पटना: बिहार में जनता दल-यूनाईटेड (JDU) ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर निशाना साधा है। जेडीयू के महासचिव मनीष वर्मा ने इस यात्रा को बिहार के लोगों के लिए बेकार बताया है। उन्होंने राहुल गांधी पर 'जन नायक' का गलत टाइटल इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित न करने पर कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से बिहारियों के खिलाफ की गई कथित टिप्पणियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की संभावना तो जताई, लेकिन उनके नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकारी बनने के सवाल पर गोलमोल जवाब दिया।
मनीष वर्मा ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा सिर्फ एक दिखावा है। उन्होंने पहले भी कई यात्राएं की हैं, लेकिन इस 'वोटर अधिकार यात्रा' का कोई असर नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को 'जन नायक' कहना गलत है। यह टाइटल कर्पूरी ठाकुर का है और कोई इसे उनसे नहीं छीन सकता।
एमके स्टालिन और रेवंत रेड्डी पर आरोप
मनीष वर्मा ने राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे नेताओं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने बिहारियों के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं। वर्मा ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने देश के किसी भी कोने में रहने और काम करने का अधिकार दिया है। जो लोग बिहारियों का अपमान करते हैं, वे अब राहुल गांधी के साथ घूम रहे हैं। जनता चुनाव में उन्हें जवाब देगी।
वर्मा ने कांग्रेस से पूछा कि वे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों नहीं घोषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी वाकई में नेता हैं, तो राहुल गांधी उनका नाम क्यों नहीं ले रहे हैं? इससे पता चलता है कि गठबंधन में सहमति नहीं है। यह एक बिना नेता वाला गठबंधन है। तेज प्रताप यादव के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने लालू यादव के परिवार में मतभेद की बात कही। उन्होंने कहा कि नेतृत्व घर से शुरू होता है। अगर तेजस्वी अपने भाई को साथ नहीं ले सकते, तो वे बिहार को कैसे साथ लेकर चलेंगे?
नीतीश कुमार के उत्तराधिकार की कोई बात नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की संभावना पर वर्मा ने कहा कि निशांत एक पढ़े-लिखे युवा हैं और उन्होंने राजनीति को करीब से देखा है। अगर वे राजनीति में आते हैं, तो यह एक अच्छा कदम होगा। लेकिन यह फैसला उन्हें ही करना है कि कब और कैसे आना है। नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकारी के सवाल को खारिज करते हुए वर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में लोग तय करते हैं कि उनका नेता कौन होगा। यहां उत्तराधिकार की कोई बात नहीं है।
मनीष वर्मा ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रभाव को भी कम करके आंका। उन्होंने किशोर को अविश्वसनीय और बिना विचारधारा वाला बताया। प्रशांत किशोर के शराबबंदी खत्म करने के बयान पर वर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी की तस्वीर सामने रखकर यह कहना कि वे एक घंटे में शराबबंदी खत्म कर देंगे, कैसा संदेश है? यह सिद्धांतों की राजनीति नहीं है।
एलजेपी नेता चिराग पासवान के बारे में वर्मा ने कहा कि चिराग ने मुख्यमंत्री में विश्वास जताया है। वे राजनीति के तहत बयान देते हैं, लेकिन उनसे कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। एनडीए गठबंधन जमीन पर एकजुट और मजबूत है।
मनीष वर्मा ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा सिर्फ एक दिखावा है। उन्होंने पहले भी कई यात्राएं की हैं, लेकिन इस 'वोटर अधिकार यात्रा' का कोई असर नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को 'जन नायक' कहना गलत है। यह टाइटल कर्पूरी ठाकुर का है और कोई इसे उनसे नहीं छीन सकता।
एमके स्टालिन और रेवंत रेड्डी पर आरोप
मनीष वर्मा ने राहुल गांधी के साथ यात्रा कर रहे नेताओं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने बिहारियों के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं। वर्मा ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर ने देश के किसी भी कोने में रहने और काम करने का अधिकार दिया है। जो लोग बिहारियों का अपमान करते हैं, वे अब राहुल गांधी के साथ घूम रहे हैं। जनता चुनाव में उन्हें जवाब देगी।
वर्मा ने कांग्रेस से पूछा कि वे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार क्यों नहीं घोषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी वाकई में नेता हैं, तो राहुल गांधी उनका नाम क्यों नहीं ले रहे हैं? इससे पता चलता है कि गठबंधन में सहमति नहीं है। यह एक बिना नेता वाला गठबंधन है। तेज प्रताप यादव के बारे में पूछे जाने पर वर्मा ने लालू यादव के परिवार में मतभेद की बात कही। उन्होंने कहा कि नेतृत्व घर से शुरू होता है। अगर तेजस्वी अपने भाई को साथ नहीं ले सकते, तो वे बिहार को कैसे साथ लेकर चलेंगे?
नीतीश कुमार के उत्तराधिकार की कोई बात नहीं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने की संभावना पर वर्मा ने कहा कि निशांत एक पढ़े-लिखे युवा हैं और उन्होंने राजनीति को करीब से देखा है। अगर वे राजनीति में आते हैं, तो यह एक अच्छा कदम होगा। लेकिन यह फैसला उन्हें ही करना है कि कब और कैसे आना है। नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकारी के सवाल को खारिज करते हुए वर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में लोग तय करते हैं कि उनका नेता कौन होगा। यहां उत्तराधिकार की कोई बात नहीं है।
मनीष वर्मा ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के प्रभाव को भी कम करके आंका। उन्होंने किशोर को अविश्वसनीय और बिना विचारधारा वाला बताया। प्रशांत किशोर के शराबबंदी खत्म करने के बयान पर वर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी की तस्वीर सामने रखकर यह कहना कि वे एक घंटे में शराबबंदी खत्म कर देंगे, कैसा संदेश है? यह सिद्धांतों की राजनीति नहीं है।
एलजेपी नेता चिराग पासवान के बारे में वर्मा ने कहा कि चिराग ने मुख्यमंत्री में विश्वास जताया है। वे राजनीति के तहत बयान देते हैं, लेकिन उनसे कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। एनडीए गठबंधन जमीन पर एकजुट और मजबूत है।
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