विशाखापट्टनम, 27 जुलाई . आंध्र प्रदेश के राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने मेजर कविता वासुपल्ली को उनके असाधारण साहसिक कार्यों के लिए सम्मानित किया और आंध्र प्रदेश के युवाओं के लिए उनकी प्रेरणादायक यात्रा को अनुकरणीय बताया.
सुदूर श्रीकाकुलम जिले के मेट्टुरू गांव की रहने वाली मेजर कविता इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण हैं कि कैसे साहस, अनुशासन और सपने ग्रामीण भारत के शांत कोनों में भी अपनी पहचान बना सकते हैं.
उन्होंने हाल ही में विशाल ब्रह्मपुत्र नदी पर 1,040 किलोमीटर का राफ्टिंग अभियान पूरा करने वाली एकमात्र महिला बनकर इतिहास रच दिया. यह यात्रा खतरों, प्राकृतिक सुंदरता और अथक चुनौतियों से भरी थी. इस उपलब्धि के लिए उनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (लंदन) में दर्ज हो गया है.
इस अभियान के बारे में बात करते हुए मेजर कविता ने कहा, “ब्रह्मपुत्र नदी शानदार थी, लेकिन निर्दयी भी. एक दिन एक विशाल लहर ने हमें इतनी जोर से टक्कर मारी कि हमारा बेड़ा पलट गया. उन कुछ सेकंड में, हम पूरी तरह से पानी में डूब गए, हमें यकीन नहीं था कि हम जिंदा बच पाएंगे या नहीं. हम घबराए नहीं. हमें अपनी ट्रेनिंग पर भरोसा था. हमने एक-दूसरे का साथ दिया और हम बच गए. उस पल ने मुझे दिखाया कि जिंदगी और मौत के बीच कितनी पतली रेखा है और साहस और शांति कितनी शक्तिशाली हो सकती है.”
राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने मेजर कविता की बातों को गहरी दिलचस्पी के साथ सुना. उन्होंने कहा, “हम अक्सर ब्रह्मपुत्र की आध्यात्मिक या भौगोलिक कहानियां सुनते हैं, लेकिन इस तरह की साहसिक कहानी सुनकर अच्छा लगा. मेजर कविता की कहानी दृढ़ संकल्प और साहस की कहानी है. उन्होंने आंध्र प्रदेश और हर उस भारतीय को गौरवान्वित किया है जो अपनी सशस्त्र सेनाओं पर गर्व करता है.”
राज्यपाल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनसे दूसरों को प्रेरित करते रहने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि अपने राज्य और देश का नाम रोशन करती रहिए. आपकी यात्रा गांवों, कस्बों और शहरों की लड़कियों के सपनों को जगाएगी.
एक साधारण परिवार में जन्मी कविता के पिता रेलवे क्लर्क और मां गृहिणी हैं. उन्होंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की और श्रीकाकुलम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस पूरी की. वह 2021 में डॉक्टर के रूप में भारतीय सेना में शामिल हुईं. केवल चार वर्षों में वह न केवल एक समर्पित चिकित्सा अधिकारी के रूप में बल्कि साहस और नेतृत्व की एक साहसी मिसाल भी बन गई हैं.
उन्होंने ऊंचाई पर भी अद्वितीय साहस का परिचय दिया है. माउंट गोरीचेन पर एक पर्वतारोहण अभियान के दौरान उन्होंने एक साथी पर्वतारोही की जान बचाई, जो 5,900 मीटर की ऊंचाई पर बेहोश हो गया था.
भारतीय सेना में चिकित्सा अधिकारी मेजर कविता वासुपल्ली ने विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए ब्रह्मपुत्र नदी राफ्टिंग अभियान में एकमात्र महिला प्रतिभागी के रूप में अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया है. उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा के निकट गेलिंग गांव से भारत-बांग्लादेश सीमा के निकट हाटसिंगिमारी तक 28 दिनों में 1,040 किलोमीटर की दूरी तय की.
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एकेएस/एबीएम
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