रायपुर, 10 मई . अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) के स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने के लिए भारत के पहले हाइड्रोजन फ्यूल सेल ट्रक को शनिवार को हरी झंडी दिखाई गई. हाइड्रोजन से चलने वाले ये ट्रक धीरे-धीरे कंपनी के लॉजिस्टिक्स संचालन में इस्तेमाल होने वाले डीजल वाहनों की जगह लेंगे.
अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी ने एक बयान में कहा, “अदाणी, एक भारतीय और एक इंटरनेशनल एनर्जी टेक्नोलॉजी फर्म के अलावा, एक बड़े ऑटो मैन्युफैक्चरर के सहयोग से कार्गो ट्रांसपोर्ट के लिए ‘हाइड्रोजन फ्यूल सेल बैटरी-ऑपरेटेड ट्रक’ को विकसित कर रहा है.”
हर ट्रक स्मार्ट टेक्नोलॉजी और तीन हाइड्रोजन टैंक से लैस हैं, जो 40 टन तक कार्गो को 200 किलोमीटर की रेंज तक लेकर जा सकते हैं.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में पहले ट्रक को हरी झंडी दिखाई.
इसका इस्तेमाल गारे पेल्मा III ब्लॉक से राज्य के पावर प्लांट तक कोयले के परिवहन के लिए किया जाएगा.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ में भारत के पहले हाइड्रोजन-पावर्ड ट्रक की लॉन्चिंग राज्य की सस्टेनेबिलिटी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस तरह की पहल हमारे कार्बन फुटप्रिंट को काफी हद तक कम करेगी और उद्योग के लिए एक नया मानक स्थापित करेगी. छत्तीसगढ़ न केवल देश की बिजली की मांगों को पूरा करने में सबसे आगे है, बल्कि सस्टेनेबल प्रैक्टिस को अपनाने में भी मिसाल कायम करता है.”
राज्य के स्वामित्व वाली छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से गारे पेल्मा III ब्लॉक के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज को माइन डेवलपर और ऑपरेटर के रूप में नियुक्त किया है.
यह परियोजना अदाणी नेचुरल रिसोर्सेज (एएनआर) और अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) के बीच एक संयुक्त प्रयास है, जो अदाणी एंटरप्राइजेज का हिस्सा हैं.
एएनआर, एएनआईएल से हाइड्रोजन सेल प्राप्त करेगा, जो ग्रीन हाइड्रोजन, विंड टर्बाइन, सोलर मॉड्यूल और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग में भी शामिल है.
अदाणी एंटरप्राइजेज के नेचुरल रिसोर्सेज सीईओ डॉ. विनय प्रकाश ने कहा, “हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रकों की पहल, डीकार्बोनाइजेशन और जिम्मेदार माइनिंग के प्रति अदाणी समूह की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. हम स्वायत्त डोजर पुश टेक्नोलॉजीज, सोलर पावर, डिजिटल पहल और पेड़ों को स्थानांतरित करने के लिए ट्री-ट्रांसप्लांटर को शामिल कर न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव वाली मॉडल माइन्स बना रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करना है, साथ ही सस्टेनेबल माइनिंग प्रैक्टिस में नए मानकों का नेतृत्व करना है.”
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एसकेटी/एबीएम
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