बताया जा रहा है कि कालोनाइजर आशीष गुप्ता पर फायरिंग के पीछे विवादित जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले ने अहम भूमिका निभाई। दो दिन पहले हुई फायरिंग की वजह पुलिस अधिकारियों ने पता कर ली, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया। एसपी गौरव यादव खुद घायल गुप्ता से पूछताछ करने अस्पताल पहुंचे। वहीं, दो गैंगस्टरों द्वारा वायरल की गई पोस्ट भी सामने आई। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस गिरोह द्वारा किए गए हमले में शूटर का निशाना चूक जाने से पूरी प्लानिंग फेल हो गई। जांच टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमले की सुपारी हरियाणा के एक गिरोह ने ली थी। उन्होंने कालोनाइजर आशीष गुप्ता की रेकी की और जिम से उनके आने-जाने का समय पता किया। शूटर के पास ऑटोमेटिक पिस्तौल थी। उसने जिम से थोड़ा देरी से बाहर आ रहे गुप्ता को पहचान लिया।
इसी जल्दबाजी में उसने सात राउंड फायर भी किए। पहला फायर होने के बाद भी गुप्ता जिम की सीढ़ियों की तरफ भागा। एक गोली गुप्ता के पैर में लगी। फायर होने के बाद शूटर और दूसरा बाइक से अबोहर रोड और फिर गुमजाल पहुंचे। वहां से वे कार में सवार होकर फरीदकोट के लिए निकल गए। पुलिस टीमों ने जब अबोहर रोड पर लगे सीसीटीवी को बारीकी से खंगाला तो एक कार अबोहर से श्रीगंगानगर आ रही थी, लेकिन वह श्रीगंगानगर पहुंचने से पहले ही वापस चली गई। श्रीगंगानगर से बाइक पर गए शूटर समेत दो युवक अबोहर और श्रीगंगानगर के बीच पहुंच गए थे। ऐसे में शूटर के कार से भागने का शक पुख्ता हो गया। कार पर अंकित नंबरों के आधार पर पुलिस ने कार चालक पंजाब के कोटकपूरा निवासी 32 वर्षीय पुरुषोत्तम को पकड़ लिया। उसने पुलिस पूछताछ में कबूल किया कि उसने दो युवकों को लाने के लिए एडवांस किराया लिया था। वह दोनों को फरीदकोट ले गया। वहां से अज्ञात लोग दोनों को ले गए।
कार चालक अब पुलिस रिमांड पर
कॉलोनाइजर आशीष गुप्ता पर फायरिंग के मामले में गिरफ्तार कार चालक को अदालत ने चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। शूटर और उसका साथी दोनों हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले से आए थे। श्रीगंगानगर में बाइक मुहैया कराई गई, जिससे दोनों बसंती चौक के पास जिम पहुंचे और गुप्ता पर फायरिंग कर फरार हो गए। बाद में कार चालक पुरुषोत्तम दोनों को अपनी कार में पंजाब के फरीदकोट ले गया। जानकारी के अनुसार उसके साथ कार में एक और व्यक्ति था, जो हर हरकत की खबर दे रहा था। जांच कर रहे सेतिया पुलिस चौकी प्रभारी एसआई रामेश्वरलाल बिश्नोई ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में काफी जानकारी दी है। मुख्य आरोपी शूटर का पता चलने पर सीआई पृथ्वीपाल सिंह महेंद्रगढ़ पहुंचे, लेकिन शूटर व उसका साथी घर पर नहीं मिले।
हवलदार के बेटे के नाम थी बाइक
फायरिंग मामले में प्रयुक्त बाइक शिव चौक के पास रविवार को लगने वाली सेल से खरीदी गई थी। यह बाइक पहले एक हवलदार के बेटे के नाम थी। खरीदार ने इस बाइक को अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराने से पहले गिरोह को सौंप दिया। फायरिंग की घटना के दो घंटे बाद जब बाइक मिलने का पता चला तो आनन-फानन में 17 जून की शाम को संबंधित खरीदार के नाम पर बाइक रजिस्टर्ड कराने की प्रक्रिया की गई। जांच अधिकारी ने बताया कि डीटीओ कार्यालय से रिकॉर्ड मांगा गया है।
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