न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश के बलिया और बागपत ज़िलों में जमीन के नीचे कच्चे तेल के भंडार की संभावना को लेकर चर्चा हो रही है। ओएनजीसी (ऑइल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड) द्वारा किए गए तकनीकी सर्वेक्षणों के आधार पर इन क्षेत्रों में कच्चे तेल की मौजूदगी के संकेत मिले हैं, जिसके चलते ड्रिलिंग की योजना बनाई जा रही है।
इसके अलावा, अलीगढ़ जिले के अतरौली तहसील में गंगा किनारे स्थित भवीगढ़ गांव में भी तेल और गैस के प्राकृतिक स्रोतों के संकेत मिले हैं। ये संकेत 2018 में ओएनजीसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के बाद सामने आए थे।
बलिया ज़िले के हैबतपुर गांव में भी कच्चे तेल के भंडार की संभावना जताई गई है। ओएनजीसी ने इस क्षेत्र में अमेरिकी सैसमिक मशीनों का उपयोग कर एक तकनीकी सर्वे रिपोर्ट तैयार की, जिसमें बताया गया है कि जमीन के लगभग चार किलोमीटर नीचे भारी मात्रा में कच्चा तेल मौजूद है।
बागपत ज़िले के किरठल क्षेत्र में भी कच्चे तेल के संकेत मिले हैं। ओएनजीसी की टीम ने इस क्षेत्र में सर्वेक्षण के दौरान तेल के संकेतों का पता लगाया और आगे की जांच प्रक्रिया को गहराई से शुरू किया। यदि यहां कच्चा तेल पाया जाता है, तो यह उत्तर प्रदेश के तेल उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में कच्चे तेल की संभावना
बलिया और बागपत के अलावा, उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी कच्चे तेल की संभावना जताई जा रही है। यदि कच्चे तेल के भंडार मिलते हैं, तो यह राज्य के आर्थिक विकास में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। इससे न केवल तेल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे और राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
ओएनजीसी की भूमिका
ओएनजीसी, जो भारत की सबसे बड़ी तेल और गैस अन्वेषण और उत्पादन कंपनी है, ने अपने सर्वेक्षणों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में कच्चे तेल के महत्वपूर्ण भंडार की संभावना को उजागर किया है। तकनीकी उपकरणों और वैज्ञानिक विश्लेषण के जरिए, ओएनजीसी ने इन क्षेत्रों में तेल के संकेतों की पहचान की है और आगे की जांच के लिए तैयार है।
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