सुप्रिया सुले
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन के बाद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि आरक्षण केवल उन लोगों के लिए होना चाहिए जिन्हें इसकी वास्तविक आवश्यकता है। सुले ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति शिक्षित है और उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत है, तो उसके लिए आरक्षण की मांग करना उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनका बच्चा मुंबई के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ रहा है, तो चंद्रपुर के किसी गरीब बच्चे को ऐसी शिक्षा की अधिक आवश्यकता हो सकती है।
सुले ने इस मुद्दे पर खुली चर्चा की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि हमें इस पर विचार-विमर्श करना चाहिए। उन्होंने कॉलेजों और समाज में इस विषय पर बातचीत करने का आग्रह किया ताकि आम जनता की राय जान सकें।
आर्थिक और जाति आधार पर आरक्षणसुप्रिया सुले ने यह भी सवाल उठाया कि क्या आरक्षण आर्थिक स्थिति पर आधारित होना चाहिए या जाति पर। इस दौरान एक सर्वेक्षण किया गया, जिसमें अधिकांश लोग आर्थिक आधार पर आरक्षण के पक्ष में दिखाई दिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, सुले ने कहा कि उन्हें युवा पीढ़ी, विशेषकर जेन जेड के साथ जुड़ाव महसूस होता है, जो उन्हें प्रेरित करता है कि वे सभी हितधारकों की राय जानें।
मराठा आंदोलन के बाद की स्थितिसुले का यह बयान हाल ही में महाराष्ट्र में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन के संदर्भ में आया है। कार्यकर्ता मनोज जरांगे और उनके समर्थकों ने मराठाओं के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए थे। महाराष्ट्र सरकार ने उनकी कई मांगों को स्वीकार कर लिया, जिसमें योग्य मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल था। इसके बाद आंदोलन को वापस ले लिया गया, जिससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण लाभों पर असर पड़ा।
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