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पाकिस्तान में ईरान के राजदूत रज़ा अमीरी अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड कैसे बने?

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X/@IraninIslamabad रज़ा अमीरी मुक़द्दम को साल 2023 में पाकिस्तान में ईरान का राजदूत नियुक्त किया गया था

अमेरिकी जांच एजेंसी फ़ेडरल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टिगेशन (एफ़बीआई) ने पाकिस्तान में ईरान के राजदूत रज़ा अमीरी मुक़द्दम समेत तीन ईरानी लोगों के नाम मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल कर दिए हैं.

एफ़बीआई की ओर से जारी किए गए बयान में आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान में तैनात ईरान के राजदूत रज़ा अमीरी मुक़द्दम और दूसरे दो ईरानी लोग तक़ी दानिश्वर और ग़ुलाम हुसैन मोहम्मदनिया मार्च 2007 में रिटायर्ड अमेरिकी स्पेशल एजेंट रॉबर्ट ए 'बॉब' लेविन्सन के अपहरण में कथित तौर पर शामिल थे.

एफ़बीआई के बयान में कहा गया है कि रिटायर्ड स्पेशल एजेंट बॉब 9 मार्च 2007 को ईरान के 'कीश' से लापता हुए थे.

ईरान की तरफ़ से इस मामले पर फ़िलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है. बीबीसी उर्दू ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए पाकिस्तान में ईरानी दूतावास से संपर्क किया मगर उनसे कोई जवाब नहीं मिल सका.

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एफ़बीआई ने इन तीनों लोगों के पोस्टर जारी किए हैं और कहा है कि वह रिटायर्ड स्पेशल एजेंट बॉब के अपहरण और इस कार्रवाई की ज़िम्मेदारी किसी और पर डालने की ईरान की कोशिश में कथित भूमिका को लेकर ईरानी अधिकारियों की जांच कर रही है.

एफ़बीआई के बयान में और क्या कहा गया है? image FBI/YOUTUBE एफ़बीआई के रिटायर्ड स्पेशल एजेंट ईरान से लापता हुए थे

एफ़बीआई ने दावा किया है कि रज़ा अमीरी मुक़द्दम, तक़ी दानिश्वर और ग़ुलाम हुसैन मोहम्मदनिया ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसी के अधिकारी हैं.

एफ़बीआई के वॉशिंगटन फील्ड ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर इंचार्ज स्टीवन जेनसन ने कहा कि ये तीनों इंटेलिजेंस अधिकारी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने 2007 में रिटायर्ड स्पेशल एजेंट बॉब के अपहरण और ईरानी सरकार की ओर से इस कार्रवाई को छिपाने में मदद की थी.

उन्होंने बताया कि हो सकता है बॉब को अपने परिवार, दोस्तों और साथियों से बहुत दूर ले जाकर मार दिया गया.

जेनसन ने कहा कि एफ़बीआई अपने पूर्व एजेंट के अपहरण में शामिल लोगों का पीछा करना जारी रखेगी.

एफ़बीआई का कहना है कि रिटायर्ड स्पेशल एजेंट बॉब की लोकेशन या उन्हें छुड़ाने से जुड़ी जानकारी देने पर 5 करोड़ डॉलर का अमेरिकी इनाम अब भी बरकरार है.

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रज़ा अमीरी मुक़द्दम के बारे में एफ़बीआई ने क्या कहा है? image X/@GovtofPakistan ईरानी राजदूत रज़ा अमीरी मुक़द्दम और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के साथ. (फ़ाइल फ़ोटो)

रज़ा अमीरी मुक़द्दम ने जुलाई 2023 में पाकिस्तान में ईरानी राजदूत के तौर पर अपना पदभार संभाला था.

पाकिस्तान में ईरानी दूतावास की वेबसाइट पर उनके बारे में बहुत जानकारी नहीं है.

वहां से जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक़ रज़ा अमीरी मुक़द्दम 1961 में पैदा हुए थे और उन्होंने इंटरनेशनल रिलेशंस में पीएचडी की डिग्री हासिल कर रखी है.

