Harbhajan Singh and Andrew Symonds Monkeygate: भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज सिर्फ बेहतरीन क्रिकेट के लिए नहीं, दोनों टीम के खिलाड़ियों के बीच आपसी टकराव के लिए भी खूब मशहूर हैं। ऐसा ही एक किस्सा हरभजन सिंह और ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स के बीच 2007-08 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के झगड़े का है। इसी को 'मंकीगेट' के नाम से मशहूरी मिली। असल में इन दोनों के बीच झगड़े के साथ-साथ और भी बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसने माहौल को एकदम गरमा दिया था। चलिए सीधे चलते हैं उस टेस्ट पर : टेस्ट कौन सा था : सीरीज का दूसरा टेस्ट, सिडनी क्रिकेट ग्राउंड, सिडनी, 2-6 जनवरी 2008, मेहमान टीम इंडिया का ऑस्ट्रेलिया टूर ऑस्ट्रेलिया 463 (एंड्रयू साइमंड्स 162, ब्रैड हॉग 79, कुंबले 4-106, आरपी सिंह 4-124) और 401-7 (माइक हसी 145*, मैथ्यू हेडन 123, एंड्रयू साइमंड्स 61, कुंबले 4-148) भारत 532 (सचिन तेंदुलकर 154*, वीवीएस लक्ष्मण 109, हरभजन 63, ब्रैट ली 5-119) और 210 (सौरव गांगुली 51, माइकल क्लार्क 3-5, एंड्रयू साइमंड्स 3-51) ऑस्ट्रेलिया 122 रन से जीत मैच ऑफ द मैच एंड्रयू साइमंड्स हुआ क्या था : रिकी पोंटिंग की ऑस्ट्रेलिया टीम, मेलबर्न में पहले टेस्ट में 337 रन की बड़ी जीत से सीरीज में 1-0 से आगे थी और अब नजर लगातार 16वीं टेस्ट जीत पर थी ताकि स्टीव वॉ की टीम के रिकार्ड की बराबरी कर सकें। इसलिए 2 जनवरी से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में खेले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की, पांचवें दिन टेस्ट खत्म होने से कुछ मिनट पहले की 122 रन से जीत और भी ख़ास हो गई। बात सिर्फ ये नहीं है, और जो कुछ हुआ वह इससे भी बड़ा था। देखिए : * अंपायरों स्टीव बकनर और मार्क बेन्सन ने कई विवादास्पद फैसले दिए जिनमें से ज्यादातर में भारत को नुकसान हुआ और हार में हिस्सेदार बने। * टेस्ट से 12 साल बाद, रिकी पोंटिंग ने माना कि मैच में कुछ बड़े और गलत अंपायरिंग फैसले भारत के खिलाफ गए। * उसी साल स्टीव बकनर ने अपनी दो ऐसी गलतियां मानीं जिनसे भारत टेस्ट हार गया। * ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों और हरभजन सिंह के खेल भावना को ताक पर रख, खराब व्यवहार से टेस्ट बड़ा बदनाम हुआ। * इस जीत से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर ऑस्ट्रेलिया का अधिकार पक्का हो गया। सबसे बड़ा मामला था एंड्रयू साइमंड्स और हरभजन सिंह का। टेस्ट के तीसरे दिन भारत ने 216-3 से आगे खेलना शुरू किया पर गांगुली (78 गेंद पर 67) के आउट होने के बाद पारी लड़खड़ाई। तेंदुलकर के साथ आखिर में हरभजन टिके और 8वें विकेट की पार्टनरशिप 100 से ज्यादा की हो गई। हरभजन को आउट न कर पाने की बौखलाहट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी, ख़ास तौर पर साइमंड्स, स्लेजिंग करने लगे। इसी में बहस हुई, अंपायर बेन्सन ने माहौल शांत किया पर ये सब रुका नहीं और आरोप लगा कि उसी के गुस्से में हरभजन ने एंड्रयू साइमंड्स को 'मंकी' कह दिया। गुस्सा भड़क गया। इसे नस्लभेद का कमेंट माना गया