नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मृत्यु भोज के कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर दूषित भोजन का सेवन करने से एक सप्ताह में पांच लोगों की मौत हो गई। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टी.आर. कुंवर ने बताया कि 21 अक्टूबर को जिले के ओरछा विकासखंड के डूंगा गांव के घोट पारा में कथित तौर पर दूषित भोजन के सेवन से मृत्यु की सूचना मिली थी, जिसके बाद जिलाधिकारी प्रतिष्ठा ममगाई के निर्देश पर नारायणपुर और बीजापुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा ओरछा के खंड चिकित्सा अधिकारी के दल ने गांव का दौरा कर लोगों का इलाज किया।
कुंवर ने बताया कि ग्रामीणों से चर्चा करने पर जानकारी मिली कि 14 से 20 अक्टूबर तक गांव में कुल पांच लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से जानकारी मिली कि गांव में 14 अक्टूबर को मृत्यु भोज का कार्यक्रम था, जिसमें सभी ग्रामीण शामिल हुए थे। मृत्यु भोज में भोजन करने के बाद लगातार उल्टी-दस्त के कारण एक सप्ताह के भीतर पांच लोगों की मृत्यु हो गई।
गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान बेबी (दो माह), बुधरी (25), बुधराम (24), लख्खे (45) और उर्मिला (25) के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि 21 अक्टूबर को स्वास्थ्य दल ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया था, जिसमें कुल 25 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच एवं परीक्षण किया गया। इनमें से दो मलेरिया, 20 उल्टी-दस्त तथा तीन अन्य बीमारियों से ग्रसित ग्रामीणों का तत्काल उपचार किया गया।
पानी उबालकर पीने की सलाह
उन्होंने बताया कि 60 वर्षीय एक महिला कुमली बाई को भैरमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। कुंवर ने बताया कि स्वास्थ्य दल गांव में रुककर ग्रामीणों का उपचार कर रहा है तथा उन्हें गर्म भोजन करने तथा पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।
कुंवर ने बताया कि ग्रामीणों से चर्चा करने पर जानकारी मिली कि 14 से 20 अक्टूबर तक गांव में कुल पांच लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों से जानकारी मिली कि गांव में 14 अक्टूबर को मृत्यु भोज का कार्यक्रम था, जिसमें सभी ग्रामीण शामिल हुए थे। मृत्यु भोज में भोजन करने के बाद लगातार उल्टी-दस्त के कारण एक सप्ताह के भीतर पांच लोगों की मृत्यु हो गई।
गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान बेबी (दो माह), बुधरी (25), बुधराम (24), लख्खे (45) और उर्मिला (25) के रूप में हुई है। अधिकारी ने बताया कि 21 अक्टूबर को स्वास्थ्य दल ने गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया था, जिसमें कुल 25 ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच एवं परीक्षण किया गया। इनमें से दो मलेरिया, 20 उल्टी-दस्त तथा तीन अन्य बीमारियों से ग्रसित ग्रामीणों का तत्काल उपचार किया गया।
पानी उबालकर पीने की सलाह
उन्होंने बताया कि 60 वर्षीय एक महिला कुमली बाई को भैरमगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। कुंवर ने बताया कि स्वास्थ्य दल गांव में रुककर ग्रामीणों का उपचार कर रहा है तथा उन्हें गर्म भोजन करने तथा पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है।
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