राजस्थान में हालिया मूसलधार बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को प्रभावित किया है। तेज बारिश और जलभराव से राज्य के विभिन्न इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। खेत, सड़कें, घर और अन्य सार्वजनिक संपत्तियां सैलाब में बह गईं, और कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ है।
बाढ़ से तबाही
राजस्थान के कई जिलों, खासकर सिरोही, जोधपुर, अजमेर और राजसमंद में बारिश ने तबाही मचाई है। जलस्तर में वृद्धि के कारण नदियों और जलाशयों का पानी खतरे के निशान तक पहुंच चुका है। इन इलाकों में सड़कें और खेत जलमग्न हो गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
सड़कें हुईं तालाब
राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में सैलाब ने सड़कें तक निगल ली हैं। कई स्थानों पर जलभराव के कारण आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। सिरोही में झांकर नाला के पास पानी के तेज बहाव ने पूरी सड़क को ढक लिया, जिससे स्थानीय लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कुछ स्थानों पर सड़क के नीचे की मिट्टी और पत्थर भी बहकर नदी में समा गए हैं।
कृषि क्षेत्र में भारी नुकसान
राजस्थान का अधिकांश क्षेत्र कृषि प्रधान है, और बारिश के कारण किसानों को खासा नुकसान हुआ है। कई किसानों की फसलें जलभराव के कारण खराब हो गईं। खासकर, तिल, चना, गेहूं और अन्य खरीफ फसलें पानी में डूबने से नष्ट हो गई हैं। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है और जल्दी राहत कार्य शुरू करने की अपील की है।
खेतों में जलभराव और कटाव
बारिश के पानी से कई खेतों में जलभराव और कटाव की स्थिति बन गई है। कई स्थानों पर नदी किनारे के खेतों का एक हिस्सा बहकर नदी में समा गया। राजसमंद के कुछ इलाकों में जलाशयों और तालाबों से ओवरफ्लो होकर पानी खेतों में फैल गया, जिससे फसलें खराब हो गईं और किसानों का भारी नुकसान हुआ।
नदी उफान पर, प्रशासन अलर्ट
सरोही जिले में बनास और गोमती नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। नदी किनारे बसे गांवों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है, ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा सके।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है। विभाग ने लोगों को नदी किनारे के क्षेत्रों से दूर रहने और हर प्रकार के जोखिम से बचने की चेतावनी दी है। खासकर, उन स्थानों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है, जो जलभराव और बाढ़ के खतरे के करीब हैं।
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