पलक्कड़, 18 अक्टूबर . केरल के नेनमारा सजीता हत्याकांड में दोषी ठहराए गए चेंथमारा (54) को Saturday को पलक्कड़ की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय-चार ने दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई.
अदालत ने हत्या, साक्ष्य नष्ट करने और घर में घुसपैठ के अपराध में यह सजा दी. साथ ही, चेंथमारा पर 3.25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. यह फैसला छह साल की लंबी सुनवाई के बाद आया है, जो राज्य में न्याय व्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है.
घटना 31 अगस्त 2019 की है. नेनमारा बोयन कॉलोनी में चेंथमारा ने अपनी पड़ोसी सजीता (35) की हत्या कर दी थी. पलक्कड़ की रहने वाली सजीता दो बेटियों की मां थी. उस दिन सजीता घर पर अकेली थीं, बच्चे स्कूल में थे और पति सुधाकरन तमिलनाडु में काम पर गया था. चेंथमारा ने चाकू लेकर सजीता के किचन में घुसकर उनकी गर्दन काट दी. Police के अनुसार, चेंथमारा का मानना था कि सजीता ने ही उसकी पत्नी को छोड़ने के लिए भ्रम पैदा किया था. हत्या के बाद वह नेल्लीयम्पाथी जंगल में भाग गया, लेकिन अगले ही दिन गिरफ्तार हो गया.
अभियोजन पक्ष ने 34 गवाहों के बयान, 63 दस्तावेज और भौतिक साक्ष्य पेश किए. इसमें फोरेंसिक रिपोर्ट, चाकू और अन्य सामान शामिल थे. चेंथमारा की पत्नी ने भी गवाही दी कि आरोपी ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया था. 14 अक्टूबर को अदालत ने उसे दोषी ठहराया था. जज केनेथ जॉर्ज ने कहा कि अपराध की क्रूरता को देखते हुए सजा सख्त होनी चाहिए.
यह सजा चेंथमारा की पहली हत्या के मामले में है. जमानत पर बाहर आने के बाद 27 जनवरी 2025 को उसने सजीता के पति सुधाकरन (54) और मां लक्ष्मी (75) की भी हत्या कर दी थी. वह इन दोनों को भी अपनी पारिवारिक समस्या का जिम्मेदार मानता था. इस डबल मर्डर के बाद जमानत रद्द हो गई और चेंथमारा को गिरफ्तार कर लिया गया.
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एसएचके/वीसी
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