हरियाणा के रोहतक में मौजूद महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) में महिला सफाई कर्मचारियों को पीरियड्स से जुड़े सबूत पेश करने के लिए मजबूर करने का मामला सामने आया है.
आरोपों के मुताबिक़ महिला सफ़ाई कर्मचारियों से इसके लिए सैनिटरी पैड की तस्वीरें उच्च अधिकारियों को भेजने के लिए कहा गया.
इस मामले में तीन महिला सफाई कर्मचारियों की शिकायत पर पीजीआईएमएस पुलिस स्टेशन रोहतक में एफ़आईआर दर्ज की गई है.
यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि महिला कर्मचारियों को ऐसा करने के लिए मजबूर करने के आरोप में दो वरिष्ठ सफाई सुपरवाइज़रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
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पूरा मामला क्या है?
Getty Images महिला सफाई कर्मचारियों का कहना है कि पीरियड्स के दर्द की वजह से वो काम नहीं कर पा रही थीं. महिला सफाई कर्मचारी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को दी अपनी शिकायत में लिखा है कि वो पिछले 11 साल से यूनिवर्सिटी में सफाई कर्मचारी के रूप में काम कर रही हैं.
शिकायत के मुताबिक़ 26 अक्तूबर को जब वो और अन्य सहकर्मी विश्वविद्यालय के खेल परिसर की सफाई कर रही थीं, तो वहां मौजूद दो पुरुष सफाई सुपरवाइज़रों ने उन पर काम जल्दी पूरा करने का दबाव डाला.
महिला सफाई कर्मचारियों ने इसपर जवाब दिया कि वो पीरियड्स की वजह से हो रहे दर्द के कारण तेज़ी से काम नहीं कर पा रही हैं.
महिला कर्मचारियों ने अपनी शिकायत में कहा है, "इसके बाद सुपरवाइज़र ने हमारे साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों ने हमें पीरियड्स के सबूत के तौर पर अपने सैनिटरी पैड की तस्वीरें लेने का आदेश दिया है."
अपनी शिकायत में उन्होंने कहा, "सफाई सुपरवाइज़र ने उन पर और दो अन्य महिला कर्मचारियों पर सैनिटरी पैड की तस्वीरें लेने के लिए दबाव डाला. जब एक महिला कर्मचारी ने तस्वीरें लेने से इनकार कर दिया, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी दी गई."
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि दबाव और मजबूरी में वो और उनकी एक सहकर्मी शौचालय में गईं और उन्होंने सैनिटरी पैड की तस्वीरें फ़ोन पर लीं.
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सुपरवाइज़र के मुताबिक़ इस मामले में यूनिवर्सिटी के एक उच्च अधिकारी भी शामिल हैं.
दूसरी शिकायतकर्ता ने क्या कहा?
Getty Images महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी ने कहा है कि इस मामले में कुछ कर्मचारियों को निलंबित किया गया है. (सांकेतिक तस्वीर) मीडिया से साझा की गई जानकारी में एक अन्य महिला सफाई कर्मचारी ने बताया, "मैं सुबह साढ़े सात बजे से लगातार सफाई कर रही थी, लेकिन दोपहर दो बजे अपने सुपरवाइज़र से पीरियड्स के कारण कुछ घंटों की छुट्टी मांगी. मेरी रीक्वेस्ट को मंजू़र कर लिया गया."
उन्होंने कहा, "इस बीच, मेरी दो अन्य सहकर्मियों ने भी मुझे बताया कि उन्हें भी पीरियड्स के कारण दर्द हो रहा है. इसलिए हमने सुपरवाइज़र को फिर से फ़ोन किया और कहा कि उन्हें भी कुछ घंटों की छुट्टी दे दें. लेकिन सुपरवाइज़र ने सवाल करते हुए कहा कि आप सभी एक साथ परेशानी में हैं."
उस घटना के बारे में उन्होंने बताया, "सुपरवाइज़र ने वहां मौजूद एक अन्य महिला सफाई कर्मचारी को छुट्टी मांगने वाली महिला कर्मचारियों की जांच करने के लिए भेजा और कहा कि हमें ऊपर से आदेश मिला है कि हम जाकर उनकी जांच करें."
शिकायतकर्ता के अनुसार, एक महिला सफाई कर्मचारी उनके साथ बाथरूम में गई और उनकी जाँच की.
उन्होंने उनके सैनिटरी पैड की तस्वीरें अपने फ़ोन से लीं. फिर वह सुपरवाइज़र के पास गई और पीरियड्स की पुष्टि की.
सुपरवाइज़र के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराने वाली एक महिला सफाई कर्मचारी ने कहा कि यह घटना एक महिला के लिए अपमानजनक है.
उन्होंने कहा, "हर महिला को पीरियड्स का सामना करना पड़ता है. ऐसा हो सकता है कि एक ही दिन एक से ज़्यादा महिलाओं को पीरियड्स हो. हमारे साथ ऐसा व्यवहार करने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए."
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बीबीसी संवाददाता मनोज ढाका ने एमडीयू प्रशासन से संपर्क किया. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉक्टर कृष्णकांत गुप्ता ने बताया कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने इस घटना की निंदा की है.
उन्होंने बताया कि इस मामले में दुर्व्यवहार के आरोपों का सामना कर रहे दोनों सुपरवाइज़रों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि यौन उत्पीड़न के संबंध में विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति को मामले की जांच के बाद रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है.
महिला आयोग ने की सख़्त कार्रवाई की मांगहरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने बीबीसी न्यूज़ हिंदी से बात करते हुए कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही उन्होंने तुरंत संज्ञान लिया है.
रेणु भाटिया ने कहा, "किसी महिला से उसके पीरियड्स का सबूत मांगने से अधिक अपमानजनक कुछ नहीं हो सकता."
उन्होंने कहा "मैं इस घटना की कड़ी निंदा करती हूँ और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग करती हूं. महिला आयोग की अध्यक्ष होने के नाते मैंने रोहतक के पुलिस अधीक्षक और विश्वविद्यालय से इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है."
बीबीसी संवाददाता मनोज ढाका के मुताबिक़ रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुरेंद्र सिंह भौरिया ने बताया कि इस मामले में रोहतक पीजीआईएमएस थाने में मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस का कहना है कि फ़िलहाल इस मामले की जांच चल रही है और अभियुक्तों के ख़िलाफ़ इससे जुड़े क़ानून के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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