नई दिल्ली: सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, लेकिन इसका कारण क्या है? क्या सचिन तेंदुलकर के सबसे ज्यादा वनडे और टेस्ट रन बनाना या 100 शतक लगाने वाला पहला प्लेयर होना, इसका कारण है? जी नहीं, अकेले ये वे कारण नहीं है। आज हम आपको क्रिकेट इतिहास के उस मैच के बारे में बताने जा रहे हैं, जो करीब 27 साल पहले आज ही के दिन ( On This Day In Cricket ) यानी 28 अक्तूबर, 1998 को खेला गया था। इस मैच में सचिन तेंदुलकर ने तत्कालीन सबसे शक्तिशाली टीम ऑस्ट्रेलिया को अकेले दम पर जिस तरह धूल चटाई थी, उसके बारे में जानकर आप खुद ऊपर उठे सवालों का जवाब समझ जाएंगे। यह मैच बांग्लादेश की राजधानी ढाका में विल्स इंटरनेशनल कप (Wills International Cup) के तीसरे क्वार्टरफाइनल के तौर पर खेला गया था, जिसमें बल्लेबाजी से लेकर गेंदबाजी तक सचिन ही सचिन का जलवा दिख रहा था। सचिन ने ऑलराउंड खेल का ऐसा नमूना पेश किया था कि आप कहेंगे अकेले दम पर उन्होंने कंगारुओं को धोबीपाट दे दिया था।
काली पट्टी बांधकर उतरी थी टीम इंडियाटीम इंडिया इस मैच में बाजू पर काली पट्टी बांधकर उतरी थी, क्योंकि पूर्व भारतीय कप्तान गुलाम अहमद का निधन हो गया था। उसके सामने मौजूद थी ऑस्ट्रेलियाई टीम, जो महज 48 घंटे पहले पाकिस्तान को उसकी ही धरती पर टेस्ट सीरीज में हराने का असंभव सा कारनामा करके ढाका पहुंची थी। इससे समझा जा सकता है कि कंगारुओं के हौसले कितने बुलंद रहे होंगे। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और भारतीय टीम को बल्लेबाजी दी। इसके बाद मानो मैदान पर तूफान सा आ गया।
सचिन ने जबरदस्त तरीके से ठोका 19वां शतकसचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने वाले अंदाज में बल्लेबाजी की और महज 128 गेंद में 141 रन ठोक दिए। उन्होंने 3 छक्के लगाए और 13 चौके उनकी पारी में शामिल थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को पिच पर वो कोना ही नहीं मिल पा रहा था, जहां सचिन तेंदुलकर से बचा जा सके। नतीजा था कि हर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज की धुनाई हो रही थी। तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच ने तो पहले 7 ओवर में ही 62 रन पिटवा दिए थे। सचिन को रोकने का कोई तरीका ऑस्ट्रेलियाई टीम को नहीं सूझ रहा था। आखिर में उन्हें राहत तब मिली, जब सचिन तेंदुलकर रनआउट होकर पवेलियन लौट गए।
टीम इंडिया ने ठोके 307 रनसचिन के जबरदस्त प्रहार से टीम इंडिया ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 307 रन का स्कोर बनाया। आप हैरान रह जाएंगे कि इसमें अजय जडेजा (71 रन), राहुल द्रविड़ (48 रन) के बाद चौथा बड़ा स्कोर 'Mr Extra' का था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने 25 रन अतिरिक्त के तौर पर दिए थे। इसमें भी मजे की बात ये थी कि सचिन, द्रविड़ और जडेजा, तीनों ही रनआउट होकर वापस लौटे थे।
गेंदबाजी में भी नहीं लेने दी सचिन ने सांसऑस्ट्रेलिया को सचिन की बल्लेबाजी से ही मार नहीं पड़ी। टारगेट का पीछा करते समय सचिन ने गेंद से भी उनकी बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। सचिन तेंदुलकर ने अपनी लेग ब्रेक और ऑफ ब्रेक गेंदबाजी के मिश्रण से 9.1 ओवर में 38 रन देकर 4 कीमती विकेट चटकाए। उनके विकेटों में कप्तान स्टीव वॉ, वनडे के चेज एक्सपर्ट माइकल बेवन, डेमियन मार्टिन और ब्रैड यंग जैसे बल्लेबाज शामिल थे। केवल मार्क वॉ (74) ही उनकी गेंदों का तोड़ निकाल पाए। नतीजा ये रहा कि ऑस्ट्रेलिया 48.1 ओवर में 263 रन पर सिमटकर 44 रन से मुकाबला हार गया।
