नई दिल्ली: धनतेरस के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर से बड़ी गिरावट दर्ज की गई। यह 2,400 रुपये घटकर 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई। इस बीच देशभर में आभूषण की दुकानों पर खरीदारों की भारी भीड़ देखी गई। अखिल भारतीय सराफा संघ के अनुसार, 99.9% शुद्धता वाले सोने की कीमत शुक्रवार को 3,200 रुपये बढ़कर 1,34,800 रुपये प्रति 10 ग्राम के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी। वहीं, चांदी की कीमतों में भी लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही। यह 7,000 रुपये गिरकर 1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। व्यापारियों ने इस गिरावट का कारण कमजोर वैश्विक संकेत और मुनाफावसूली को बताया है।
शनिवार को 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत में भी 2,400 रुपये की भारी गिरावट आई। यह 1,31,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स सहित) पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह कीमती धातु 1,34,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक ऊंचे स्तर को छू गई थी। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब धनतेरस के त्योहार ने अपनी पारंपरिक चमक बरकरार रखी है।
पिछले धनतेरस से कितने बढ़े दाम?पिछले साल 29 अक्टूबर 2024 को मनाए गए धनतेरस पर 24 कैरेट सोने की कीमत 81,400 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस साल यह बढ़कर 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इसका मतलब है कि एक साल में सोने की कीमत में 51,000 रुपये या 62.65% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
चांदी की कीमतों में भी शनिवार को 7,000 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। इससे यह 1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) पर आ गई। शुक्रवार को चांदी 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। पिछले धनतेरस पर चांदी की कीमत 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब 70,300 रुपये या 70.51% बढ़ गई है।
कीमतों में क्यों आई गिरावट?व्यापारियों का कहना है कि सराफा कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेत हैं। निवेशकों ने सोने की कीमतों में आई भारी तेजी के बाद मुनाफावसूली की है।
कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा, 'धनतेरस के त्योहार ने अपनी पारंपरिक चमक इस बार भी बरकरार रखी। सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों, अनुकूल आर्थिक माहौल और जीएसटी सुधारों के बीच उपभोक्ताओं ने निवेश में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाजार से जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिली।'
किसकी रही ज्यादा मांग?हालांकि, सोने की कीमतें ऊंची थीं। ऐसे में धनतेरस के शुभ अवसर पर उपभोक्ताओं की चांदी में मांग सोने से ज्यादा रही। चांदी के सिक्कों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 35-40% की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि कुल मूल्य दोगुने से ज्यादा रहा। दूसरी ओर, ज्वेलरी संगठनों को सोने की बिक्री में मात्रा के लिहाज से लगभग 15% की गिरावट की आशंका है।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष राजेश रोकड़े के अनुसार, 'धनतेरस 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में कुल बिक्री में 10-15% की गिरावट देखी गई है, लेकिन मूल्य में तेजी से बढ़ोतरी हुई है... हमें उम्मीद है कि त्योहारी बिक्री 50,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी।'
उन्होंने बताया, 'ऊंची कीमतों के बावजूद रणनीतिक खरीदारी के कारण माहौल उत्साहजनक बना हुआ है। चांदी के सिक्कों और पूजा सामग्री की कीमतों में सालाना आधार पर 40% की बढ़ोतरी हुई है।'
शनिवार को 99.5% शुद्धता वाले सोने की कीमत में भी 2,400 रुपये की भारी गिरावट आई। यह 1,31,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी टैक्स सहित) पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में यह कीमती धातु 1,34,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने सर्वकालिक ऊंचे स्तर को छू गई थी। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब धनतेरस के त्योहार ने अपनी पारंपरिक चमक बरकरार रखी है।
पिछले धनतेरस से कितने बढ़े दाम?पिछले साल 29 अक्टूबर 2024 को मनाए गए धनतेरस पर 24 कैरेट सोने की कीमत 81,400 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। इस साल यह बढ़कर 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इसका मतलब है कि एक साल में सोने की कीमत में 51,000 रुपये या 62.65% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
चांदी की कीमतों में भी शनिवार को 7,000 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। इससे यह 1,70,000 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) पर आ गई। शुक्रवार को चांदी 1,77,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। पिछले धनतेरस पर चांदी की कीमत 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो अब 70,300 रुपये या 70.51% बढ़ गई है।
कीमतों में क्यों आई गिरावट?व्यापारियों का कहना है कि सराफा कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण कमजोर वैश्विक संकेत हैं। निवेशकों ने सोने की कीमतों में आई भारी तेजी के बाद मुनाफावसूली की है।
कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा, 'धनतेरस के त्योहार ने अपनी पारंपरिक चमक इस बार भी बरकरार रखी। सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतों, अनुकूल आर्थिक माहौल और जीएसटी सुधारों के बीच उपभोक्ताओं ने निवेश में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाजार से जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिली।'
किसकी रही ज्यादा मांग?हालांकि, सोने की कीमतें ऊंची थीं। ऐसे में धनतेरस के शुभ अवसर पर उपभोक्ताओं की चांदी में मांग सोने से ज्यादा रही। चांदी के सिक्कों की बिक्री में पिछले साल की तुलना में 35-40% की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि कुल मूल्य दोगुने से ज्यादा रहा। दूसरी ओर, ज्वेलरी संगठनों को सोने की बिक्री में मात्रा के लिहाज से लगभग 15% की गिरावट की आशंका है।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष राजेश रोकड़े के अनुसार, 'धनतेरस 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में कुल बिक्री में 10-15% की गिरावट देखी गई है, लेकिन मूल्य में तेजी से बढ़ोतरी हुई है... हमें उम्मीद है कि त्योहारी बिक्री 50,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी।'
उन्होंने बताया, 'ऊंची कीमतों के बावजूद रणनीतिक खरीदारी के कारण माहौल उत्साहजनक बना हुआ है। चांदी के सिक्कों और पूजा सामग्री की कीमतों में सालाना आधार पर 40% की बढ़ोतरी हुई है।'
You may also like
अवैध शराब पर पुलिस का शिकंजा, तीन तस्कर गिरफ्तार
बिहार चुनाव में एनडीए को मिलेगा प्रचंड बहुमत : मंत्री नितिन नबीन
व्यापारिक प्रतिद्वंदिता के चलते कर दी दोस्त की हत्या, पुलिस ने किया खुलासा
लोकतंत्र सेनानी प्रहलाद तिवारी का निधन, मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
अपने अंदाज से दर्शकों का मनोरंजन करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू, जिनका 'गोल्डन डक' भी बन गया था खास