नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। जयराम रमेश ने पूर्व आर्मी चीफ एमएम नरवणे का एक लेख का हवाला देते हुए पीएम की आलोचना की। रमेश ने कहा कि भूतपूर्व सेनाध्यक्ष जनरल एम.एम. नरवणे (रिटायर्ड) को अपने हाल ही में प्रकाशित अत्यंत विचारोत्तेजक लेख के लिए बधाई दी जानी चाहिए। उनका विश्लेषण तीखा और सटीक है, लेकिन सबसे बढ़कर उनके बोलने के साहस ने प्रधानमंत्री के ढोल पीटने वालों और जयजयकार करने वालों को बेनकाब कर दिया है।
नरवणे के लेख में क्या?
नरवणे ने अपने लेख में भारत के ऑपरेशन सिंदूर और इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन की तुलना की थी। इसके साथ ही उन्होंने दोनों ऑपरेशन के वैश्विक प्रतिक्रिया में अंतर का भी उल्लेख किया। नरवणे के अनुसार भारत इंफोर्मेशन युद्ध हार रहा है। उन्होंने अमेरिका के इजरायल के समर्थन के साथ ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख की ट्रंप की तरफ से मेजबानी और भारत को संयम बरतने की अमेरिकी सलाह का भी जिक्र किया।
मोदी सरकार पर साधा था निशाना
इससे पहले जयराम रमेश ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले और 'इजराइली आक्रामकता' को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की थी। कांग्रेस नेता ने कहा था कि मोदी सरकार ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा 'इजराइली आक्रामकता' की आलोचना या निंदा नहीं की है और वह गाजा में 'नरसंहार' पर भी चुप है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'ईरान पर अमेरिकी वायुसेना की ताकत का इस्तेमाल करने का राष्ट्रपति ट्रंप का निर्णय ईरान के साथ बातचीत जारी रखने के उनके अपने आह्वान का मजाक है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस, ईरान के साथ तत्काल कूटनीति और बातचीत की अनिवार्यता को दोहराती है।
कांग्रेस नेता ने कहा था कि भारत सरकार को अब तक की तुलना में अधिक नैतिक साहस का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने दावा किया, 'मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से अमेरिकी बमबारी और इजराइल की आक्रामकता, बमबारी और लक्षित हत्याओं की न तो आलोचना की है और न ही निंदा की है। इसने गाजा में फ़लस्तीनियों पर किए जा रहे नरसंहार पर भी चुप्पी साध रखी है।
नरवणे के लेख में क्या?
नरवणे ने अपने लेख में भारत के ऑपरेशन सिंदूर और इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन की तुलना की थी। इसके साथ ही उन्होंने दोनों ऑपरेशन के वैश्विक प्रतिक्रिया में अंतर का भी उल्लेख किया। नरवणे के अनुसार भारत इंफोर्मेशन युद्ध हार रहा है। उन्होंने अमेरिका के इजरायल के समर्थन के साथ ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख की ट्रंप की तरफ से मेजबानी और भारत को संयम बरतने की अमेरिकी सलाह का भी जिक्र किया।

मोदी सरकार पर साधा था निशाना
इससे पहले जयराम रमेश ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले और 'इजराइली आक्रामकता' को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की थी। कांग्रेस नेता ने कहा था कि मोदी सरकार ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा 'इजराइली आक्रामकता' की आलोचना या निंदा नहीं की है और वह गाजा में 'नरसंहार' पर भी चुप है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, 'ईरान पर अमेरिकी वायुसेना की ताकत का इस्तेमाल करने का राष्ट्रपति ट्रंप का निर्णय ईरान के साथ बातचीत जारी रखने के उनके अपने आह्वान का मजाक है।' उन्होंने कहा कि कांग्रेस, ईरान के साथ तत्काल कूटनीति और बातचीत की अनिवार्यता को दोहराती है।
कांग्रेस नेता ने कहा था कि भारत सरकार को अब तक की तुलना में अधिक नैतिक साहस का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने दावा किया, 'मोदी सरकार ने स्पष्ट रूप से अमेरिकी बमबारी और इजराइल की आक्रामकता, बमबारी और लक्षित हत्याओं की न तो आलोचना की है और न ही निंदा की है। इसने गाजा में फ़लस्तीनियों पर किए जा रहे नरसंहार पर भी चुप्पी साध रखी है।
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