भारत सरकार के पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सऊदी अरब दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय दूतावास की ओर से आयोजित ‘प्रवासी भारतीय संवाद कार्यक्रम’ में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत और सऊदी अरब में बसे प्रवासी भारतीयों के बीच सांस्कृतिक एवं व्यावसायिक संबंधों को और मजबूत करना था।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कार्यक्रम के दौरान प्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार हर भारतीय को, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो, देश की प्रगति से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “प्रवासी भारतीय हमारे सांस्कृतिक दूत हैं, जो विश्व पटल पर भारत की पहचान और सम्मान बढ़ा रहे हैं।”
भारत-सऊदी संबंधों को और मज़बूत करने पर बलशेखावत ने अपने संबोधन में भारत और सऊदी अरब के ऐतिहासिक और आर्थिक संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्र में लगातार सहयोग बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी परिषद के तहत कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच निवेश और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई दिशा मिली है।
उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी अरब में रह रहे भारतीय समुदाय ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है, बल्कि दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और संबंधों को भी गहराई दी है।
पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग की चर्चाकार्यक्रम के दौरान शेखावत ने सऊदी अरब में भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत सरकार “देखो अपना देश” अभियान के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ पहल के तहत भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को विश्वभर में पहुंचाने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन का केंद्र है, बल्कि योग, आयुर्वेद, पाक कला और हस्तशिल्प के क्षेत्र में भी वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहा है। “हम चाहते हैं कि सऊदी अरब से अधिक से अधिक पर्यटक भारत आएँ और भारत की संस्कृति, परंपरा और आतिथ्य का अनुभव करें।”
प्रवासी भारतीयों से भावनात्मक जुड़ावशेखावत ने कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों से भावनात्मक रूप से जुड़ते हुए कहा कि भारत सरकार हर भारतीय के हित में खड़ी है, चाहे वह देश में हो या विदेश में। उन्होंने भारतीय दूतावास के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम प्रवासी भारतीयों को मातृभूमि से जोड़े रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत के अमृतकाल के निर्माण में सहभागी बनने का आह्वान किया और कहा कि “21वीं सदी भारत की सदी बनने जा रही है, और इसमें प्रवासी भारतीयों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।”
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और संवाद सत्रकार्यक्रम में भारतीय सांस्कृतिक समूहों ने राजस्थान, पंजाब और दक्षिण भारत की लोक प्रस्तुतियाँ दीं। इसके अलावा, भारतीय दूतावास अधिकारियों और प्रवासी प्रतिनिधियों के बीच संवाद सत्र भी हुआ, जिसमें शिक्षा, व्यापार, वीज़ा सुविधा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विस्तार पर चर्चा हुई।
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