नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी और उनके आसपास कुछ लोग नजर आ रहे हैं। पुलिसकर्मी कुछ बात करते हैं, तभी वहां मौजूद लोग उनके ऊपर हमला कर देते हैं। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पुलिस के ऊपर रोहिंग्या हमला कर रहे हैं। सजग टीम ने वीडियो की पड़ताल की और पाया कि यह वीडियो काफी पुराना है, जिसे इस समय शेयर कर भ्रम फैलाया जा रहा है। सोशल मीडिया का दावावीडियो को एक्स (ट्विटर) पर शेयर करते हुए दीपक शर्मा नाम के शख्स ने लिखा है, 'रोहिंग्याओं ने किया पुलिस पे हमला। वीडियो असम की है, जहां एक अपराधी को पकड़ने गई पुलिस को रोहिंग्या मुसलमानों ने घेरकर मारने की कोशिश की। सोचो हिंदुओं, जब पुलिस के ये हालात हैं तो तुम्हारा क्या होगा?' देखिए ट्वीट-इसी तरह के दावे के साथ यह वीडियो यति_शिष्य आचार्य सत्यमित्रानंद गिरि (शम्मी_हिन्दू), मयंक उपाध्याय और बाबा बनारस नाम के हैंडल से भी शेयर किया गया है। देखिए कुछ पोस्ट- क्या है वीडियो का सच?सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसके कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज सर्च के जरिए तलाशा। पड़ताल में हमें कुछ खबरें मिलीं, जिनसे पता चला कि यह वीडियो लगभग दो साल पुराना है। हालांकि, वीडियो की सटीक तारीख और इस घटना के कारण के बारे में खबरों में कुछ नहीं बताया गया है। सर्च में मिली, 29 जून 2024 की असम ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को असम के कैबिनेट मंत्री पीयूष हजारिका ने 28 जून 2024 को शेयर किया था। वीडियो के साथ उन्होंने एक्स पर लिखा था, 'यह घटना कुछ दिन पहले ढिंग में हुई थी। देखिए, कैसे एक विशेष समुदाय के लोग असहिष्णु हैं और हमलावर बनकर ड्यूटी पर मौजूद पुलिस पर हमला कर रहे हैं।'कई मीडिया संस्थानों ने भी यह वीडियो शेयर किया। इसके बाद असम के तत्कालीन डीजीपी जीपी सिंह ने ट्वीट कर कहा कि वायरल हो रहा यह वीडियो पुराना है और इसे शेयर ना करें। ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। खबर में बताया गया है कि यह घटना फरवरी 2023 में नगांव के जुरिया पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सुतिरपार इलाके में हुई थी। देखिए असम के तत्कालीन डीजीपी का ट्वीट-वीडियो से जुड़ी यही जानकारी हमें 28 जून 2024 के इंडिया टुडे NE और MY NEWS NE की खबर में भी मिली। निष्कर्षसोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि रोहिंग्याओं ने पुलिस के ऊपर हमला कर दिया। सजग की पड़ताल में पता चला कि यह वीडियो लगभग 2 साल पुराना है। यह घटना असम की है, लेकिन इसके कारणों का खुलास नहीं हुआ था।
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