Next Story
Newszop

दिल्ली में कांग्रेस के तेवर तीखे! राहुल गांधी और अशोक गहलोत ने PM मोदी पर जमकर साधा निशाना, देखे वायरल वीडियो

Send Push

देश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में बड़ा राजनीतिक बयान देकर हलचल मचा दी है। संसद से लेकर सड़क तक चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच इन दोनों नेताओं के बयान आने वाले दिनों की राजनीतिक दिशा तय कर सकते हैं।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सिर्फ़ उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है, आम आदमी की समस्याएं उनके एजेंडे में ही नहीं हैं। रोज़गार, महंगाई, किसानों की समस्या और शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह हाशिए पर है। मोदी सरकार ने वादे तो बहुत किए, लेकिन 10 सालों में एक भी वादा पूरा नहीं किया।"राहुल ने अडानी-अंबानी पर भी फिर सवाल उठाए और कहा कि "प्रधानमंत्री सिर्फ़ दो लोगों के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने देश को कुछ लोगों के हाथों गिरवी रख दिया है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और संसद में विपक्ष की आवाज़ दबाई जा रही है।"

उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि "देश में मोदी लहर अब खत्म हो चुकी है। जनता अब बदलाव चाहती है और आने वाला समय कांग्रेस का है। हम धर्म और जाति के नाम पर नहीं, बल्कि महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर लड़ेंगे।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को 'जनविरोधी' बताते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि "देश की आत्मा पर हमला किया जा रहा है। बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें जो संविधान दिया था, उसे कमजोर किया जा रहा है। भाजपा केवल नफरत और ध्रुवीकरण के सहारे सत्ता में बनी हुई है।" 

गहलोत ने कांग्रेस की रणनीति की ओर भी इशारा करते हुए कहा कि "अब कांग्रेस जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में जुट गई है और हम आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव पूरी ताकत से लड़ेंगे। जनता अब बदलाव चाहती है और कांग्रेस वह बदलाव लाएगी।" राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी और अशोक गहलोत के ये तीखे बयान महज़ बयानबाज़ी नहीं हैं, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के तेवर और रणनीति का संकेत हैं। कांग्रेस जहाँ महंगाई, बेरोज़गारी, संविधान की रक्षा और किसानों के मुद्दों पर ज़ोर दे रही है, वहीं भाजपा राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के अपने एजेंडे के साथ मैदान में है।

फ़िलहाल तो ये बयान कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भर रहे हैं, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब ये बातें मतदाताओं पर अपना असर छोड़ेंगी। देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में ये बयान किस करवट बैठते हैं।

Loving Newspoint? Download the app now