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मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे के लिए कौन जिम्मेदार? सीएम रेखा गुप्ता ने दिए जांच के आदेश, दिल्ली का सियासी पारा हाई

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नई दिल्ली: सीएम रेखा गुप्ता ने मुस्तफाबाद में बिल्डिंग गिरने के मामले में जांच के आदेश दिए। उन्होंने घटना पर दुख जताया। वहीं मौके पर पहुंचे दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने सख्त लहजे में कहा कि यह दुर्घटना मात्र एक हादसा नहीं, बल्कि गंभीर आपराधिक लापरवाही का परिणाम है और दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।सीएम ने घटना को लेकर सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर दुख जताते हुए लिखा कि यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। तमाम नियमों को ताक पर रख कमजोर बिल्डिंगों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे निर्माणों के लिए जो भी एमसीडी अधिकारी या इंजीनियर जिम्मेदार हैं, उन्हें सजा दी जानी चाहिए। रेखा ने कहा कि कमजोर बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डर भी उतने ही दोषी हैं और उनके खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए। उन्होंने कहा पूरे शहर में ऐसी सभी इमारतों का पता लगाया जाए ताकि उनके खिलाफ एक्शन ले सकें। 'दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी'सीएम ने यह भी कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। राहत और बचाव के कामों में डीडीएमए, एनडीआरएफ, डीएफएस और अन्य एजेंसियां लगातार जुटी हुई है। सभी घायलों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है। वहीं, दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा और मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट घटना स्थल पर पहुंचे और स्थिति व बचाव के कामों का जायजा लिया। मंत्री कपिल पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर और हादसे को दुखद बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पीड़ितों के साथ पूरी संवेदनशीलता के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। 'हादसा नहीं... गंभीर लापरवाही का परिणाम'घटना को लेकर कपिल ने कहा कि यह दुर्घटना मात्र एक हादसा नहीं, बल्कि गंभीर आपराधिक लापरवाही का परिणाम है और दोषियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि घटना की गंभीरता से जांच की जाए और दोषी व्यक्तियों व अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि यह क्षेत्र अवैध रूप से निर्मित 6-7 मंजिला इमारतों से घिरा हुआ है, जो भविष्य में और भी बड़े हादसों को जन्म दे सकती हैं। सीलमपुर, मुस्तफाबाद, जाफराबाद जैसे क्षेत्रों में अवैध निर्माण की भरमार है, और यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। अवैध इमारतों की सूची तैयार होगीउन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि ऐसी सभी इमारतों को चिन्हित कर तत्काल खाली कराया जाए, जिससे समय रहते जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कपिल ने साफ निर्देश दिया कि बिना सरकारी अनुमति और वैध नक्शे के किसी भी प्रकार के निर्माण के काम की अनुमति न दी जाए। मिश्रा ने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हो इसके लिए क्षेत्र की जर्जर और असुरक्षित इमारतों की पहचान कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए उन्होंने दिल्ली नगर निगम के कमिश्निर को निर्देश दिया गया कि आगामी 2-3 दिनों में पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण कर खतरनाक इमारतों की सूची तैयार कर रिपोर्ट पेश की जाए। 'मैंने चुनाव जीता, मेरा एकमात्र मुद्दा...'