अमेरिका के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने फ़ॉक्स न्यूज़ के एक कार्यक्रम में पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान को 'कुछ हद तक ज़िम्मेदार' बताते हुए भारत के साथ सहयोग करने की उम्मीद जताई है.
बीते गुरुवार को दिए साक्षात्कार में वेंस ने कहा कि वॉशिंगटन को उम्मीद है कि हालिया हमले के बाद 'भारत की प्रतिक्रिया एक व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष में तब्दील नहीं होगी.'
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में एक कश्मीरी पोर्टर समेत 26 लोग मारे गए थे जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है.
भारत ने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है जबकि पाकिस्तान ने पानी रोकने या मोड़ने की किसी कारवाई को 'जंग की कार्रवाई' मानने की चेतावनी दी है.
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समाचार एजेंसी , फॉक्स न्यूज़ के 'स्पेशल रिपोर्ट विद ब्रेट बेयर' शो में उन्होंने कहा, "हमें आशा है कि इस आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया इस तरह होगी कि व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष न छिड़े."
उन्होंने , "और हम स्पष्ट रूप से आशा करते हैं कि पाकिस्तान, जिस भी हद तक वह ज़िम्मेदार है, भारत का सहयोग ये सुनिश्चित करने के लिए करेगा कि आतंकियों का पता लगाया जाए और उनसे निपटा जाए."
उन्होंने कहा, "जब संघर्ष की नौबत आती है, ख़ासकर दो परमाणु हथियार संपन्न शक्तियों के बीच, तो हम उनसे संपर्क में रहते हैं."
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के समय वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस और बच्चों के साथ भारत दौरे पर थे और हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई थी.

एक दिन पहले अमेरिकी विदेश मंत्री के फ़ोन कॉल और अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के ताज़ा बयान को लेकर भारत में कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.
अंतराष्ट्रीय मामलों के जानकार और जेएनयू में प्रोफ़ेसर अमिताभ मट्टू ने एक्स पर कि,"जेडी वेंस के शब्दों का अर्थ हैः आतंकवादी हमलों पर भारत की उचित प्रतिक्रिया के लिए पूरा समर्थन; पाकिस्तान से उसकी धरती पर सक्रिय आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग. और इस बात की आशा जताई है कि इससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं छिड़ेगा."
वरिष्ठ पत्रकार सिद्धांत साइबल ने एक्स पर कि, "भारत पाकिस्तान के हालात पर अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत के लिए कहा है कि इस चरमपंथी हमले के ख़िलाफ़ प्रतिक्रिया से व्यापक क्षेत्रीय टकराव नहीं भड़कना चाहिए."
"और पाकिस्तान से कहा है कि उसे भारत के साथ सहयोग करना होगा ताकि उसकी ज़मीन पर मौजूद आतंकियों को पकड़ा जा सके."
वरिष्ठ पत्रकार गीता मोहन ने एक्स पर कि 'भारत पाकिस्तान के बीच परमाणु हथियार संपन्न हॉटस्पाट को लेकर अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस चिंतित हैं और चाहते हैं कि आतंकियों को तलाशने के लिए पाकिस्तान भारत के साथ सहयोग करे.'
मोदी और इंडिया किताब के लेखक और पत्रकार राहुल शिवशंकर ने , "जब पहलगाम की घटना हुई, तब उप राष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में थे... उन्होंने आतिथ्य का आनंद लिया, लेकिन एक सप्ताह बाद वे बिना शर्त पाकिस्तान को दोषी ठहराने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाए. इसके बजाय उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान चाहे जिस हद तक ज़िम्मेदार हो' उसे भारत के साथ 'सहयोग' करना चाहिए."
ऑब्ज़र्व रिसर्च फ़ाउंडेशन में सीनियर फ़ेलो और रक्षा विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने इसका जवाब देते हुए अपने एक्स अकाउंट पर है, "हम किस बात की शिकायत कर रहे हैं?....हम लोग व्यक्तिगत बातों को राजनीतिक और राष्ट्रीय बातों से मिला देते हैं और खुद को मूर्ख बना लेते हैं, गोरे लोग कहीं ज़्यादा समझदार और व्यावसायिक होते हैं?"