अजहरुद्दीन के लिए यादगार था मैचयह मैच भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के लिए भी यादगार था। दरअसल वे इस मैच में उतरने के साथ ही 300 वनडे खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए थे। हालांकि बल्ले से यह मैच अजहरुद्दीन के लिए बेहद निराशाजनक रहा और वे 3 गेंद पर 0 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे।
काली पट्टी बांधकर उतरी थी टीम इंडियाटीम इंडिया इस मैच में बाजू पर काली पट्टी बांधकर उतरी थी, क्योंकि पूर्व भारतीय कप्तान गुलाम अहमद का निधन हो गया था। उसके सामने मौजूद थी ऑस्ट्रेलियाई टीम, जो महज 48 घंटे पहले पाकिस्तान को उसकी ही धरती पर टेस्ट सीरीज में हराने का असंभव सा कारनामा करके ढाका पहुंची थी। इससे समझा जा सकता है कि कंगारुओं के हौसले कितने बुलंद रहे होंगे। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और भारतीय टीम को बल्लेबाजी दी। इसके बाद मानो मैदान पर तूफान सा आ गया।
सचिन ने जबरदस्त तरीके से ठोका 19वां शतकसचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने वाले अंदाज में बल्लेबाजी की और महज 128 गेंद में 141 रन ठोक दिए। उन्होंने 3 छक्के लगाए और 13 चौके उनकी पारी में शामिल थे। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को पिच पर वो कोना ही नहीं मिल पा रहा था, जहां सचिन तेंदुलकर से बचा जा सके। नतीजा था कि हर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज की धुनाई हो रही थी। तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविच ने तो पहले 7 ओवर में ही 62 रन पिटवा दिए थे। सचिन को रोकने का कोई तरीका ऑस्ट्रेलियाई टीम को नहीं सूझ रहा था। आखिर में उन्हें राहत तब मिली, जब सचिन तेंदुलकर रनआउट होकर पवेलियन लौट गए।
टीम इंडिया ने ठोके 307 रनसचिन के जबरदस्त प्रहार से टीम इंडिया ने 50 ओवर में 8 विकेट पर 307 रन का स्कोर बनाया। आप हैरान रह जाएंगे कि इसमें अजय जडेजा (71 रन), राहुल द्रविड़ (48 रन) के बाद चौथा बड़ा स्कोर 'Mr Extra' का था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने 25 रन अतिरिक्त के तौर पर दिए थे। इसमें भी मजे की बात ये थी कि सचिन, द्रविड़ और जडेजा, तीनों ही रनआउट होकर वापस लौटे थे।
गेंदबाजी में भी नहीं लेने दी सचिन ने सांसऑस्ट्रेलिया को सचिन की बल्लेबाजी से ही मार नहीं पड़ी। टारगेट का पीछा करते समय सचिन ने गेंद से भी उनकी बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। सचिन तेंदुलकर ने अपनी लेग ब्रेक और ऑफ ब्रेक गेंदबाजी के मिश्रण से 9.1 ओवर में 38 रन देकर 4 कीमती विकेट चटकाए। उनके विकेटों में कप्तान स्टीव वॉ, वनडे के चेज एक्सपर्ट माइकल बेवन, डेमियन मार्टिन और ब्रैड यंग जैसे बल्लेबाज शामिल थे। केवल मार्क वॉ (74) ही उनकी गेंदों का तोड़ निकाल पाए। नतीजा ये रहा कि ऑस्ट्रेलिया 48.1 ओवर में 263 रन पर सिमटकर 44 रन से मुकाबला हार गया।
अजहरुद्दीन के लिए यादगार था मैचयह मैच भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के लिए भी यादगार था। दरअसल वे इस मैच में उतरने के साथ ही 300 वनडे खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए थे। हालांकि बल्ले से यह मैच अजहरुद्दीन के लिए बेहद निराशाजनक रहा और वे 3 गेंद पर 0 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे।
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