योगिनी एकादशी हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है। पद्म पुराण सहित कई धार्मिक ग्रंथों में इस एकादशी का महात्म्य वर्णित है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और सत्कर्म करने से मनुष्य के पाप नष्ट हो जाते हैं, और उसे प्रभु की कृपा से जीवन में सुख, स्वास्थ्य, समृद्धि व मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वर्ष योगिनी एकादशी 21 जून 2025, शनिवार को पड़ रही है। इस शुभ अवसर पर कुछ विशेष वस्तुओं का दान करने से न केवल पुण्य लाभ मिलता है, बल्कि जीवन में स्थायी रूप से धन-संपदा का भी आगमन होता है।
योगिनी एकादशी पर इन 5 चीज़ों का दान है विशेष फलदायक
मंदिर में प्याऊ या शीतल जल की व्यवस्था
चूंकि योगिनी एकादशी ग्रीष्म ऋतु में आती है, इसलिए इस दिन किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवाना या शीतल जल की व्यवस्था करना बहुत पुण्यदायी माना जाता है। इससे व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ के साथ-साथ भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। यह सेवा कार्य आत्मिक शांति के साथ सामाजिक दायित्व का भी प्रतीक है।
पीले वस्त्रों का दान
भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। ऐसे में इस दिन पीले वस्त्र का दान विशेष रूप से शुभ माना गया है। जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से जहां एक ओर दरिद्रता दूर होती है, वहीं दूसरी ओर घर में सुख, समृद्धि और शुभता का वास होता है।
अन्न और भोजन का दान
एकादशी के दिन अन्नदान को महादान की संज्ञा दी गई है। इस दिन गरीबों या जरूरतमंदों को अन्न या तैयार भोजन दान करना न केवल पापों का क्षय करता है, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक बनता है कि ईश्वर आपके घर में कभी अन्न का अभाव नहीं होने देंगे। इससे लोक-परलोक दोनों संवरते हैं।
दीपदान का पुण्य
योगिनी एकादशी के दिन किसी भी मंदिर में दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। घी या तेल से दीप प्रज्वलित कर ‘दीपदान’ करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त अंधकार, दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। साथ ही यह शुभ कार्य मानसिक और आत्मिक ऊर्जा को बढ़ाने वाला माना गया है।
केले का दान करें
केला भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय फल माना गया है। इस दिन गरीबों में केला बांटना या मंदिर में अर्पित करना विशेष फलदायक होता है। मान्यता है कि इससे लक्ष्मी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सौभाग्य, ऐश्वर्य व स्थायी सुख की प्राप्ति होती है।
योगिनी एकादशी पर दान, व्रत और सत्कर्म का अत्यधिक महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी श्रद्धालु इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखकर दान करते हैं, उनके जीवन में पाप और रोग समाप्त होते हैं तथा उन्हें भगवान विष्णु की कृपा और लक्ष्मीजी का आशीर्वाद सहज ही प्राप्त हो जाता है। यह दिन केवल धार्मिक अनुष्ठान भर नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान और सामाजिक सेवा का भी प्रतीक है।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक ग्रंथों, मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित हैं। इन्हें अपनाने से पहले परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए किसी योग्य आचार्य या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
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