प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित हैं। हर महीने में दो बार प्रदोष आता है। एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से प्रदोष व्रत करता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। साथ ही इस व्रत को करने से भगवान शिव के साथ साथ माता पार्वती का भी आशीर्वाद मिलता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को प्रभाव से संतान सुख और धन संपत्ति की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं मई महीने का आखिरी प्रदोष व्रत कब है। कब है मई महीने का आखिरी प्रदोष व्रत?पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि में रखा जाता है। इस बार त्रयोदशी तिथि 24 मई को शाम में 7 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी और 25 मई को दोपहर में 3 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। शास्त्रीय विधान के अनुसार, त्रयोदशी तिथि जब शाम के समय लगी होती है उस समय प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसे में 24 मई को प्रदोष व्रत किया जाएगा। इस बार 24 मई को शनिवार होने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। 24 मई शनि प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त
- 24 मई को पूजा के लिए शुभ चौघड़िया का समय सुबह 8 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक।
- शाम की पूजा के लिए लाभ चौघड़िया दोपहर में 3 बजकर 45 मिनट से 5 बजकर 28 मिनट तक।
- अमृत चौघड़िया शाम में 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 11 मिनट तक।
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