
- अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान पर हमले किए हैं.
- हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "ईरान को अब शांति स्थापित करनी होगी."
- ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने कहा है कि अमेरिका ने यूएन राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन किया है.
- इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू बोले, 'पहले ताक़त आती है और फिर शांति आती है.'
- इसराइली सेना का कहना है कि उसने ईरान के पश्चिमी हिस्से में मौजूद सैन्य ठिकानों पर स्ट्राइक शुरू कर दी है.
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से हालात को और बिगड़ने से रोकने और यूएन चार्टर समेत अंतरराष्ट्रीय क़ानून का पालन करने की अपील की.
- इस बीच हमास ने बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय शांति व स्थिरता पर सीधा हमला किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान पर अपने हमले पूरे किए हैं. इन हमलों को ईरान ने यूएन चार्टर का उल्लंघन बताया है.
रविवार की सुबह ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "हमने फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान समेत ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमलों को अंजाम दिया है. सभी विमान अब ईरान के वायु क्षेत्र से बाहर हैं."
ट्रंप ने आगे लिखा कि फ़ोर्दो पर 'सारे बम' गिराए गए हैं और सभी विमान सुरक्षित रूप से अमेरिका वापस लौट रहे हैं.
साथ ही ट्रंप ने लिखा कि 'हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई. दुनिया में कोई और सेना नहीं है जो ये कर सकती थी. अब शांति का समय है.'

वहीं ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने अमेरिका पर यूएन चार्टर का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने सोशल मीडियाएक्स पर पोस्ट किया, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य अमेरिका ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय क़ानून और एनपीटी का गंभीर उल्लंघन किया है."
"आज सुबह की घटनाएं क्रूर हैं और इनके दीर्घकालिक परिणाम होंगे. संयुक्त राष्ट्र के हर सदस्य को इस बेहद ख़तरनाक, अराजक और आपराधिक व्यवहार से चिंतित होना चाहिए."
इसके साथ ही ईरानी विदेश मंत्री ने लिखा, "संयुक्त राष्ट्र चार्टर और आत्मरक्षा में वैध प्रतिक्रिया की अनुमति देने के इसके प्रावधानों के अनुसार, ईरान के पास अपनी संप्रभुता, हित और लोगों की रक्षा के लिए सभी विकल्प हैं."
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डोनाल्ड ट्रंप ने इस सैन्य अभियान के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन दिया है जिसमें इस हमले की पूरी जानकारी दी है.
अमेरिका के हमलों के बाद इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने एक बयान दिया है.
उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और मैं अक्सर कहते हैं, 'ताक़त के ज़रिए शांति.' पहले ताक़त आती है और फिर शांति आती है."
नेतन्याहू ने कहा, "आज रात, राष्ट्रपति ट्रंप और अमेरिका ने बहुत ताक़त से कार्रवाई की है."
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन दिया है.
उन्होंने फ़ोर्दो, नतांज़ और इस्फ़हान पर हमलों की पुष्टि करते हुए कहा है कि 'हर कोई इन नामों को तब से सुन रहा है तब से वे इन भयानक विनाशकारी उपक्रम को बना रहे हैं."
"आज हम दुनिया को बता सकते हैं कि हमले शानदार और सफल रहे."
उन्होंने इस दौरान कहा कि ईरान को 'अब शांति स्थापित करनी होगी.'
"अगर वो ये नहीं करता है तो भविष्य में होने वाले हमले बेहद बड़े और आसान होंगे."
डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों के लिए इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू और इसराइली सेना का शुक्रिया अदा किया.
इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि अभी बहुत से ठिकानों को निशाना बनाया जाना बाक़ी है.
कैसे किया गया हमला?रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक़, इसराइल के सरकारी प्रसारणकर्ता केन से एक इसराइली अधिकारी ने कहा है कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले में इसराइल ने अमेरिका के साथ 'पूरा तालमेल' बनाए रखा.
रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक़, अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि ईरान पर अमेरिकी हमलों में बी-2 बॉम्बर्स शामिल हैं.
इससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि अमेरिका ने यूएस बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स को कथित तौर पर गुआम द्वीप पर भेजा है. इसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिका ईरान पर हमले में इसे इस्तेमाल कर सकता है.
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ईरान की परमाणु एजेंसी एईओआई ने तीन ईरानी परमाणु ठिकानों के अमेरिका के 'बर्बर हमलों' की निंदा की है.
संगठन ने इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की 'बेरुख़ी और यहां तक कि इसमें साझेदारी' को लेकर उसकी निंदा की है.
एईओआई ने वैश्विक समुदाय से अपील की है कि वो 'हमलों की निंदा करे और ईरान के उचित रुख़ का समर्थन करे.'
वहीं ईरान के सरकारी टीवी चैनल के डिप्टी पॉलिटिकल डायरेक्टर हसन अबेदिनी ने सरकारी टीवी चैनल पर ये दावा किया है कि ईरान ने परमाणु ठिकानों को 'पहले ही ख़ाली करा लिया था.'
उन्होंने ये भी कहा कि अगर ट्रंप जो कुछ कह रहे हैं वो सच भी हो तो ईरान को 'किसी बड़े धमाके से कोई नुक़सान नहीं हुआ क्योंकि पदार्थों को पहले निकाल लिया गया था.'
तस्नीम समाचार एजेंसी के मुताबिक़, क़ौम प्रांत के संकट प्रबंधन के प्रवक्ता मोर्तज़ा हैदरी ने कहा है कि 'फ़ोर्दो परमाणु केंद्र के इलाक़े का एक हिस्सा हवाई हमले की चपेट में आया है.'
इस्फ़हान के सिक्योरिटी डिप्टी गवर्नर अकबर सलेही ने कहा है कि, "नतांज़ और इस्फ़हान में कई धमाकों की आवाज़ें सुनी गई हैं. हमने इस्फ़हान और नतांज़ के परमाणु ठिकानों के नज़दीक हमलों को देखा है."
ट्रंप ने जिन तीन ठिकानों पर हमले का दावा किया है उसकी ईरानी अधिकारियों ने पुष्टि कर दी है.
इन हमलों की निंदा करते हुए हमास ने एक बयान जारी किया है.
जारी किए गए बयान में हमास ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय क़ानून का घोर उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय शांति व स्थिरता पर सीधा हमला बताया है.
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