साध्वी बनीं पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने गोरखपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर कहा कि “वह आतंकवादी नहीं है, बल्कि गलत तरीके से पेश किया गया.” इस बयान से राजनीतिक हलचल मच गई है. ममता, जिन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में संन्यास लिया था, अब आध्यात्मिक जीवन जी रही हैं और सनातन धर्म की सेवा में लगी हैं.
कभी बॉलीवुड की ग्लैमरस अभिनेत्री ममता कुलकर्णी आज एक साध्वी के रूप में अपनी नई पहचान के साथ सुर्खियों में हैं. मगर इस बार वजह आध्यात्मिक नहीं, बल्कि विवादित है. गोरखपुर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ममता ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर ऐसा बयान दे दिया, जिसने देशभर में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा कि दाऊद इब्राहिम को “आतंकवादी” के रूप में गलत तरीके से पेश किया गया है.
ममता के इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों तक बहस छेड़ दी है. उन्होंने साफ कहा कि “दाऊद का किसी बम ब्लास्ट या आतंकी साजिश से कोई लेना-देना नहीं था, मीडिया और कुछ राजनीतिक ताकतों ने उसे सालों से बदनाम किया.” वहीं, इससे पहले ममता गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर चुकी थीं और उन्होंने अपने साध्वी जीवन को सनातन धर्म की सेवा के लिए समर्पित बताया था.
ममता कुलकर्णी का चौंकाने वाला बयानगोरखपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ममता ने कहा, “दाऊद इब्राहिम आतंकवादी नहीं है, उसे वर्षों से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया.” उन्होंने दावा किया कि किसी भी बम ब्लास्ट या आतंकी घटना में उसका नाम प्रमाणित रूप से नहीं जुड़ा है. उनके इस बयान के बाद कई राजनीतिक दलों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं.
साध्वी ममता का आध्यात्मिक सफर90 के दशक की हिट अभिनेत्री अब ‘ममता नंद गिरी’ के नाम से जानी जाती हैं. उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में किन्नर अखाड़े से दीक्षा ली थी और बाद में महामंडलेश्वर का पद भी प्राप्त किया. हालांकि शुरुआती विवादों के चलते उन्होंने पद से इस्तीफा दिया, लेकिन दो दिन बाद उन्हें फिर वही पद सौंप दिया गया. ममता ने कहा कि वे अब अपना जीवन पूरी तरह सनातन धर्म और किन्नर अखाड़े की सेवा में समर्पित करेंगी.
बॉलीवुड से अध्यात्म तक का सफरममता कुलकर्णी का फिल्मी करियर 1991 में तमिल फिल्म नन्नबरगल से शुरू हुआ था. 1995 में आई करण अर्जुन ने उन्हें बॉलीवुड में बड़ी पहचान दिलाई. इसके बाद वे सबसे बड़ा खिलाड़ी, बाजी और क्रांतिवीर जैसी फिल्मों में नजर आईं. लेकिन करियर के उफान पर ही उनका नाम ड्रग्स और अंडरवर्ल्ड कनेक्शन से जुड़ने लगा, जिसके बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली और दुबई चली गईं.
25 साल बाद भारत वापसीकरीब ढाई दशक तक दुबई में रहने के बाद ममता कुलकर्णी पिछले साल भारत लौटीं. प्रयागराज महाकुंभ के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से संन्यास लिया और आध्यात्मिक जीवन अपनाया. उस समय उनके पिंडदान और दीक्षा की रस्में महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने संपन्न कराई थीं.
दाऊद पर बयान से मचा बवालदाऊद इब्राहिम को लेकर दिया गया ममता का बयान अब चर्चा का केंद्र बन गया है. जहां कुछ लोग इसे “आध्यात्मिक दृष्टिकोण से दिया गया व्यक्तिगत मत” बता रहे हैं, वहीं कई लोग इसे “आतंक के खिलाफ देश के रुख के विपरीत” मानते हुए आलोचना कर रहे हैं. कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता ने शायद बिना सोचे-समझे ऐसा बयान दिया है जो कानूनी विवाद भी खड़ा कर सकता है.
ममता बोलीं- मुझे सच्चाई कहने से डर नहींमीडिया के सवालों पर ममता ने कहा कि वे जो महसूस करती हैं वही कहती हैं. “मैंने जीवन में बहुत कुछ देखा है, अब मुझे किसी की आलोचना या भय से फर्क नहीं पड़ता,” उन्होंने कहा. साध्वी ममता कुलकर्णी का यह बयान उनके आध्यात्मिक जीवन और अतीत दोनों को एक बार फिर सुर्खियों के केंद्र में ले आया है.
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