भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने हाल ही में एक जरूरी फैसला लिया है। रेपो रेट को 5.5% पर पहले जैसा ही रखा गया है। यह देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इसके साथ ही, कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) में कटौती की गई है, जिससे बैंकों के पास ज्यादा पैसा आ सकेगा और वो लोगों को ज्यादा लोन दे सकेंगे।
अब सवाल यह है कि इस फैसले का आम लोगों और निवेश करने वालों पर क्या असर होगा? इस पर म्यूचुअल फंड के जानकारों ने क्या कहा है, आइए जानते हैं।
RBI ने क्या फैसला लियाभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी नीतियों से जुड़े फैसले में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है और रेपो रेट को 5.5% पर पहले जैसा ही रखा है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है। इसे न बदलने का मतलब है कि RBI देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई दोनों को संतुलन में रखना चाहता है। इसके साथ ही, CRR यानी कैश रिजर्व रेश्यो में भी थोड़ी कटौती की गई है, जिससे बैंकों के पास ज्यादा पैसा आ सकेगा और वे लोगों को ज्यादा लोन दे पाएंगे। इससे बाजार में पैसा बढ़ेगा। RBI ने कहा है कि यह Accommodation Withdrawal का हिस्सा है, यानी अब धीरे-धीरे बाजार से ज्यादा पैसा हटाया जाएगा ताकि महंगाई को कंट्रोल किया जा सके।
म्यूचुअल फंड विशेषज्ञ क्या कहते हैं
निलेश शाह ( मैनेजिंग डायरेक्टर, कोटक महिंद्रा एएमसी)
निलेश शाह, कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर, ने RBI के फैसले को बहुत सोच-समझकर लिया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह नीति महंगाई और आर्थिक विकास दोनों को संतुलित रखने की कोशिश करती है। उनका मानना है कि इस फैसले से बाजार में स्थिरता बनी रहेगी और निवेशकों को भरोसा मिलेगा।
स्नेहा राय ( फंड मैनेजर, SBI म्यूचुअल फंड )
डायनामिक बॉन्ड फंड्स निवेशकों के लिए अच्छे हैं क्योंकि ये ब्याज दरों के बदलाव के हिसाब से अपने निवेश को बदल सकते हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो ऐसे फंड्स से अच्छा मुनाफा मिलता है। जो लोग थोड़े समय के लिए सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए लिक्विड फंड्स बेहतर होते हैं। खासकर ऐसे फंड्स जो ज्यादातर सरकारी कर्ज या अच्छे क्रेडिट वाले कर्ज में निवेश करते हैं, ये सुरक्षित और आसानी से निकाले जा सकने वाले होते हैं। ऐसे फंड्स में निवेश करके आप बेहतर शेयर के मौके तक पैसा बचा सकते हैं।
परिजात अग्रवाल ( यूनियन एसेट मैनेजमेंट में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख )
दुनिया में चल रही अस्पष्ट हालात और टैरिफ की वजह से बाजार में थोड़ी उथल-पुथल हो सकती है, लेकिन वर्तमान में रियल रिटर्न काफी अच्छे हैं। इसलिए परिजात अग्रवाल ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे घबराएं नहीं और इस अनुकूल माहौल में निवेश जारी रखें ताकि बेहतर लाभ उठा सकें।
निवेशकों के लिए सुझावइस नीति से निवेशकों के पास कई अच्छे विकल्प हैं जैसे डायनामिक बॉन्ड फंड्स, जो ब्याज दरों के बदलाव से फायदा देते हैं, शॉर्ट-टू-मीडियम ड्यूरेशन फंड्स, जो बीच के समय के लिए सही हैं, हाइब्रिड फंड्स, जो टैक्स बचाने में मदद करते हैं, और लिक्विड फंड्स, जो जरूरी समय में तुरंत पैसा निकालने के काम आते हैं। RBI ने अपनी नीति में ब्याज दरों को स्थिर रखा है ताकि आर्थिक विकास और महंगाई दोनों पर कंट्रोल बना रहे। जैसा कि एक्सपर्ट्स का मानना है यह निवेशकों के लिए एक अच्छा और स्थिर मौका है। फिर भी, निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि को ध्यान में रखकर सही म्यूचुअल फंड चुनना चाहिए और महंगाई व आर्थिक हालात पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि भविष्य में नीति में बदलाव हो सकता है।
