बीजेपी सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा की। बीजेपी ने उन पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की भाषा बोलने का आरोप लगाया।
यह प्रतिक्रिया खरगे के उस बयान के बाद आई, जिसमें उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर कहा कि आरएसएस पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, क्योंकि यह संगठन देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी समस्याओं का जिम्मेदार है।
खरगे ने यह भी स्पष्ट किया कि यह उनका व्यक्तिगत विचार है और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकारी कर्मचारियों को संघ से जुड़ने की अनुमति देकर पटेल की विरासत का अपमान किया है।
बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पलटवार करते हुए कहा, 'हम खरगे की आरएसएस पर की गई टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हैं। आज उन्होंने आरएसएस के बारे में जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा-ए-हिंद की भाषा है।'
पात्रा ने कहा कि खरगे को ऐसी 'आपत्तिजनक' टिप्पणी करने से पहले आरएसएस और देश के इतिहास के बारे में पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि खरगे को यह भी 'जानना और समझना' चाहिए कि महात्मा गांधी, बीआर आंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने संघ के बारे में क्या कहा था।
पात्रा ने उल्लेख किया कि 1934 में वर्धा में एक संघ शिविर का दौरा करने के बाद, महात्मा गांधी ने कहा था कि वे संगठन में अनुशासन और अस्पृश्यता की अनुपस्थिति देखकर बहुत आश्चर्यचकित थे।
उन्होंने यह भी कहा कि 1939 में पुणे में एक संघ शिविर का दौरा करने के बाद, आंबेडकर ने कहा कि वे संगठन में उच्च और निम्न जातियों के बीच पूर्ण समानता देखकर खुश हैं। इसके अलावा, '1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद, जवाहरलाल नेहरू ने संघ को 1963 के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था और संघ ने इसमें भाग लिया था... यह सब इतिहास में दर्ज है।'
बीजेपी नेता ने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के मामले में कपूर आयोग ने स्पष्ट किया था कि आरएसएस का इससे कोई संबंध नहीं है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी सार्वजनिक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी से लेकर नेहरू और इंदिरा गांधी तक, सभी ने संघ की तारीफ की। मल्लिकार्जुन खरगे को आरएसएस और देश का इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्हें यह जानना और समझना चाहिए कि कांग्रेस के कई नेताओं ने संघ के बारे में क्या कहा।
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