रणनीतिक मामलों के जानकार ब्रह्म चेलानी ने एक दिन पहले एक्स पर कि अमेरिकी विदेश मंत्री की कॉल कूटनीतिक रूप से न्यूट्रल दिखने की कोशिश है और यह 'आतंकी हमले की गंभीरता' और 'जवाबदेही को तय' करने को कम करने की कोशिश है.
गुरुवार को अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेट ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की और कहा कि 'अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और उसके आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है.'
भारतीय रक्षा मंत्री के कार्यालय की ओर से एक्स पर जारी एक के अनुसार, "पीट हेगसेट ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत के प्रयासों के प्रति अपना समर्थन दोहराया तथा पहलगाम हमले में हुई मौतों पर खेद व्यक्त किया."
बयान में कहा गया है, "उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री को यह भी बताया कि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण करने का इतिहास रहा है. अंतराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के जघन्य कृत्यों की स्पष्ट और एकमत होकर निंदा करनी चाहिए."
बुधवार को ही अमेरिका के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की थी और तनाव कम करने का आग्रह किया था और एक 'जवाबदेह समाधान तक पहुंचने' की अपील की.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप समेत अमेरिका के शीर्ष नेता इस हमले की निंदा कर चुके हैं और इसे 'आतंकी' और 'अविवेकपूर्ण' क़रार दिया है.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने एक बार फ़िर दोहराया है कि 'पाकिस्तान के पास बहुत विश्वसनीय और प्रमाणिक ख़ुफ़िया जानकारी थी कि भारत पाकिस्तान पर हमला करेगा.'
दो दिन पहले तरार ने आधी रात के बाद जल्दबाज़ी में एक बयान जारी कर कहा था कि 'भारत 24 से 36 घंटे के अंदर हमला करने की मंशा रखता है.'
अब अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन को दिए साक्षात्कार में तरार ने इस सूचना को साझा करने के पीछे वजह बताई है.
उन्होंने कहा, "मैंने समय पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ वह जानकारी साझा की और जब आप समय पर दुनिया को सूचित करते हैं तो यह प्रक्रिया हमला रोकने का एक साधन भी साबित होती है."
कार्यक्रम होस्ट बेकी एंडरसन ने पूछा कि क्या जानकारी साझा करने से भारतीय हमले की संभावना कम हो गई, तरार ने , "किसी को रोकने के तीन तरीके हैं: पहला है आपकी क्षमता, दूसरा है हमारे राष्ट्र का दृढ़ संकल्प और तीसरी बात है सूचित रहना, अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सूचित रखना."
लंबे समय से पश्चिम के रणनीतिक सहयोगी रहे पाकिस्तान की अहमियत अफ़ग़ानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद से ही कम हो गई है जबकि चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करने के अमेरिका के लक्ष्य में भारत अमेरिका के एक महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में सामने आया है.
भारत ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया है जबकि पाकिस्तान ने इसकी ज़िम्मेदारी लेने से इनकार किया है और एक निष्पक्ष जांच में सहयोग करने की पेशकश की है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह दक्षिण एशिया के दो परमाणु सम्पन्न पड़ोसी देशों के साथ कई स्तरों पर संपर्क में है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के ज़िम्मेदार लोगों को है. इस बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने कहा है कि भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई की आशंका है.
भारत ने दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था और कहा है कि पाकिस्तान में एक बूंद भी पानी नहीं जाने दिया जाएगा.
वहीं पाकिस्तान ने कहा है कि भारत अगर पानी रोकता है तो उसे 'जंग की कार्रवाई' के रूप में देखा जाएगा.
दोनों ही देशों ने एक दूसरे देश के विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र बंद कर दिए हैं. भारत के प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना को सैन्य कार्रवाई की पूरी छूट दे दी है.
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