ग्रेटर नोएडा, 24 जून . ईरान द्वारा सोमवार को कतर में अमेरिका के एयरबेस के साथ इराक, बहरीन के एयरबेस पर हमले की खबर आई थी. इसके बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी. बैठक के बाद कहा गया कि ईरान ने इस हमले की जानकारी दी थी. ईरान के इस हमले में कोई क्षति नहीं पहुंची थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान किया. भारतीय सेना के रिटायर कर्नल और रक्षा विशेषज्ञ शिवदान सिंह ने कहा कि सीजफायर का ऐलान जब तक ईरान-इजरायल नहीं करते तब तक इसे आधिकारिक नहीं माना जाएगा.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए शिवदान सिंह ने कहा कि युद्ध ईरान और इजरायल के बीच हुआ है. अमेरिका इसमें तीसरा पक्ष है. ईरान और इजरायल लंबे समय से एक दूसरे के खिलाफ रहे हैं. हमास, हिजबुल्ला और हूती सभी ईरान समर्थित आतंकी संगठन हैं, जो इजरायल के खिलाफ लड़ते रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इजरायल एक छोटा देश है और चारों तरफ दुश्मनों से घिरा हुआ है. लेकिन, इसके बावजूद इस देश ने खुद को मजबूत बनाया है और अपने हर दुश्मन का डटकर मुकाबला किया है. सीजफायर का ऐलान अमेरिका की तरफ से किया गया है. ईरान या इजरायल ने इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा है.
शिवदान सिंह ने कहा कि अमेरिका सोचता है कि वो सुपर पावर है और उसकी बात मान ली जाएगी. लेकिन, मैं आपको बता दूं कि ईरान शुरुआत से ही उसके विरोध में है और अमेरिका की घोषणा को शायद ही वो माने. ईरान ने अमेरिका द्वारा उसके परमाणु संयंत्रों पर किए हमले का जवाब दिया है. इजरायल भी ईरान पर फायर कर रहा है. ईरान भी इजरायल पर हमले कर रहा है. ऐसे में जबतक इजरायल और ईरान की तरफ से सीजफायर की घोषणा नहीं की जाती है. सीजफायर आधिकारिक नहीं मानी जा सकती है.
ईरान और इजरायल के बीच जंग में अमेरिका ने सीधा हस्तक्षेप करते हुए ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया था. इसके जवाब में ईरान की तरफ से सोमवार को कतर, इराक और बहरीन में अमेरिकी सैन्य बेस पर हमले की खबरें आई थी. इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर बयान जारी किया था.
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पीएके/जीकेटी
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