नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को अपने LVM3-M5 हेवी-लिफ्ट रॉकेट से देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 सफलतापूर्वक लॉन्च किया। यह मिशन LVM3 व्हीकल की पांचवीं ऑपरेशनल उड़ान थी। इस रॉकेट का इस्तेमाल करके पिछला मिशन 14 जुलाई 2023 को चंद्रयान-3 था। लिफ्टऑफ के लगभग 16 मिनट बाद, 642 टन के कुल लिफ्ट ऑफ मास और 43.5 मीटर की ऊंचाई वाले रॉकेट ने 4410 किलोग्राम के CMS-03 सैटेलाइट को जियो-सिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया। यह सैटेलाइट भारतीय नौसेना की संचार और समुद्री सुरक्षा नेटवर्क को और सशक्त बनाएगा।
LVM3-M5 रॉकेट ने फिर साबित की उपयोगिता
इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने मिशन की सफलता पर बेहद खुश और संतुष्ट नजर आए। नारायणन ने सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से LVM3-M5 रॉकेट से भारतीय कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 मिशन के सफल लॉन्च पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि LVM3 ने चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराकर भारत को गौरव दिलाया था। आज इसने हमारे सबसे भारी सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च करके यह कमाल फिर से कर दिखाया है। इस मिशन के लिए, हमें रॉकेट की परफॉर्मेंस और पेलोड कैपेसिटी को बढ़ाना पड़ा था।
मौसम साथ नहीं दे रहा था...
इसरो चेयरमैन ने कहा कि मैं देश की कम्युनिकेशन क्षमता के लिए इस महत्वपूर्ण, जटिल सैटेलाइट को बनाने के लिए ISRO के अलग-अलग सेंटर्स में फैली पूरी सैटेलाइट टीम को बधाई देता हूं। लॉन्च कैंपेन के दौरान हमारा समय काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था। मौसम भी साथ नहीं दे रहा था। लेकिन फिर भी, मैं इस मौके पर आप सभी की तारीफ करना चाहता हूं कि इस मुश्किल मौसम में भी हम सफल रहे और इस मिशन को शानदार और सफल तरीके से पूरा किया।
स्वदेसी विकसित सी-25 क्रायोजेनिक स्टेज
इसरो चेयरमैन ने कहा कि मैं एक और महत्वपूर्ण एक्सपेरिमेंट के बारे में भी बताना चाहता हूं जो हमने किया है। स्वदेशी रूप से विकसित C-25 क्रायोजेनिक स्टेज। पहली बार, हमने सैटेलाइट को ऑर्बिट में सफलतापूर्वक डालने और स्टेज को रीओरिएंट करने के बाद, थ्रस्ट चैंबर को सफलतापूर्वक इग्नाइट किया है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा एक्सपेरिमेंट होने वाला है, जो भविष्य में क्रायोजेनिक स्टेज को फिर से शुरू करने के लिए डेटा देगा ताकि बाहुबली रॉकेट LVM-3 का इस्तेमाल करके अलग-अलग ऑर्बिट में कई सैटेलाइट रखने के लिए मिशन में फ्लेक्सिबिलिटी लाई जा सके।
इसरो का बिजी रहेगा शेड्यूल
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन इस फाइनेंशियल ईयर बिल्कुल बिजी रहने वाला है। इसरो चेयरमैन ने कहा कि संगठन इस वित्त वर्ष में सात लॉन्च करने का लक्ष्य लेकर तैयारी में जुटा हुआ है। इसरो के चेयरमैन ने कहा कि अगला बड़ा मिशन, एक और LVM3 लॉन्च, पहले से ही पूरी तेजी से चल रहा है और इसे दिसंबर के दूसरे सप्ताह में टारगेट किया जा रहा है।
LVM3-M5 रॉकेट ने फिर साबित की उपयोगिता
इसरो के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने मिशन की सफलता पर बेहद खुश और संतुष्ट नजर आए। नारायणन ने सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से LVM3-M5 रॉकेट से भारतीय कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 मिशन के सफल लॉन्च पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि LVM3 ने चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराकर भारत को गौरव दिलाया था। आज इसने हमारे सबसे भारी सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च करके यह कमाल फिर से कर दिखाया है। इस मिशन के लिए, हमें रॉकेट की परफॉर्मेंस और पेलोड कैपेसिटी को बढ़ाना पड़ा था।
#WATCH | Sriharikota | On the launch of ISRO’s LVM3-M5 carrying the CMS-03 communication satellite, ISRO Chief V Narayanan says, "The CMS-03 satellite is a multi-band communication satellite with coverage over a wide oceanic region, including the Indian landmass, and is designed… pic.twitter.com/8MwIrDvVQE
— ANI (@ANI) November 2, 2025
मौसम साथ नहीं दे रहा था...
इसरो चेयरमैन ने कहा कि मैं देश की कम्युनिकेशन क्षमता के लिए इस महत्वपूर्ण, जटिल सैटेलाइट को बनाने के लिए ISRO के अलग-अलग सेंटर्स में फैली पूरी सैटेलाइट टीम को बधाई देता हूं। लॉन्च कैंपेन के दौरान हमारा समय काफी मुश्किल और चुनौतीपूर्ण था। मौसम भी साथ नहीं दे रहा था। लेकिन फिर भी, मैं इस मौके पर आप सभी की तारीफ करना चाहता हूं कि इस मुश्किल मौसम में भी हम सफल रहे और इस मिशन को शानदार और सफल तरीके से पूरा किया।
स्वदेसी विकसित सी-25 क्रायोजेनिक स्टेज
इसरो चेयरमैन ने कहा कि मैं एक और महत्वपूर्ण एक्सपेरिमेंट के बारे में भी बताना चाहता हूं जो हमने किया है। स्वदेशी रूप से विकसित C-25 क्रायोजेनिक स्टेज। पहली बार, हमने सैटेलाइट को ऑर्बिट में सफलतापूर्वक डालने और स्टेज को रीओरिएंट करने के बाद, थ्रस्ट चैंबर को सफलतापूर्वक इग्नाइट किया है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा एक्सपेरिमेंट होने वाला है, जो भविष्य में क्रायोजेनिक स्टेज को फिर से शुरू करने के लिए डेटा देगा ताकि बाहुबली रॉकेट LVM-3 का इस्तेमाल करके अलग-अलग ऑर्बिट में कई सैटेलाइट रखने के लिए मिशन में फ्लेक्सिबिलिटी लाई जा सके।
इसरो का बिजी रहेगा शेड्यूल
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन इस फाइनेंशियल ईयर बिल्कुल बिजी रहने वाला है। इसरो चेयरमैन ने कहा कि संगठन इस वित्त वर्ष में सात लॉन्च करने का लक्ष्य लेकर तैयारी में जुटा हुआ है। इसरो के चेयरमैन ने कहा कि अगला बड़ा मिशन, एक और LVM3 लॉन्च, पहले से ही पूरी तेजी से चल रहा है और इसे दिसंबर के दूसरे सप्ताह में टारगेट किया जा रहा है।
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