म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना आसान लगता है- ऐप खोलिए, स्कीम चुनिए और बस! लेकिन असली चालाकी तो वहीं है जहां हम अक्सर चूक जाते हैं. कई लोग बिना सोचे-समझे निवेश कर देते हैं, दूसरों की सलाह पर चल पड़ते हैं या फिर सिर्फ रिटर्न देखकर किसी फंड को चुन लेते हैं. नतीजा? उम्मीदें टूटती हैं और पैसे डूबने का डर सताने लगता है.
आज हम उन कॉमन लेकिन महंगी गलतियों की बात करेंगे जो म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त लोग अक्सर करते हैं. अगर आप सच में अपने निवेश से फायदा कमाना चाहते हैं, तो इन बातों को नजरअंदाज न करें.
बिना जानकारी के निवेश करना
अगर आप फंड के बारे में ठीक से समझे बिना उसमें पैसा लगा रहे हैं, तो ये बिल्कुल वैसा है जैसे आंख बंद करके रास्ता में चलना. हर म्यूचुअल फंड का एक मकसद होता है- कोई ग्रोथ के लिए है, कोई इनकम के लिए. इसलिए जरूरी है कि आप देखें वो फंड आपके निवेश के लक्ष्य से मेल खाता है या नहीं. इसके साथ ही, उसका पिछला रिकॉर्ड भी देख लें.
सब कुछ एक ही जगह लगाना
अगर आपने सारा पैसा एक ही फंड में या सिर्फ शेयर मार्केट में लगा दिया, तो खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने पैसे को शेयर, बॉन्ड, डेट फंड जैसे अलग-अलग जगहों पर लगाएं. इससे नुकसान होने की संभावना कम होती है.
फंड के जोखिम को न समझना
हर फंड में अलग-अलग तरह का जोखिम होता है. कुछ फंड ज्यादा रिटर्न देते हैं, लेकिन उनमें नुकसान का खतरा भी ज्यादा होता है. अगर आप ज़्यादा जोखिम नहीं झेल सकते, तो ऐसे फंड में पैसा लगाना समझदारी नहीं है. पहले यह तय करें कि आप कितनी रिस्क लेने के लिए तैयार हैं, फिर उसी के अनुसार फंड चुनें.
फंड्स की गलत तुलना करना
हर फंड का उद्देश्य और तरीका अलग होता है. अगर आप सिर्फ रिटर्न देखकर दो फंड्स की तुलना करते हैं, तो आप गलत फंड में निवेश कर सकते हैं. पहले यह तय करें कि आपका इन्वेस्टमेंट गोल क्या है, आप कितने समय तक निवेश करना चाहते हैं और कितना रिस्क ले सकते हैं, फिर उसी के हिसाब से फंड्स की तुलना करें.
पिछले रिटर्न के पीछे भागना
अगर कोई फंड हाल ही में अच्छा चला है, तो जरूरी नहीं कि वो आगे भी अच्छा ही चलेगा. इसलिए सिर्फ पिछले कुछ महीनों के रिटर्न देखकर फंड न चुनें. बेहतर होगा कि आप देखें वह फंड लंबे समय में कैसा रहा है, जैसे- 3 साल या 5 साल में.
जरूरत से ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद रखना
कई लोग सोचते हैं कि म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते ही कुछ ही महीनों में बड़ा रिटर्न मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता. मार्केट ऊपर-नीचे होता रहता है और म्यूचुअल फंड का असली फायदा समय के साथ दिखता है.
डरकर फैसला लेना
जैसे ही मार्केट थोड़ा गिरता है, कुछ लोग घबरा जाते हैं और अपना पैसा निकाल लेते हैं, जिससे नुकसान हो जाता है. ध्यान रखें, म्यूचुअल फंड एक लंबे समय का निवेश होता है. गिरावट के समय धैर्य रखना जरूरी है और अपने असली फाइनेंशियल गोल पर ध्यान बनाए रखें.
आज हम उन कॉमन लेकिन महंगी गलतियों की बात करेंगे जो म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त लोग अक्सर करते हैं. अगर आप सच में अपने निवेश से फायदा कमाना चाहते हैं, तो इन बातों को नजरअंदाज न करें.
बिना जानकारी के निवेश करना
अगर आप फंड के बारे में ठीक से समझे बिना उसमें पैसा लगा रहे हैं, तो ये बिल्कुल वैसा है जैसे आंख बंद करके रास्ता में चलना. हर म्यूचुअल फंड का एक मकसद होता है- कोई ग्रोथ के लिए है, कोई इनकम के लिए. इसलिए जरूरी है कि आप देखें वो फंड आपके निवेश के लक्ष्य से मेल खाता है या नहीं. इसके साथ ही, उसका पिछला रिकॉर्ड भी देख लें.
सब कुछ एक ही जगह लगाना
अगर आपने सारा पैसा एक ही फंड में या सिर्फ शेयर मार्केट में लगा दिया, तो खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने पैसे को शेयर, बॉन्ड, डेट फंड जैसे अलग-अलग जगहों पर लगाएं. इससे नुकसान होने की संभावना कम होती है.
फंड के जोखिम को न समझना
हर फंड में अलग-अलग तरह का जोखिम होता है. कुछ फंड ज्यादा रिटर्न देते हैं, लेकिन उनमें नुकसान का खतरा भी ज्यादा होता है. अगर आप ज़्यादा जोखिम नहीं झेल सकते, तो ऐसे फंड में पैसा लगाना समझदारी नहीं है. पहले यह तय करें कि आप कितनी रिस्क लेने के लिए तैयार हैं, फिर उसी के अनुसार फंड चुनें.
फंड्स की गलत तुलना करना
हर फंड का उद्देश्य और तरीका अलग होता है. अगर आप सिर्फ रिटर्न देखकर दो फंड्स की तुलना करते हैं, तो आप गलत फंड में निवेश कर सकते हैं. पहले यह तय करें कि आपका इन्वेस्टमेंट गोल क्या है, आप कितने समय तक निवेश करना चाहते हैं और कितना रिस्क ले सकते हैं, फिर उसी के हिसाब से फंड्स की तुलना करें.
पिछले रिटर्न के पीछे भागना
अगर कोई फंड हाल ही में अच्छा चला है, तो जरूरी नहीं कि वो आगे भी अच्छा ही चलेगा. इसलिए सिर्फ पिछले कुछ महीनों के रिटर्न देखकर फंड न चुनें. बेहतर होगा कि आप देखें वह फंड लंबे समय में कैसा रहा है, जैसे- 3 साल या 5 साल में.
जरूरत से ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद रखना
कई लोग सोचते हैं कि म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते ही कुछ ही महीनों में बड़ा रिटर्न मिल जाएगा, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता. मार्केट ऊपर-नीचे होता रहता है और म्यूचुअल फंड का असली फायदा समय के साथ दिखता है.
डरकर फैसला लेना
जैसे ही मार्केट थोड़ा गिरता है, कुछ लोग घबरा जाते हैं और अपना पैसा निकाल लेते हैं, जिससे नुकसान हो जाता है. ध्यान रखें, म्यूचुअल फंड एक लंबे समय का निवेश होता है. गिरावट के समय धैर्य रखना जरूरी है और अपने असली फाइनेंशियल गोल पर ध्यान बनाए रखें.
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