दोस्तो एक स्वस्थ स्वास्थ्य के लिए केवल स्वस्थ आहार ही नहीं, एक अच्छी नींद जरूरी हैं, लेकिन आप कितनी देर सोते हैं केवल स्वास्थ्य पर इसी का असर नहीं होता हैं बल्कि आप किस करवट सोते हैं ये भी मायने रखता हैं, आप जिस तरह लेटते हैं, उसका सीधा असर आपके पाचन, हृदय स्वास्थ्य, श्वास और यहाँ तक कि आपकी रीढ़ की हड्डी के संरेखण पर भी पड़ता है, आइए जानते हैं आपको रात को किस करवट सोना चाहिए-

बाईं करवट सोने के फ़ायदे
पाचन में सुधार
बाईं करवट सोने से पेट और आँतों को गुरुत्वाकर्षण के अनुसार प्राकृतिक स्थिति में रखने में मदद मिलती है। इससे पाचन सुचारू रूप से होता है और पेट फूलने या बेचैनी से बचाव होता है।
एसिडिटी और गैस से राहत
जो लोग अक्सर रात में एसिडिटी या गैस की समस्या से पीड़ित होते हैं, उन्हें बाईं करवट सोने से काफ़ी राहत मिल सकती है, क्योंकि यह एसिड रिफ्लक्स को रोकता है और बेहतर पाचन को बढ़ावा देता है।

हृदय स्वास्थ्य में सहायक
यह मुद्रा हृदय पर अनावश्यक दबाव को कम करती है, जिससे पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतर ढंग से होता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए अनुशंसित
डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को बाईं करवट सोने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे शिशु तक रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और पैरों में सूजन को रोकने में मदद मिलती है।
विषहरण में सहायक
बाईं करवट सोने से शरीर की लसीका तंत्र के माध्यम से विषाक्त पदार्थों को अधिक प्रभावी ढंग से बाहर निकालने की क्षमता बढ़ जाती है।
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