जेलों की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और तमाम दावों के बावजूद कैदियों के भागने की घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार रात एक सनसनीखेज मामले में दो बंदी दीवार फांदकर फरार हो गए। हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान न तो सीसीटीवी कैमरे उनकी गतिविधि पकड़ सके और न ही वॉच टावर पर तैनात जवान उन्हें रोक पाए। इस घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरक्षा इंतजाम धरे के धरेसूत्रों के मुताबिक, फरार बंदियों ने काफी समय तक अपनी योजना पर काम किया और जेल परिसर की कमजोर कड़ियों का फायदा उठाया। जेल के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे उस वक्त किसी तकनीकी खामी या लापरवाही के कारण उनकी गतिविधि कैद नहीं कर पाए। वहीं, गश्त और वॉच टावर पर तैनात जवानों की भी नजर उनसे चूक गई।
पहले भी सामने आ चुकी हैं लापरवाहियांयह पहला मौका नहीं है जब जेल सुरक्षा पर सवाल उठे हों। इससे पहले भी जेल से मोबाइल फोन पर धमकी देने, संदिग्ध सामग्री मिलने और कैदियों द्वारा सोशल मीडिया पर रील बनाने जैसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं। हर बार सख्ती और जांच के दावे किए जाते हैं, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। ताजा घटना ने साबित कर दिया है कि जेल सुरक्षा के मौजूदा इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं।
प्रशासन में हड़कंपदो बंदियों के फरार होने की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने तुरंत अलर्ट जारी कर आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान शुरू किया। पुलिस की कई टीमें फरार कैदियों की तलाश में जुटी हैं। हालांकि, देर रात तक दोनों बंदियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था।
सुरक्षा पर उठे सवालविशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही चूकें यह दर्शाती हैं कि जेल सुरक्षा को लेकर प्रणाली में गंभीर खामियां हैं। आधुनिक उपकरणों और निगरानी तंत्र की मौजूदगी के बावजूद बंदियों का भाग जाना न केवल प्रशासन की लापरवाही है, बल्कि यह जनता की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। यदि जेल से बंदी आसानी से भाग सकते हैं, तो वे बाहर अपराध की घटनाओं को भी अंजाम दे सकते हैं।
जांच की तैयारीघटना के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने जेल का दौरा किया और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि जिन अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
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