क्षेत्रीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की बात करते हुए कहा कि अवैध इमारतों का मुद्दा मैंने कई बार उठाया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन से मैंने चुनाव जीता, मेरा एकमात्र मुद्दा अवैध इमारतों पर कार्रवाई करना रहा है। मैंने दिल्ली के उपराज्यपाल, आयुक्त और पुलिस आयुक्त से इस बारे में बात की है। मैंने विधानसभा में भी बार-बार इस मुद्दे को उठाया है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आगे कहा कि गली नंबर पांच, डी-5 में भी हो सकता है, जहां छह-छह, सात-सात मंजिल की इमारतें बना दी गई हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को तुरंत निलंबित करना चाहिए। MCD ने मकान को अवैध निर्माण बताकर झाड़ा पल्लाएमसीडी ने मकान को अवैध निर्माण बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। अब इस मामले में लीपापोती जारी है। बिल्डिंग गिरने के कई कारण बताए जा रहे हैं। बिल्डिंग के पीछे बनी नाली से इमारत के नीचे सालों से जा रहे गंदे पानी को मेन कारण बताया जा रहा है। जिसकी वजह से इमारत की बुनियाद कमजोर हो गई थी। इसके अलावा ग्राउंड फ्लोर की दो दुकानों में चल रहे कंस्ट्रक्शन वर्क को भी हादसे की बजह बताया गया है। क्या बोले एमसीडी अधिकारी? एमसीडी अफसरों का कहना है कि बिल्डिंग मुस्तफाबाद स्थित शक्ति विहार की गली नंबर-1 में 60 वर्ग गज में बनी थी। यह करीब 20 साल पुरानी बताई जा रही है। बिल्डिंग अनधिकृत कॉलोनी में स्थित होने के कारण एमसीडी अफसरों ने इसे अवैध निर्माण बताया है। एमसीडी सूत्रों का कहना है कि बिल्डिंग के ठीक पीछे से एक नाली निकल रही है, जिसमें लीकेज के चलते कई साल से गंदा पानी बिल्डिंग के नीचे जा रहा था। जिसके चलते बिल्डिंग की बुनियाद कमजोर हो गई थी। पिछले कुछ दिनों से बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर दो दुकानों को तोड़कर एक बड़ी दुकान बनाई जा रही थी। तोड़फोड़ के चलते होने वाली कंपन से भी संभवत: बिल्डिंग गिर गई। बिल्डिंग का नक्शा पास था या नहीं, इसके बारे में एमसीडी अफसर छानबीन कर रहे हैं। मुस्तफाबाद हादसे को लेकर AAP नेताओं ने जताया दुखमुस्तफाबाद में हुए हादसे में 11 लोगों की मौत पर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, नेता प्रतिपक्ष आतिशी और मेयर महेश कुमार खिंची समेत अन्य नेताओं ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। मेयर ने निगमायुक्त को जांच करने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर लिखा कि मुस्तफाबाद में बिल्डिंग गिरने की ये घटना बेहद दुखद है। इस हादसे में जिन परिवारों ने अपनों को खोया, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि राहत और बचाव के काम में प्रशासन का पूरा सहयोग करें।वहीं, नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने एक्स पर लिखा कि मुस्तफाबाद में बिल्डिंग गिरने की घटना बेहद दुखद है। इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। उधर, दिल्ली नगर निगम के मेयर महेश कुमार खिंची ने X पर कहा कि इस हादसे में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। उन्होंने एमसीडी के निगमायुक्त अश्वनी कुमार को घटना की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही संबंधित अधिकारियों की लापरवाही के लिए उन्हें सस्पेंड करने के निर्देश दिए। हादसे पर सियासत तेजदिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और साउथ दिल्ली सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दयालपुर में हुए हादसे में 11 लोगों की मौत पर दुख जताया है। बीजेपी नेताओं का आरोप है कि आम आदम पार्टी के एमसीडी की सत्ता में आने के बाद दिल्ली में धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो रहे हैं, जिसके चलते बिल्डिंग गिरने के हादसे भी अधिक होने लगे हैं। बीजेपी नेतओं ने कहा कि एमसीडी कमिश्नर को तुरंत मुस्तफाबाद, करावल नगर, सीलमपुर ओखला, मटिया महल, बल्लीमारन, सदर बाजार जैसे इलाकों में खतरनाक मकानों का सर्वे करवाना चाहिए। बुक की हुई प्रॉपर्टी में रह रहे लोग, हो रही रजिस्ट्रीनॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में चार मंजिला रिहायशी बिल्डिंग गिरने से 11 लोगों की मौत के बाद पूरी दिल्ली में अवैध निर्माणों पर चर्चा हो रही है। पिछले 10 साल में एमसीडी ने अवैध निर्माण के मामले में कुल 76,465 प्रॉपर्टी बुक की, लेकिन कार्रवाई सिर्फ 62.4 प्रतिशत प्रॉपर्टी के खिलाफ ही की। 37.6 प्रतिशत प्रॉपर्टी के खिलाफ कोई ऐक्शन ही नहीं लिया गया। अवैध निर्माणों में बुक 11903 प्रॉपर्टी को एमसीडी ने सील कर छोड़ दिया।एमसीडी सूत्रों के अनुसार ऐसा नहीं है कि जो प्रॉपर्टी अवैध निर्माण के मामले में बुक हो गई, उसमें कोई नहीं रह सकता। जितनी भी प्रॉपर्टी एमसीडी ने अवैध निर्माणों के मामले में बुक की हैं, उसमें से 98 प्रतिशत प्रॉपर्टी में लोग रह रहे हैं। इसी के चलते आए दिन बिल्डिंग गिरने से हादसे हो रहे हैं।
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