मुंबई: महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने अलकायदा और अन्य प्रतिबंधित संगठनों से कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार पुणे के सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर (37) की जांच के सिलसिले में ठाणे जिले के मुंब्रा स्थित एक शिक्षक से पूछताछ की है। अधिकारियों के अनुसार, जांच में सामने आया है कि हंगरगेकर ने उक्त शिक्षक के घर का उपयोग मीटिंग करने के लिए किया था। यहां वह अक्सर कुछ लोगों के साथ मीटिंग किया करता था।
बता दें कि एटीएस ने हंगरगेकर को 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि वह धार्मिक प्रवचनों के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने का प्रयास कर रहा था। एटीएस को उसके पुराने फोन में पाकिस्तानी संपर्क नंबर समेत कई अंतरराष्ट्रीय नंबर मिले हैं, जिनमें दो सऊदी अरब, एक कुवैत और एक ओमान का था।
हंगरगेकर के मोबाइल में क्या-क्या मिला
सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान, एटीएस को हंगरगेकर के मोबाइल में ‘अल कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ से जुड़ी डिलीट की गई पीडीएफ फाइलें, ओसामा बिन लादेन के भाषण का उर्दू अनुवाद और ‘इंस्पायर’ नामक पत्रिका मिली। पत्रिका में हथियार प्रशिक्षण और आईईडी बनाने से जुड़ी सामग्री भी पाई गई। हालांकि, मुंब्रा वाले जिस शिक्षक से पूछताछ जारी है, उसका इस मामले में न तो कोई प्रत्यक्ष संबंध और न ही वह किसी भी रूप में आरोपी या उसके लोगों के साथ मिले होने की उसकी जानकारी मिली है। इसके बावजूद एटीएस की जांच जारी है।
अब ये पता लगाने की कोशिश में एटीएस
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हंगरगेकर ने किन-किन लोगों को अपने प्रभाव में लेकर कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की कोशिश की थी। टीम ने उसके डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच के लिए उन्हें साइबर प्रयोगशाला भेजा है। साथ ही, उसके वित्तीय लेन-देन और विदेशी संपर्कों की भी गहराई से जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसे किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन से आर्थिक सहायता मिली थी।
बता दें कि एटीएस ने हंगरगेकर को 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि वह धार्मिक प्रवचनों के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने का प्रयास कर रहा था। एटीएस को उसके पुराने फोन में पाकिस्तानी संपर्क नंबर समेत कई अंतरराष्ट्रीय नंबर मिले हैं, जिनमें दो सऊदी अरब, एक कुवैत और एक ओमान का था।
हंगरगेकर के मोबाइल में क्या-क्या मिला
सूत्र बताते हैं कि जांच के दौरान, एटीएस को हंगरगेकर के मोबाइल में ‘अल कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट’ से जुड़ी डिलीट की गई पीडीएफ फाइलें, ओसामा बिन लादेन के भाषण का उर्दू अनुवाद और ‘इंस्पायर’ नामक पत्रिका मिली। पत्रिका में हथियार प्रशिक्षण और आईईडी बनाने से जुड़ी सामग्री भी पाई गई। हालांकि, मुंब्रा वाले जिस शिक्षक से पूछताछ जारी है, उसका इस मामले में न तो कोई प्रत्यक्ष संबंध और न ही वह किसी भी रूप में आरोपी या उसके लोगों के साथ मिले होने की उसकी जानकारी मिली है। इसके बावजूद एटीएस की जांच जारी है।
अब ये पता लगाने की कोशिश में एटीएस
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हंगरगेकर ने किन-किन लोगों को अपने प्रभाव में लेकर कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की कोशिश की थी। टीम ने उसके डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच के लिए उन्हें साइबर प्रयोगशाला भेजा है। साथ ही, उसके वित्तीय लेन-देन और विदेशी संपर्कों की भी गहराई से जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसे किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन से आर्थिक सहायता मिली थी।
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