तेल अवीव, 27 जून . इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने शुक्रवार को जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि आईडीएफ (इजरायल डिफेंस फोर्सेज) ने गाजा में निहत्थे और मानवीय सहायता का इंतजार कर रहे लोगों पर गोली नहीं चलाई.
इजरायल के अखबार हारेत्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईडीएफ ने गाजा में न सिर्फ घृणित रक्त-अपराध किए बल्कि मानवीय सहायता के इंतजार में खड़े लोगों पर गोली चलाने का आदेश दिया. अखबार में प्रकाशित इस रिपोर्ट को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि आईडीएफ के सैनिकों को निर्दोष लोगों को नुकसान न पहुंचाने के स्पष्ट आदेश दिए गए हैं और वे इसका पालन करते हैं.
दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान में कहा कि यह “दुर्भावनापूर्ण झूठ” है जो “विश्व की सबसे नैतिक सेना” आईडीएफ को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया है. आईडीएफ आतंकवादी दुश्मनों के खिलाफ कठिन परिस्थितियों में काम करता है.
इजरायल सभी स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देशों से आह्वान करता है कि वह हमास आतंकवादी संगठन के खिलाफ न्यायपूर्ण और नैतिक लड़ाई में उसके साथ खड़े हों.
ईरान और इजरायल के बीच हाल ही में एक भीषण युद्ध समाप्त हुआ है. लेकिन इजरायल और हमास के बीच गाजा में लंबे समय से युद्ध चल रहा है. इस युद्ध में गाजा में मानवीय और आर्थिक भारी नुकसान हुआ है. इजरायली मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में गाजा में संघर्ष विराम पर सहमति बनी है. रिपोर्ट की मानें तो गाजा में चल रहा संघर्ष अगले दो सप्ताह में समाप्त हो सकता है.
कई मोर्चों पर युद्धरत इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार का मुकदमा भी चल रहा है. गाजा में युद्ध विराम से वह अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में राहत की उम्मीद कर रहे हैं. उन्हें डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन भी मिल रहा है. ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर इजरायल में नेतन्याहू के मुकदमे को बंद करने की मांग की.
इजरायली अधिकारियों का कहना है कि यह पोस्ट अचानक नहीं आया, इसके पीछे एक बड़ा राजनयिक मकसद है, गाजा युद्ध खत्म करना, बंधकों की रिहाई और नेतन्याहू की क्षमा.
–
पीएके/एकेजे