
दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में शनिवार सुबह से लगातार हुई भारी बारिश ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है.
दार्जिलिंग के एसडीओ रिचर्ड लेप्चा ने बताया कि अब तक मिली ख़बरों के मुताबिक़, 23 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, इनमें से सात दार्जिलिंग सबडिवीजन और 11 मिरिक में मारे गए हैं. मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है.
भारी बारिश से मिरिक-दूधिया के बीच लोहे का एक पुल टूट गया है. कई इलाकों में मकान ढह गए हैं.
जिला प्रशासन के सूत्रों के मुताबिक़, कई दुर्गम स्थानों से अभी तक जान-माल के नुकसान की पूरी जानकारी नहीं मिल सकी है.
कई इलाके डूबे, हजारों पर्यटक फंसे
दार्जिलिंग के साथ ही सिक्किम का संपर्क भी देश के अन्य हिस्सों से कट गया है. उत्तर बंगाल की नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ने से कई इलाके डूब गए हैं, जिससे हजारों पर्यटक फंस गए हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पर्यटकों से धैर्य बनाए रखने की अपील करते हुए उनकी सुरक्षित वापसी का भरोसा दिलाया है.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पुलिस की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं.
दार्जिलिंग जिला प्रशासन सूत्रों ने बताया कि मिरिक में नौ, सुकियापोखरी में सात और बिजनबाड़ी में एक व्यक्ति की मौत हुई है. दार्जिलिंग के पास शाम को मलबे से एक शव बरामद किया गया.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने पिछले 27 साल में ऐसी बारिश और तबाही नहीं देखी.
दार्जिलिंग के चौक बाज़ार निवासी विवेक प्रदान ने बीबीसी हिंदी को फ़ोन पर बताया, "बारिश तो शनिवार सुबह से ही हो रही थी. लेकिन शाम होते ही यह काफी तेज हो गई. पूरी रात एक मिनट के लिए भी बारिश नहीं थमी."
उन्होंने बताया कि पीक सीजन होने के कारण इलाके में पर्यटकों की भारी भीड़ थी. सोमवार को लक्ष्मी पूजा होने के कारण उनमें से ज्यादातर को आज ही लौटना था. लेकिन सिलीगुड़ी तक पहुंचने के तमाम रास्ते बंद हो जाने के कारण हजारो लोग यहां फंस गए हैं.
अलीपुर मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार सुबह आठ बजे से रविवार सुबह आठ बजे तक यानी चौबीस घंटों के दौरान अकेले दार्जिलिंग में 261 मिमी बारिश हुई है. बीते 23 सितंबर को 24 घंटे के दौरान कोलकाता में 251 मिमी बारिश हुई थी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इन घटनाओं में जान-माल के नुकसान पर शोक जताया है.
उन्होंने कोलकाता में पत्रकारों से कहा, "यह हादसा दुर्भाग्यपूर्ण है. लेकिन प्राकृतिक विपदा पर हमारा कोई वश नहीं है. मैं मर्माहत हूं. बारिश के कारण भूटान से आने वाले पानी के कारण उत्तर बंगाल के कई इलाके डूब गए हैं."

कर्सियांग के एएसपी अभिषेक राय ने बताया कि दार्जिलिंग-कर्सियांग के बीच दिलाराम के पास भूस्खलन से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है.
मिरिक-दूधिया के पास पुल टूट जाने से दार्जिलिंग से सिलीगुड़ी जाने का वैकल्पिक रास्ता भी बंद है.
सिक्किम और कालिम्पोंग का संपर्क भी टूट गया है.
मौसम विभाग ने अलीपुरदुआर, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में भारी बारिश की चेतावनी दी है.
पिछले 24 घंटे में कूचबिहार में 190.2 मिमी, जलपाईगुड़ी में 172 मिमी और सिलीगुड़ी में 134 मिमी बारिश दर्ज की गई.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सुबह छह बजे से ही कोलकाता में बने कंट्रोल रूम से हालात पर निगाह रखते हुए राहत और बचाव कार्यो की निगरानी कर रही हैं. दार्जिलिंग के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव सोमवार को मौके पर पहुंच कर परिस्थिति का जायजा लेंगे. उनके रविवार देर रात तक सिलीगुड़ी पहुंचने की उम्मीद है.
देश के बाकी हिस्सों से सिक्किम को जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 10 के कई हिस्से तीस्ता के पानी में डूब गए जिसकी वजह से इस पर्वतीय राज्य का संपर्क टूट गया है.
वहां भी सैकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं.
बीते पांच दिनों से सिक्किम में रहे कोलकाता के शुभोजित घोषाल ने बीबीसी हिन्दी को फोन पर बताया, "हमारी ट्रेन रात को है. इसलिए हम लंबे रास्ते से सिलीगुड़ी पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन वैकल्पिक रास्ता भी कई जगह टूट गया है. पता नहीं ट्रेन के समय तक हम स्टेशन पहुंच पाएंगे या नहीं."
उत्तर बंगाल में बाढ़ जैसे हालातभूटान में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के साथ शनिवार रात से होने वाली भारी बारिश ने उत्तर बंगाल के कुछ जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं.
इलाके की कई नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. जलपाईगुड़ी और अलीपुरदुआर ज़िले में रेड अलर्ट जारी किया गया है.
कूचबिहार के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया, "तोर्षा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है. इलाके की तमाम नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं."

अलीपुरदुआर के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार दोपहर को जिले के मशहूर जलदापाड़ा नेशनल पार्क के भीतर लकड़ी के एक ब्रिज के टूट जाने के कारण टूरिस्ट लॉज में रहने वाले पर्यटक फंस गए हैं.
इसी ब्रिज के सहारे उस लॉज में आवाजाही होती है. अब उनको बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इलाके के ज्यादातर रिसार्ट और होमस्टे पानी में डूब गए हैं. वहां करीब डेढ़ सौ पर्यटक फंस गए हैं. उनको सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है. लेकिन बारिश जारी रहने और बिजली कटे होने के कारण इसमें दिक्कत हो रही है.
डुआर्स इलाके के गोरुमारा नेशनल पार्क के पास जलढाका नदी में एक सींग वाले एक गैंडे का शव बरामद किया गया. दूसरी ओर, नक्सलबाड़ी के पास मेची नदी में हाथी के एक शावक की भी पानी में डूबने से मौत हो गई.
अलीपुरदुआर में पटरियों के डूब जाने से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द की हैं और कुछ का मार्ग बदल दिया है.
रेलवे प्रवक्ता के अनुसार, फिलहाल न्यू जलपाईगुड़ी-कोलकाता के बीच ट्रेन सेवाएं सामान्य हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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