वेबसाइट के अनुसार पाकिस्तान में राजदूत के तौर पर सेवाएं देने के अलावा वह ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में विदेश और अंतरराष्ट्रीय नीति के मामलों के भी डिप्टी हैं.

लेकिन एफ़बीआई का दावा है के रज़ा अमीरी मुक़द्दम अतीत में ईरान की इंटेलिजेंस मिनिस्ट्री और सिक्योरिटी में ऑपरेशंस यूनिट के प्रमुख रह चुके हैं.

एफ़बीआई का दावा है, "जब मुक़द्दम इस पद पर काम कर रहे थे तब यूरोप में इंटेलिजेंस मिनिस्ट्री और सिक्योरिटी के एजेंट उन्हें रिपोर्ट किया करते थे."

image BBC एफ़बीआई की मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल दो दूसरे लोग कौन हैं?

एफ़बीआई के बयान के अनुसार तक़ी दानिश्वर, जिन्हें सैयद तक़ी के नाम से भी जाना जाता है, ईरान की इंटेलिजेंस मिनिस्ट्री और सिक्योरिटी के बड़े अधिकारी हैं और आतंकवाद निरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं.

अमेरिकी संस्था का दावा है कि जिस दौरान रिटायर्ड स्पेशल एजेंट बॉब लापता हुए उस वक़्त मोहम्मद सीनाई, जिन्हें मोहम्मद बसीरी के नाम से भी जाना जाता है, तक़ी दानिश्वर की देख रेख में काम कर रहे थे.

एफ़बीआई की ओर से मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल किए जाने वाले तीसरे व्यक्ति गुलाम हुसैन मोहम्मदनिया हैं.

ग़ुलाम हुसैन मोहम्मदनिया अतीत में अल्बानिया में ईरानी राजदूत के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं.

इससे पहले बीबीसी ने यह रिपोर्ट की थी कि ग़ुलाम हुसैन मोहम्मदनिया और एक और ईरानी राजनयिक को अल्बानिया ने देश की सुरक्षा को ख़तरे में डालने के आरोप में देश से बेदख़ल कर दिया था.

उस वक़्त ईरान ने आरोप लगाया था कि इस कार्रवाई के लिए इसराइल और अमेरिका ने अल्बानिया पर दबाव डाला था.

पूर्व रिटायर्ड एजेंट ईरान में क्या कर रहे थे? image FBI एफ़बीआई ने रिटायर्ड स्पेशल एजेंट से जुड़ी जानकारी देने पर 5 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया है

एफ़बीआई की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार अमेरिकी सरकार के रिटायर्ड अधिकारी रॉबर्ट ए बॉब लेविन्सन ने 28 साल अमेरिकी न्याय विभाग के लिए काम किया था.

एजेंट बॉब सन 1998 में एफ़बीआई से रिटायर हुए थे और इसके बाद प्राइवेट डिटेक्टिव का काम कर रहे थे.

एफ़बीआई के अनुसार रिटायर्ड स्पेशल एजेंट 8 मार्च 2007 को कई बड़ी कॉरपोरेशन के कहने पर ईरान के कीश इलाक़े में गए थे और उसके बाद से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है.

लेकिन अमेरिकी सरकार या एफ़बीआई ने यह नहीं बताया था कि पूर्व एजेंट ईरान में क्या कर रहे थे.

बॉब के बेटे डेविड के अनुसार उन्हें अपने पिता का एक वीडियो मिला था जिसमें उन्हें क़ैद में दिखाया गया था.

इस वीडियो में रिटायर्ड स्पेशल एजेंट बॉब कहते हुए नज़र आ रहे थे, "मैं साढ़े तीन साल से क़ैद में हूं."

उन्होंने इस रिकॉर्डेड वीडियो में कहा था कि अमेरिकी सरकार उन्हें साढ़े तीन साल क़ैद में रखने वाले समूह की अपीलों का जवाब दे.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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