मुंबई, 2 जुलाई . मुंबई के मालवणी इलाके में मालवणी पुलिस ने कोडीन कफ सिरप की 700 से अधिक बोतलें जब्त कीं और दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान नावेद अब्दुल हामिद बटाटावाला (27) और रिजवान वकील अंसारी (29) के रूप में हुई है.
कोडीन कफ सिरप डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं बेचा जाता है. नशे के आदी लोग इसका व्यापक रूप से दुरुपयोग करते हैं. अब्दुल हामिद और अंसारी के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्स्टांसेस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि कोडीन फॉस्फेट के साथ मिश्रित कफ सिरप वाली 700 बोतलें जब्त की गईं. कोडीन फॉस्फेट एक प्रकार का ओपिओइड दर्द निवारक है, जो कई देशों में केवल डॉक्टर के पर्चे के जरिए उपलब्ध होता है, क्योंकि इसकी लत लगने और दुरुपयोग की संभावना सबसे ज्यादा होती है.
मालवानी पुलिस टीम को विशेष सूचना मिली थी और उसने मंगलवार को मलाड पश्चिम के मार्वे रोड स्थित एमवी देसाई ग्राउंड के पास 29 वर्षीय रिजवान अंसारी और 27 वर्षीय नावेद बटाटावाला को हिरासत में लिया. दोनों आरोपी डोंगरी के रहने वाले हैं.
डीसीपी आनंद भोइते और सीनियर इंस्पेक्टर शैलेंद्र नागरकर की निगरानी में सब-इंस्पेक्टर दीपक हिंदे ने उन पर नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. बोतलों को बोरियों में भरकर ले जाया जा रहा था. कोडीन का इस्तेमाल हल्के से मध्यम दर्द से तत्काल राहत के लिए किया जाता है.
इसका उपयोग डॉक्टर्स के सलाह पर ही किया जाना चाहिए. क्योंकि, जब कोडीन से बनी दवा शरीर में प्रवेश करती है और लीवर में मेटाबोलाइज होती है, तो इस प्रक्रिया में कोडीन का एक हिस्सा मॉर्फिन में बदल जाता है जो दर्द और खांसी को कम करने में अहम भूमिका निभाता है. मॉर्फिन तंत्रिका तंत्र को धीमा कर देता है और शरीर को आराम का एहसास कराता है. लेकिन, इसकी लत लगने का खतरा कहीं ज्यादा बना रहती है.
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विकास/एएस
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