Next Story
Newszop

'हम पर लग रहा कार्यपालिका के अधिकारों में दखल देने का आरोप', बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर बोले जस्टिस गवई

Send Push

नई दिल्ली, 21 अप्रैल . वक्फ कानून लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है. वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. हालांकि, बंगाल में राष्ट्रपति लगाने की मांग पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा, ” वैसे भी हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं.”

दरअसल, वकील विष्णु शंकर जैन ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने जस्टिस गवई की बेंच से कहा कि राज्य में मौजूदा हिंसा को देखते हुए अर्धसैनिक बलों की तत्काल तैनाती की आवश्यकता है.

विष्णु जैन की टिप्पणी पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को आदेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप है. हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं.

विष्णु जैन ने कहा कि इस मामले पर पहले से बंगाल में पोस्ट पोल हिंसा की मेरी याचिका लंबित है, जिस पर कोर्ट 2022 में नोटिस जारी कर चुका है. यह मामला कल सुनवाई के लिए लिस्टेड है. इसी मामले में हमने बंगाल में वर्तमान हिंसा को लेकर एक अर्जी दाखिल की है, जिसमें अर्धसैनिक बलों की तैनाती, तीन रिटायर जजों की निगरानी में जांच कराने और राज्यपाल से इस मामले की रिपोर्ट मांगने की अपील की है. इसमें हिंदुओं के पलायन संबंधी जानकारी मुहैया कराने की भी याचना की गई है.

दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. इस हिंसा से डरकर दर्जनों परिवारों का पलायन जारी है.

इस हिंसा के बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था, “अगर सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है तो संसद को बंद कर देना चाहिए.”

हालांकि, भाजपा ने सांसद निशिकांत दुबे और पार्टी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश पर दिए गए बयान से किनारा कर लिया है. दोनों नेताओं ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट की चल रही सुनवाई के संदर्भ में न्यायपालिका की भूमिका पर सवाल उठाए. भारतीय जनता पार्टी ने इन बयानों से किनारा करते हुए इसे इन नेताओं की व्यक्तिगत राय करार दिया और ऐसी टिप्पणियों से बचने का निर्देश जारी किया.

एफएम/केआर

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now