और शिकायत हो गई। बस उसके बाद तो माहौल और खराब हो गया और आग में घी डाला अंपायरों की गलतियों ने। टेस्ट खत्म होने के बाद जब टीम इंडिया ग्राउंड से बाहर जा रही थी तो आस्ट्रेलियाई टीम की तारीफ़ के शोर में टीम इंडिया की हूटिंग शामिल थी। भारत ने गुस्से में प्रेजेंटेशन का बॉयकॉट कर दिया। अनिल कुंबले ने कमेंट किया- 'सिर्फ एक टीम खेल की भावना से खेल रही है।' उधर भारतीय मीडिया के सवालों पर पोंटिंग परेशान हो गए। इसके बाद क्या हुआ : अब आते हैं उस 'मंकी' वाले मुद्दे पर। इस विवाद ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट में एक काला अध्याय जोड़ दिया। एंड्रयू साइमंड्स ने नस्लीय टिप्पणी का मामला खूब उछाला और सब जानते थे कि ऐसे मामले में बड़ी सजा मिलती है। बहस इंटरनेशनल स्तर पर भी होने लगी। अब हरभजन ने सफाई दी कि उन्होंने तो 'तेरी मां की...' कहा था। चूंकि तेंदुलकर तब क्रीज पर ही थे इसलिए उनकी गवाही ख़ास बन गई। देखिए आगे क्या हुआ : * तेंदुलकर ने बीसीसीआई को एक संदेश भेजा कि हरभजन निर्दोष है और बोर्ड को उसे सपोर्ट करना चाहिए। * जांच में हरभजन को खेल भावना से न खेलने का दोषी माना और उन्हें सजा दी। * बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ब्रैड हॉग की शिकायत की- आरोप लगाया कप्तान अनिल कुंबले और उप-कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 'हरामी' कहा। किसे क्या सजा मिली : बेन्सन और बकनर ने हरभजन की शिकायत की मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर से। हरभजन के 'मंकी' कहने से इनकार और कप्तान अनिल कुंबले के सपोर्ट के बावजूद हरभजन पर तीन टेस्ट मैच का बैन लगा दिया। इस पर भारतीय टीम ने विरोध किया और टूर बीच में छोड़ने की धमकी दी। बड़ी कड़वाहट पैदा हो गई थी। बैन के विरुद्ध अपील के नतीजे के आने तक टूर रोक दिया। अगला मैच खेलने कैनबरा नहीं गए और टूर बस में ही कई घंटे इंतजार करते रहे। आखिर में सिडनी में ही रुक गए। मामला बिगड़ता देख आईसीसी को बीच में आना पड़ा। आईसीसी सीईओ मैल्कम स्पीड ने कहा कि अपील सुनने के लिए एक कमिश्नर नियुक्त करेंगे। जब अगले टेस्ट तक अपील पर सुनवाई नहीं की जा सकी तो आईसीसी ने हरभजन को हाल फिलहाल खेलने की इजाजत दे दी। उधर आईसीसी ने अपील के लिए न्यूजीलैंड हाई कोर्ट के जज जॉन हैनसेन को अपॉइंट कर दिया। सुनवाई एडिलेड में चौथे टेस्ट के बाद 29 और 30 जनवरी को तय हुई। ये बात अलग है कि हरभजन पर्थ में तीसरे टेस्ट में नहीं खेले (क्योंकि एक ही स्पिनर कुंबले को खिलाया) लेकिन एडिलेड में चौथे टेस्ट के लिए टीम में वापस लौट आए। आखिर में 28 जनवरी को, एडिलेड में जॉन हैनसेन ने सुनवाई के बाद कहा कि हरभजन सिंह पर नस्लवाद का आरोप 'सिद्ध नहीं' होता और इस तरह 3 टेस्ट का बैन हटा लिया। हां, अपमानजनक भाषा इस्तेमाल करने के आरोप में मैच फीस का 50% जुर्माना लगा दिया। यहां ये बताना जरूरी है कि 2011 में ऐसा संयोग बना कि ये दोनों ही आईपीएल के लिए मुंबई इंडियंस की टीम में थे। एंड्रयू साइमंड्स ने शैम्पेन की बोतल पर हरभजन से दोस्ती की। Also Read: LIVE Cricket Score- चरनपाल सिंह सोबती
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