नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल जल्द ही चीन जाने वाले हैं। यह दौरा अगले हफ्ते हो सकता है। दिसंबर के बाद यह डोभाल का दूसरा चीन दौरा होगा। इसका मुख्य उद्देश्य आतंकवाद पर सख्त संदेश देना है। साथ ही, भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने पर भी बात होगी। यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन की तैयारी के लिए भी हो रहा है। SCO समिट सितंबर की शुरुआत में चीन में होगा। डोभाल इस दौरान चीन और रूस के अपने समकक्षों से मिलेंगे। उनसे अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत की उम्मीद है।
इजरायल-ईरान जंग के बीच चीन जा रहे डोभाल
इजरायल और ईरान में जंग जारी है। ऐसे में अभी यह तय नहीं है कि ईरान के NSA इस SCO मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं। डोभाल SCO के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी मिल सकते हैं। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि डोभाल चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिलेंगे या नहीं। वांग यी विशेष प्रतिनिधि भी हैं। यह मुलाकात भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और चीन की ओर से पाकिस्तान को सैन्य समर्थन देने के माहौल में हो रही है।
आतंकवाद पर खरी-खरी... पाकिस्तान की होगी बोलती बंद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोभाल आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संदेश देंगे। वह आतंकवादियों को मिलने वाली मदद को रोकने की बात करेंगे। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर भी बातचीत हो सकती है। चीन ने भारत से सीधी फ्लाइट शुरू करने का अनुरोध किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने चीन को कड़ा संदेश दिया था। ये मैसेज सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान की भूमिका को लेकर था।
चीन विदेश मंत्री वांग यी मिलेंगे डोभाल
डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद वांग यी से तुरंत बात की थी। ऐसी खबरें है कि वांग यी भी जल्द ही भारत आ सकते हैं। डोभाल की यात्रा से पहले, SCO NSA के संयुक्त बयान में एक बात पर जोर दिया जा रहा है। भारत चाहता है कि बैठक में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की जाए। वहीं, पाकिस्तान चाहता है कि उसके यहां हुए जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले और बलूच विद्रोहियों की ओर से किए गए बस हमले का भी जिक्र हो।
पहलगाम आतंकी हमले का उठेगा मुद्दा
एक सूत्र ने बताया कि पहलगाम हमला और जाफर एक्सप्रेस की घटना की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में घसीटा जा रहा है। SCO NSA की बैठक से SCO समिट के लिए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को तय करने में मदद मिलेगी। SCO आतंकवाद का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
SCO का एक विशेष एंटी-टेरर यूनिट भी है, जिसे क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) कहा जाता है। RATS आतंकवाद से निपटने के लिए काम करता है। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि SCO NSA की बैठक में क्या फैसला होता है। क्या सभी देश आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े होंगे?
इजरायल-ईरान जंग के बीच चीन जा रहे डोभाल
इजरायल और ईरान में जंग जारी है। ऐसे में अभी यह तय नहीं है कि ईरान के NSA इस SCO मीटिंग में शामिल होंगे या नहीं। डोभाल SCO के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी मिल सकते हैं। सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि डोभाल चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मिलेंगे या नहीं। वांग यी विशेष प्रतिनिधि भी हैं। यह मुलाकात भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और चीन की ओर से पाकिस्तान को सैन्य समर्थन देने के माहौल में हो रही है।
आतंकवाद पर खरी-खरी... पाकिस्तान की होगी बोलती बंद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डोभाल आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संदेश देंगे। वह आतंकवादियों को मिलने वाली मदद को रोकने की बात करेंगे। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने पर भी बातचीत हो सकती है। चीन ने भारत से सीधी फ्लाइट शुरू करने का अनुरोध किया है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारत ने चीन को कड़ा संदेश दिया था। ये मैसेज सीमा पार आतंकवाद और पाकिस्तान की भूमिका को लेकर था।
चीन विदेश मंत्री वांग यी मिलेंगे डोभाल
डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद वांग यी से तुरंत बात की थी। ऐसी खबरें है कि वांग यी भी जल्द ही भारत आ सकते हैं। डोभाल की यात्रा से पहले, SCO NSA के संयुक्त बयान में एक बात पर जोर दिया जा रहा है। भारत चाहता है कि बैठक में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की जाए। वहीं, पाकिस्तान चाहता है कि उसके यहां हुए जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमले और बलूच विद्रोहियों की ओर से किए गए बस हमले का भी जिक्र हो।
पहलगाम आतंकी हमले का उठेगा मुद्दा
एक सूत्र ने बताया कि पहलगाम हमला और जाफर एक्सप्रेस की घटना की तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में घसीटा जा रहा है। SCO NSA की बैठक से SCO समिट के लिए सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को तय करने में मदद मिलेगी। SCO आतंकवाद का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
SCO का एक विशेष एंटी-टेरर यूनिट भी है, जिसे क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (RATS) कहा जाता है। RATS आतंकवाद से निपटने के लिए काम करता है। फिलहाल यह देखना दिलचस्प होगा कि SCO NSA की बैठक में क्या फैसला होता है। क्या सभी देश आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़े होंगे?
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