पीबीकेएस के कप्तान श्रेयस अय्यर ने भी स्वीकार किया कि टीम ने पिच को पढ़ने में गलती की जिसका खामियाजा उनको भुगतना पड़ा है।
मैच के बाद श्रेयस ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो विकेट को पढ़ने के मामले में हम थोड़े भ्रमित थे। हार के घाव अभी भी हरे हैं। हमने कई विकेट बेतरतीब ढंग से खो दिए। इसलिए, वापस जाकर अध्ययन करने के लिए बहुत कुछ है।"
श्रेयस ने कहा, "लड़ाई हारी है, लेकिन युद्ध नहीं" क्योंकि रविवार को उसे दूसरा मौका मिलेगा। जहां वह इस सीजन में की गई कड़ी मेहनत को अमलीजामा पहनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
दरअसल, यह पिच वही थी जिस पर न्यू चंडीगढ़ में पिछली बार इन दोनों टीमों के बीच लीग मुकाबला खेला गया था। इसके बाद से इस स्टेडियम में यह पहला मुकाबला था। मैच से दो दिन पहले पिच पर पानी दिया गया था और पिच पर रोल किया। पिच पर एक छोर पर अधिक घास थी तो दूसरी ओर इसको सूखा छोड़ा गया था। ऐसे में शुरुआती पांच-छह ओवर इस पिच पर अधिक आक्रामक नहीं होकर ध्यान से खेलने की जरूरत थी, लेकिन पीबीकेएस के बल्लेबाज ऐसा करने में नाकाम रहे।
मैच के बाद जब पत्रकार वार्ता में आए जॉश हेजलवुड से पिच पर असमतल उछाल या भारत में अन्य पिचों के मुक़ाबले तेज पिच महसूस होने के बारे में पूछा गया तो वह भी इससे सहमत दिखे।
हेजलवुड ने कहा, "जब हम यहां पर पिछला मैच खेले थे, वह दिन का मैच था, तो पिच में कुछ अलग नहीं दिख रहा था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस पिच ने मुझे थोड़ा सा आश्चर्य में डाला। इस पिच पर घास अधिक थी और यह एक बाउंसी विकेट था, जिस पर अधिक उछाल मिल रहा था।"
पंजाब की बल्लेबाजी अप्रोच से हर कोई हैरान था। लगातार विकेट गिरते जा रहे थे, लेकिन तब भी उनके अप्रोच में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला था। क्या उनके पास प्लान बी नहीं था या फिर वे स्कोर को आरसीबी की पहुंच से दूर ले जाने को लेकर उत्सुक थे।
हेजलवुड ने कहा, "जब हम यहां पर पिछला मैच खेले थे, वह दिन का मैच था, तो पिच में कुछ अलग नहीं दिख रहा था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस पिच ने मुझे थोड़ा सा आश्चर्य में डाला। इस पिच पर घास अधिक थी और यह एक बाउंसी विकेट था, जिस पर अधिक उछाल मिल रहा था।"
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Article Source: IANS
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