गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान कुशालीदर्रा में हुए हिंसक घटनाओं में कई गुर्जर समाज के लोगों की दुखद मौत हो गई थी। इस घटना की याद में बाद में यहां शहीद स्मारक का निर्माण किया गया था। स्मारक को समाज के लोग श्रद्धांजलि और सम्मान के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
हाल ही में गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों ने सरकार और स्थानीय प्रशासन से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की मूर्ति स्मारक पर लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि बैंसला ने आंदोलन के दौरान समाज के लिए नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान किया और उनकी नेतृत्व क्षमता और साहस को स्मारक में दर्शाना जरूरी है।
समाज के लोगों ने यह भी कहा कि स्मारक पर मूर्ति लगाने से युवा पीढ़ी को इतिहास और संघर्ष के महत्व की जानकारी मिलेगी। उनका मानना है कि कर्नल बैंसला का योगदान केवल आंदोलन तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज के लिए सामाजिक और राजनीतिक चेतना भी जगाई।
स्थानीय प्रशासन और अधिकारी फिलहाल इस प्रस्ताव का विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाने संबंधी मांग को सरकारी नियमों और स्थान की उपलब्धता के अनुसार देखा जाएगा। गुर्जर समाज का कहना है कि यह कदम केवल सम्मान का प्रतीक नहीं होगा, बल्कि स्मारक के महत्व और आंदोलन की यादों को जीवित रखने का एक प्रयास भी होगा।
ऐसे स्मारक और मूर्तियां समाज के लिए प्रेरणा और इतिहास को संरक्षित रखने का माध्यम होती हैं। कुशालीदर्रा शहीद स्मारक पर मूर्ति लगाने की मांग समाज में नई बहस और समर्थन दोनों को जन्म दे रही है।
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