भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच राजस्थान में तुर्की के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। उदयपुर में मार्बल व्यापारियों ने ऐलान किया है कि वे पाकिस्तान का समर्थन करने वाले तुर्की से मार्बल नहीं खरीदेंगे। बीकानेर में ग्रामीणों को ड्रोन की आवाज पहचानने और उनसे बचने के तरीके बताए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने सीमावर्ती जिलों के इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की रेंज बढ़ा दी है। बुधवार को बारां, अलवर और प्रतापगढ़ कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई। जयपुर में भी लगातार तीसरे दिन एसएमएस स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी दी गई।
पाकिस्तान ने सीमा पर मोबाइल टावरों की रेंज बढ़ा दी है, जिससे जासूसी का खतरा बढ़ गया है। श्रीगंगानगर, जैसलमेर में पाकिस्तानी सिम के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के अलावा 5 और जिलों को हवाई हमलों की दृष्टि से संवेदनशील माना है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के चूजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जैसलमेर से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के नौ चूजे अजमेर ट्रांसफर किए गए। ये चूजे काफी छोटे हैं। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण के लिए पहले से ही काम किया जा रहा है। इसी के तहत अब इन्हें स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि विशेष 'सॉफ्ट सस्पेंशन' वाहनों में अजमेर भेजे गए ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के चूजे 5 से 28 दिन के हैं।
पक्षी तेज आवाज के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं
अधिकारी ने बताया कि ये पक्षी तेज आवाज के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। अधिकारियों के अनुसार भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान और उसके बाद उत्पन्न स्थिति को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इन चूजों को स्थानांतरित किया गया है। डेजर्ट नेशनल पार्क (डीएनपी) अधिकारी (डीएफओ) बृजमोहन गुप्ता ने बताया कि इन्हें सुदासरी और रामदेवरा प्रजनन केंद्रों से अजमेर जिले के अरवर गांव भेजा गया है।
इस साल करीब 18 चूजों का जन्म हुआ
देश का एकमात्र ग्रेट इंडियन बस्टर्ड संरक्षण कार्यक्रम सम और रामदेवरा केंद्रों पर चलाया जा रहा है, जो जैसलमेर में अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हैं। भारतीय वन्यजीव संस्थान और राज्य वन विभाग की इस संयुक्त पहल के परिणामस्वरूप इस वर्ष करीब 18 चूजों का जन्म हुआ। उन्होंने कहा कि इस स्थानांतरण से ग्रेट इंडियन बस्टर्ड के संरक्षण कार्यक्रम की निरंतरता सुनिश्चित होगी। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी को 2011 में 'गंभीर रूप से संकटग्रस्त' के रूप में वर्गीकृत किया गया था। गुप्ता ने कहा कि प्रजनन केंद्र में चूजों सहित 59 ग्रेट इंडियन बस्टर्ड हैं, जिनमें से नौ को अजमेर स्थानांतरित किया गया। सभी चूजों को दो विशेष रूप से डिजाइन किए गए वाहनों में ले जाया गया। इन वाहनों में विशेष सस्पेंशन लगे थे और रेत के बिस्तर के साथ विशेष गद्देदार डिब्बों की व्यवस्था की गई थी ताकि चूजों की यात्रा आरामदायक हो। इन चूजों को वापस लाने का निर्णय भविष्य की स्थिति को देखने के बाद लिया जाएगा।