अब सवाल यह है कि इस फैसले का आम लोगों और निवेश करने वालों पर क्या असर होगा? इस पर म्यूचुअल फंड के जानकारों ने क्या कहा है, आइए जानते हैं।
RBI ने क्या फैसला लियाभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी नीतियों से जुड़े फैसले में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया है और रेपो रेट को 5.5% पर पहले जैसा ही रखा है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है। इसे न बदलने का मतलब है कि RBI देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई दोनों को संतुलन में रखना चाहता है। इसके साथ ही, CRR यानी कैश रिजर्व रेश्यो में भी थोड़ी कटौती की गई है, जिससे बैंकों के पास ज्यादा पैसा आ सकेगा और वे लोगों को ज्यादा लोन दे पाएंगे। इससे बाजार में पैसा बढ़ेगा। RBI ने कहा है कि यह Accommodation Withdrawal का हिस्सा है, यानी अब धीरे-धीरे बाजार से ज्यादा पैसा हटाया जाएगा ताकि महंगाई को कंट्रोल किया जा सके।
म्यूचुअल फंड विशेषज्ञ क्या कहते हैं
निलेश शाह ( मैनेजिंग डायरेक्टर, कोटक महिंद्रा एएमसी)
निलेश शाह, कोटक महिंद्रा एएमसी के मैनेजिंग डायरेक्टर, ने RBI के फैसले को बहुत सोच-समझकर लिया गया कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह नीति महंगाई और आर्थिक विकास दोनों को संतुलित रखने की कोशिश करती है। उनका मानना है कि इस फैसले से बाजार में स्थिरता बनी रहेगी और निवेशकों को भरोसा मिलेगा।
स्नेहा राय ( फंड मैनेजर, SBI म्यूचुअल फंड )
डायनामिक बॉन्ड फंड्स निवेशकों के लिए अच्छे हैं क्योंकि ये ब्याज दरों के बदलाव के हिसाब से अपने निवेश को बदल सकते हैं। जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो ऐसे फंड्स से अच्छा मुनाफा मिलता है। जो लोग थोड़े समय के लिए सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए लिक्विड फंड्स बेहतर होते हैं। खासकर ऐसे फंड्स जो ज्यादातर सरकारी कर्ज या अच्छे क्रेडिट वाले कर्ज में निवेश करते हैं, ये सुरक्षित और आसानी से निकाले जा सकने वाले होते हैं। ऐसे फंड्स में निवेश करके आप बेहतर शेयर के मौके तक पैसा बचा सकते हैं।
परिजात अग्रवाल ( यूनियन एसेट मैनेजमेंट में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख )
दुनिया में चल रही अस्पष्ट हालात और टैरिफ की वजह से बाजार में थोड़ी उथल-पुथल हो सकती है, लेकिन वर्तमान में रियल रिटर्न काफी अच्छे हैं। इसलिए परिजात अग्रवाल ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे घबराएं नहीं और इस अनुकूल माहौल में निवेश जारी रखें ताकि बेहतर लाभ उठा सकें।
निवेशकों के लिए सुझावइस नीति से निवेशकों के पास कई अच्छे विकल्प हैं जैसे डायनामिक बॉन्ड फंड्स, जो ब्याज दरों के बदलाव से फायदा देते हैं, शॉर्ट-टू-मीडियम ड्यूरेशन फंड्स, जो बीच के समय के लिए सही हैं, हाइब्रिड फंड्स, जो टैक्स बचाने में मदद करते हैं, और लिक्विड फंड्स, जो जरूरी समय में तुरंत पैसा निकालने के काम आते हैं। RBI ने अपनी नीति में ब्याज दरों को स्थिर रखा है ताकि आर्थिक विकास और महंगाई दोनों पर कंट्रोल बना रहे। जैसा कि एक्सपर्ट्स का मानना है यह निवेशकों के लिए एक अच्छा और स्थिर मौका है। फिर भी, निवेशकों को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि को ध्यान में रखकर सही म्यूचुअल फंड चुनना चाहिए और महंगाई व आर्थिक हालात पर ध्यान देना चाहिए क्योंकि भविष्य में नीति में बदलाव हो सकता है।
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