रियलिटी टीवी जगत की चर्चित झलकियों में बिग बॉस 19 ने एक बार फिर ड्रामा और विवाद को नए आयाम दिए हैं। इस बार जो मसला सामने आया है, वह केवल बयानबाज़ी का नहीं, बल्कि गालियों, हाथापाई और भावनात्मक टकराव का है। घर के अंदर नेहल चुडासमा और तान्या मित्तल के बीच हुई खुली लड़ाई ने दर्शकों को झटके में डाल दिया।
पिछले कुछ एपिसोड्स में यह तनाव धीरे-धीरे उबल रहा था, लेकिन हाल ही में यह बढ़ गया जब किचन टास्क के दौरान खाने की बहस में नेहल ने तान्या से कहा — “आपके मुंह से बदबू आ रही है!”यह टिप्पणी सुनते ही तान्या गोली सी हो उठीं और उन्होंने जवाब में जोर से पलटवार किया। मामला इतना बिगड़ा कि तान्या ने नेहल को लात मारी और बरास भर धमकी दी — “मैं रोज मारकर चंबल की नदी में फेंक दूंगी।”
घटना इतनी तीखी थी कि बिग बॉस को बीच-बचाव करना पड़ा। लेकिन ये सब नन्हें विवाद नहीं हैं; ये संकेत हैं कि जिस मानसिक दबाव और सामाजिक संघर्ष को यह शो प्रस्तुत करता है, वह नियमों और मर्यादाओं की सीमा तक खींच गया है।
जी हां — “तू छिपकली” जैसा तीखा शब्द भी इस जंग में गूँजा है। माना जाता है कि पहले दिन नेहल ने खुद को शांत दिखाया, लेकिन अंदर चल रही रणनीति और शब्दों का युद्ध घर की राजनीति को पल में बदल देता है।
तनाव सिर्फ दो व्यक्तियों तक सीमित नहीं रहा। घर के अन्य सदस्य भी इस विवाद में शामिल होते दिखे — विरोध, समर्थन और बीच में फँसी दोस्तियाँ। साथी प्रतियोगियों की प्रतिक्रियाएँ इस जंग को और तीखा करती दिखीं।
सोशल मीडिया पर इस विवाद का तूफान भी चल पड़ा है। दर्शकों ने तान्या की आक्रामक शैली की आलोचना की है, वहीं नेहल की शांति बनाए रखने की कोशिश की तारीफ भी हो रही है। कई लोगों ने तान्या को “बुली” कहा, तो कुछ ने शो मेकर्स पर टिप्पणी की कि ऐसा व्यवहार शो की शोभा नहीं बढ़ाता।
अब सवाल यह है कि क्या बिग बॉस 19 में यह संवादयुद्ध और संघर्ष आगे भी जारी रहेगा? और क्या निर्माता इस तरह की अशंस्कृत भावनाओं पर लगाम लगाएंगे, या इसी तरह घर के अंदर “शाब्दिक बमबारी” चलता रहेगा?
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