राजस्थान कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2025 में नकल रोकने के लिए पहली बार अपनाई गई एआई तकनीक बेहद कारगर साबित हुई। दो दिन चली इस परीक्षा के दौरान एआई आधारित बायोमेट्रिक सिस्टम की मदद से प्रदेश भर में 13 डमी परीक्षार्थी पकड़े गए।
बता दें कि जयपुर के मुरलीपुरा इलाके में पकड़ा गया एक मामला सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, जिसमें चाचा-भतीजा दोनों बेनकाब हुए। शनिवार को मुरलीपुरा स्थित शहीद हिम्मत सिंह राजकीय विद्यालय में परीक्षा देने आए धौलपुर निवासी भूपेंद्र गुर्जर को एआई सिस्टम ने पकड़ लिया। जांच में पता चला कि भूपेंद्र ने जून माह में धर्मवीर के नाम से परीक्षा दी थी।
बायोमेट्रिक मिलान और फोटो स्कैन से यह गड़बड़ी सामने आई। परीक्षा संपन्न होते ही थानाधिकारी वीरेंद्र कुरील की टीम ने आरोपी को हिरासत में ले लिया। बाद में उसका भतीजा धर्मवीर भी पकड़ा गया। दोनों के खिलाफ नए परीक्षा अधिनियम के तहत जीरो नंबरी एफआईआर दर्ज कर मामला जोतवाड़ा थाने भेज दिया गया है।
भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के एडीजी बिपिन कुमार पांडे ने बताया कि मुख्यालय में तैनात एआई विशेषज्ञ लगातार संदिग्ध प्रोफाइलों की स्कैनिंग कर रहे थे। इस तकनीक ने पहली बार परीक्षा केंद्र पर नकल करने वालों का पर्दाफाश किया।राजस्थान पुलिस ने बताया कि जयपुर के अलावा, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर से 2-2, जबकि भीलवाड़ा, कोटा, बारां, दौसा और अलवर से एक-एक डमी अभ्यर्थी पकड़े गए हैं। स्थानीय पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है।
गौरतलब है कि कांस्टेबल भर्ती-2025 में कुल 10 हजार पदों के लिए 5.24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा और सख्ती का आलम यह था कि अभ्यर्थियों के प्रवेश के दौरान बटन तक तोड़ दिए गए और शर्ट की सिलाई काटकर जांच की गई। स्टेशनों और परीक्षा केंद्रों पर उत्सव जैसी भीड़ उमड़ पड़ी।
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