे वर्कर्स भी इस बिल से फायदे में होंगे, जिनके बच्चों की उम्र 21 साल से ज्यादा हो चुकी है और अब उन्हें अपने पैरेंट्स से अलग होना पड़ सकता है। नियमों के तहत, 21 साल की उम्र के बच्चों को या तो दूसरे देश में जाना होता है या फिर किसी अन्य वीजा को हासिल करना होता है, जो उन्हें देश में कानूनी तौर पर रहने की इजाजत दे।
मार्च 2023 में काटो इंस्टीट्यूट के डेविड जे. बियर द्वारा की गई स्टडी में बताया गया था कि EB-3 और EB-2 कैटेगरी में बैकलॉग 10.7 लाख है, यानी इतने लोग ग्रीन कार्ड पाने के लिए लाइन में हैं। इस वजह से 1.34 लाख बच्चों को देश छोड़ना पड़ सकता है, क्योंकि जब तक उनके पैरेंट्स को ग्रीन कार्ड मिलेगा, तब तक उनकी उम्र 21 साल से ज्यादा हो जाएगी। बिल में ग्रीन कार्ड के जो नियम बताए गए हैं, वो काफी सरल मालूम होते हैं, जिसके दायरे में तो हजारों भारतीय वर्कर्स भी आते हैं.
अगर स्टूडेंट्स के फायदे की बात करें, तो उन्हें भी आसानी से ग्रीन कार्ड मिल सकता है। अगर वे अमेरिका से डिग्री लेते हैं, तो उन्हें इसे हासिल करने में दो से चार साल लग जाते हैं। इसके बाद OPT पर भी एक से तीन साल तक जॉब किया जा सकता है। इसके अलावा अगर H-1B वीजा मिल जाता है, तो फिर तीन साल तक की नौकरी लगभग पक्की हो जाती है। इस तरह स्टूडेंट्स के लिए भी सात साल वाला क्राइटीरिया पूरा करना मुश्किल नहीं होगा।
कितने लोगों को मिलेगा ग्रीन कार्ड?
सांसद एलेक्स पाडिला ने एक बयान में कहा, "ये अपडेट 80 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड देने का रास्ता साफ करेगा, जिसमें ड्रीमर्स, जबरन विस्थापित किए गए व्यक्ति, लॉन्ग-टर्म वीजा होल्डर्स के बच्चे, जरूरी कर्मचारी और हाई-स्किल वर्कर्स, जैसे की H-1B वीजा होल्डर्स शामिल हैं। ये लोग सालों से ग्रीन कार्ड हासिल करने का इंतजार कर रहे हैं।"
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डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने देश में विदेशी वर्कर्स-स्टूडेंट्स के साथ हो रहे व्यवहार को भेदभावपूर्ण बताया है। इस बिल के इस हफ्ते यूएस सीनेट में पेश होने की संभावना है। हालांकि, इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बिल के पास होने की संभावना काफी ज्यादा कम है। सांसद डिक डर्बिन सीनेट में बिल के सह-प्रायोजक होंगे, जबकि रिप्रेजेंटेटिव जो लोफग्रेन सदन में बिल का नेतृत्व करेंगी। फिलहाल इस बिल की वजह से बहुत से भारतीय वर्कर्स को ग्रीन कार्ड मिलने की उम्मीद भी जगी है।
किस तरह भारतीयों को मिलेगा फायदा?
अगर ये बिल लागू हो जाता है, तो इसका फायदा हजारों भारतीय वर्कर्स को मिलेगा, जो इस वक्त एंप्लॉयमेंट-बेस्ड ग्रीन कार्ड के बैकलॉग में फंसे हुए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि वे वर्कर्स भी इस बिल से फायदे में होंगे, जिनके बच्चों की उम्र 21 साल से ज्यादा हो चुकी है और अब उन्हें अपने पैरेंट्स से अलग होना पड़ सकता है। नियमों के तहत, 21 साल की उम्र के बच्चों को या तो दूसरे देश में जाना होता है या फिर किसी अन्य वीजा को हासिल करना होता है, जो उन्हें देश में कानूनी तौर पर रहने की इजाजत दे।
मार्च 2023 में काटो इंस्टीट्यूट के डेविड जे. बियर द्वारा की गई स्टडी में बताया गया था कि EB-3 और EB-2 कैटेगरी में बैकलॉग 10.7 लाख है, यानी इतने लोग ग्रीन कार्ड पाने के लिए लाइन में हैं। इस वजह से 1.34 लाख बच्चों को देश छोड़ना पड़ सकता है, क्योंकि जब तक उनके पैरेंट्स को ग्रीन कार्ड मिलेगा, तब तक उनकी उम्र 21 साल से ज्यादा हो जाएगी। बिल में ग्रीन कार्ड के जो नियम बताए गए हैं, वो काफी सरल मालूम होते हैं, जिसके दायरे में तो हजारों भारतीय वर्कर्स भी आते हैं.
अगर स्टूडेंट्स के फायदे की बात करें, तो उन्हें भी आसानी से ग्रीन कार्ड मिल सकता है। अगर वे अमेरिका से डिग्री लेते हैं, तो उन्हें इसे हासिल करने में दो से चार साल लग जाते हैं। इसके बाद OPT पर भी एक से तीन साल तक जॉब किया जा सकता है। इसके अलावा अगर H-1B वीजा मिल जाता है, तो फिर तीन साल तक की नौकरी लगभग पक्की हो जाती है। इस तरह स्टूडेंट्स के लिए भी सात साल वाला क्राइटीरिया पूरा करना मुश्किल नहीं होगा।
कितने लोगों को मिलेगा ग्रीन कार्ड?
सांसद एलेक्स पाडिला ने एक बयान में कहा, "ये अपडेट 80 लाख लोगों को ग्रीन कार्ड देने का रास्ता साफ करेगा, जिसमें ड्रीमर्स, जबरन विस्थापित किए गए व्यक्ति, लॉन्ग-टर्म वीजा होल्डर्स के बच्चे, जरूरी कर्मचारी और हाई-स्किल वर्कर्स, जैसे की H-1B वीजा होल्डर्स शामिल हैं। ये लोग सालों से ग्रीन कार्ड हासिल करने का इंतजार कर रहे हैं।"
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