कोलकाता, 4 मई . सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से कुल 1.662 किलोग्राम वजन के 12 सोने के बिस्कुट जब्त किए हैं. इसके अलावा, उत्तर 24-परगना जिले के तराली में 10.83 किलोग्राम चांदी के आभूषणों के साथ एक भारतीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया है.
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी और प्रवक्ता एनके पांडे ने रविवार को बताया कि सीमा चौकी बानपुर पर तैनात 32वीं बटालियन बीएसएफ के जवानों को विश्वसनीय खुफिया सूचना मिली थी कि बानपुर गांव क्षेत्र के माध्यम से बांग्लादेश से सोने की तस्करी की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने बताया, “इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक योजना बनाई गई. सीमा पर बाड़ के पास घात लगाकर बैठे जवानों ने देखा कि तीन संदिग्ध तस्कर बाड़ के भारतीय हिस्से के पास एक खाई से निकलकर बांग्लादेश की ओर बढ़ रहे हैं जबकि एक अन्य तस्कर को बाड़ के पार उनकी ओर कुछ पैकेट फेंकते हुए देखा गया.”
डीआईजी पांडे ने कहा कि जैसे ही तस्करों ने पैकेटों को इकट्ठा करने का प्रयास किया, जवानों ने तुरंत कार्रवाई की. तस्कर फुलबारी (बानपुर) गांव की ओर भाग गए.
उन्होंने दावा किया, “घनी आबादी वाले इलाके में किसी तरह की क्षति को टालने के लिए जवानों ने हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया और उनका पीछा किया. हालांकि, तीनों जवानों को चकमा देने में कामयाब रहे.”
डीआईजी पांडे ने बताया कि इलाके की तलाशी में तीन प्लास्टिक पैकेटों में लिपटे 12 सोने के बिस्कुट बरामद हुए.
उन्होंने बताया, “सोने का कुल वजन 1,662 ग्राम था और अनुमानित मूल्य 1,56,06,180 रुपए है.”
इस बीच, उन्होंने बताया कि सीमा चौकी तराली पर तैनात 143 बीएन बीएसएफ के जवानों ने एक भारतीय तस्कर को 10.83 किलोग्राम चांदी के आभूषणों के साथ पकड़ा.
उन्होंने कहा, “वह व्यक्ति अपनी मोटरसाइकिल के फ्यूल टैंक के अंदर नित्यानंदकटी चेक पोस्ट के पार आभूषणों की तस्करी करने का प्रयास कर रहा था. जब्त किए गए सोने के बिस्कुट और चांदी के आभूषण संबंधित एजेंसी को सौंप दिए गए हैं और तस्करों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है.”
डीआईजी पांडे ने जवानों की प्रशंसा की और सीमावर्ती निवासियों से आग्रह किया कि वे सोने और चांदी की तस्करी से संबंधित कोई भी जानकारी बीएसएफ की सीमा साथी हेल्पलाइन नंबर 14419 पर दें या व्हाट्सएप के जरिए 9903472227 पर वॉयस या टेक्स्ट मैसेज भेजें.
उन्होंने कहा, “मुखबिरों को पर्याप्त पुरस्कार दिया जाएगा और उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी.”
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एकेएस/एकेजे
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