नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा से हैरान करने वाली घटना सामने आई है। नोएडा के सेक्टर-150 स्थित टाटा यूरेका पार्क सोसाइटी से मंगलवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सोसाइटी की सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो महिलाएं स्टीम बाथ लेने के दौरान करीब एक घंटे तक स्टीम रूम में बंद रहीं, जबकि उनकी चीख-पुकार के बावजूद कोई भी मदद के लिए नहीं पहुंचा। मामले में सामने आया है कि दरवाजा अचानक लॉक हो गया। टाटा यूरेका पार्क सोसाइटी में हुई यह घटना आधुनिक सोसाइटियों की मेंटेनेंस व्यवस्था और सुरक्षा मानकों की सच्चाई को सामने ला दिया है।   
   
दो महिलाएं अंदर फंसींजानकारी के अनुसार, टाटा यूरेका पार्क सोसाइटी में रहने वाली पारुल चतुर्वेदी और तरुणा मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे क्लब हाउस में स्टीम बाथ लेने गई थीं। उनका स्लॉट आधे घंटे का था, लेकिन निर्धारित समय समाप्त होने के बाद जब दोनों बाहर निकलने लगीं, तो स्टीम रूम का दरवाजा अचानक लॉक हो गया।
     
दोनों महिलाओं ने बार-बार दरवाजे को धक्का दिया। जोर-जोर से आवाज लगाई। दीवारें पीटकर मदद मांगती रहीं, लेकिन सोसाइटी प्रबंधन या स्टाफ में से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा।
     
महिलाओं ने खुद बनाया रास्ताकरीब आधे घंटे तक बंद रहने के दौरान स्टीम और गर्मी बढ़ने से दम घुटने की स्थिति बन गई, जिससे दोनों महिलाएं घबरा गईं। घबराहट में उन्होंने अपनी जान बचाने का फैसला किया और किसी तरह स्टीम रूम की फॉल्स सीलिंग तोड़कर एक लोहे की रॉड निकाली। इस रॉड की मदद से उन्होंने दरवाजे के शीशे को तोड़ने और लॉक को ढीला करने की कोशिश की। लगातार 25 से 30 मिनट की मशक्कत के बाद दरवाजा खुल गया और दोनों महिलाएं सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहीं।
   
घटना का वीडियो वायरलबाहर आने के बाद पारुल और तरुणा ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में दोनों महिलाएं बता रही हैं कि कैसे वे अंदर फंसी रहीं और प्रबंधन का कोई व्यक्ति मदद के लिए नहीं आया। वीडियो वायरल होने के बाद सोसाइटी प्रबंधन की लापरवाही को लेकर लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
   
महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोपदोनों महिलाओं ने सोसाइटी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां हर महीने भारी मेंटेनेंस चार्ज वसूला जाता है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा और सुविधाओं का स्तर बेहद खराब है। पीड़िता पारुल चतुर्वेदी ने कहा कि क्लब हाउस में सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं थे, न कोई इमरजेंसी अलार्म सिस्टम काम कर रहा था। अगर हम खुद बाहर निकलने की कोशिश न करतीं, तो शायद हमारी जान भी जा सकती थी।
   
घटना के बाद सोसाइटी के अन्य निवासियों ने भी प्रबंधन और मेंटेनेंस एजेंसी की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। निवासियों का कहना है कि क्लब हाउस जैसी जगहों पर आपातकालीन अलार्म, सीसीटीवी निगरानी और प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी अनिवार्य होनी चाहिए।
   
प्रशासन ने मांगी रिपोर्टवीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है। सूत्रों के अनुसार, सोसाइटी प्रबंधन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। यह जांच की जा रही है कि स्टीम रूम का दरवाजा लॉक कैसे हुआ? मौके पर कोई स्टाफ क्यों मौजूद नहीं था? इन जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे एक्शन की उम्मीद की जा रही है।
  
दो महिलाएं अंदर फंसींजानकारी के अनुसार, टाटा यूरेका पार्क सोसाइटी में रहने वाली पारुल चतुर्वेदी और तरुणा मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे क्लब हाउस में स्टीम बाथ लेने गई थीं। उनका स्लॉट आधे घंटे का था, लेकिन निर्धारित समय समाप्त होने के बाद जब दोनों बाहर निकलने लगीं, तो स्टीम रूम का दरवाजा अचानक लॉक हो गया।
दोनों महिलाओं ने बार-बार दरवाजे को धक्का दिया। जोर-जोर से आवाज लगाई। दीवारें पीटकर मदद मांगती रहीं, लेकिन सोसाइटी प्रबंधन या स्टाफ में से कोई भी मौके पर नहीं पहुंचा।
महिलाओं ने खुद बनाया रास्ताकरीब आधे घंटे तक बंद रहने के दौरान स्टीम और गर्मी बढ़ने से दम घुटने की स्थिति बन गई, जिससे दोनों महिलाएं घबरा गईं। घबराहट में उन्होंने अपनी जान बचाने का फैसला किया और किसी तरह स्टीम रूम की फॉल्स सीलिंग तोड़कर एक लोहे की रॉड निकाली। इस रॉड की मदद से उन्होंने दरवाजे के शीशे को तोड़ने और लॉक को ढीला करने की कोशिश की। लगातार 25 से 30 मिनट की मशक्कत के बाद दरवाजा खुल गया और दोनों महिलाएं सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहीं।
घटना का वीडियो वायरलबाहर आने के बाद पारुल और तरुणा ने पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया। वीडियो में दोनों महिलाएं बता रही हैं कि कैसे वे अंदर फंसी रहीं और प्रबंधन का कोई व्यक्ति मदद के लिए नहीं आया। वीडियो वायरल होने के बाद सोसाइटी प्रबंधन की लापरवाही को लेकर लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोपदोनों महिलाओं ने सोसाइटी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां हर महीने भारी मेंटेनेंस चार्ज वसूला जाता है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा और सुविधाओं का स्तर बेहद खराब है। पीड़िता पारुल चतुर्वेदी ने कहा कि क्लब हाउस में सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं थे, न कोई इमरजेंसी अलार्म सिस्टम काम कर रहा था। अगर हम खुद बाहर निकलने की कोशिश न करतीं, तो शायद हमारी जान भी जा सकती थी।
घटना के बाद सोसाइटी के अन्य निवासियों ने भी प्रबंधन और मेंटेनेंस एजेंसी की जिम्मेदारी तय करने की मांग की है। निवासियों का कहना है कि क्लब हाउस जैसी जगहों पर आपातकालीन अलार्म, सीसीटीवी निगरानी और प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी अनिवार्य होनी चाहिए।
प्रशासन ने मांगी रिपोर्टवीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है। सूत्रों के अनुसार, सोसाइटी प्रबंधन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। यह जांच की जा रही है कि स्टीम रूम का दरवाजा लॉक कैसे हुआ? मौके पर कोई स्टाफ क्यों मौजूद नहीं था? इन जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे एक्शन की उम्मीद की जा रही है।
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