बीजिंग, 28 सितंबर . चीन एक बड़ा देश है और यहां कई नदियां बहती हैं, इनका संरक्षण और संवर्धन पर्यावरण के लिहाज से काफी अहम है. हाल के वर्षों में चीन Government ने नदियों आदि के रखरखाव व स्वच्छता पर बहुत ध्यान दिया है. नदियों का संरक्षण न केवल सांस्कृतिक लिहाज से जरूरी है, बल्कि आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. बता दें कि चीन में बहने वाली नदियों में यांग्त्ज़ी नदी और पीली नदी सबसे बड़ा स्थान रखती हैं. यांग्त्ज़ी नदी चीन की सबसे बड़ी और सबसे लंबी नदी मानी जाती है. यह दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है, जो देश के मध्य भाग से होकर बहती है. दूसरी सबसे लंबी नदी पीली नदी है, जो उत्तरी चीन में स्थित है. पीली नदी को चीन की मातृ नदी का दर्जा भी हासिल है.
समय-समय पर चीन की केंद्र Government और विभिन्न विभाग नदियों की पारिस्थितिक सभ्यता और संरक्षण को लेकर योजनाएं बनाते रहते हैं. इसी संदर्भ में दुनिया की प्रमुख नदी सभ्यताओं के विशेषज्ञों ने पिछले दिनों चीन के छोंगछिंग में संस्कृतियों के संरक्षण और संवर्धन पर विचार-विमर्श किया.
नदियों और समुद्रों को जोड़ना, सभ्यताओं के ज्ञान को साझा करना विषय पर आयोजित 2025 यांग्त्ज़ी नदी सभ्यता मंच का मुख्य उद्देश्य यांग्त्ज़ी नदी की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और दुनिया की प्रमुख नदी सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान को गहरा करना था.
यहां बता दें कि यांग्त्ज़ी नदी के ऊपरी भाग में स्थित, छोंगछिंग चीन के पश्चिमी क्षेत्रों और छंगदू-छोंगछिंग आर्थिक क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय विकास कार्यक्रमों में एक रणनीतिक धुरी के रूप में महत्वपूर्ण भौगोलिक लाभ प्रदान करता है. यह बेल्ट एंड रोड पहल और यांग्त्ज़ी नदी आर्थिक बेल्ट के लिए एक संपर्क बिंदु भी है.
विशेषज्ञ कहते हैं कि चीनी नागरिकों को यांग्त्ज़ी नदी की संस्कृति की रक्षा और संवर्धन करने की आवश्यकता है. यह यांग्त्ज़ी नदी आर्थिक क्षेत्र के उच्च-गुणवत्तापूर्ण विकास के लिए व्यापक आध्यात्मिक प्रेरणा बनती है.
गौरतलब है कि यांग्त्ज़ी नदी छिंगहाई-तिब्बत पठार के ग्लेशियरों से 6,300 किलोमीटर की दूरी तय कर छोंगछिंग होते हुए हूबेई प्रांत के वुहान और जिआंगसू प्रांत की राजधानी नानचिंग से होकर शांगहाई में पूर्वी चीन सागर तक पहुंचती है.
यह नदी हज़ारों वर्षों से अपने किनारे रहने वाले लोगों को प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर भोजन प्रदान करती रही है. चीनी सभ्यता के उद्गम स्थलों में से एक इस नदी से 40 करोड़ से ज़्यादा लोग पानी हासिल करते हैं.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग, अनिल पांडेय)
–
एएस/
You may also like
आई लव मोहम्मद प्रदर्शन: मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान कौन हैं?
1October 2025 Rashifal: इन जातकों को मिल सकता है कोई सुखद समाचार, इनको मिलेगा लाभ
सिर्फ ₹50 में मिलेगी मजबूत पहचान! जानिए PVC Aadhaar Card कैसे मंगवाएं घर बैठे
टाटा इनवेस्टमेंट के शेयरों में रिकॉर्ड वृद्धि, 5 साल में 1100% से अधिक का लाभ
लेह शहर में सात घंटे के लिए कर्फ्यू में दी गई ढील, एक हफ्ते बाद मिली राहत