राजस्थान के हाड़ौती और आसपास के जिलों में भारी बारिश के बाद पहले कोटा और फिर नवनेरा बैराज से चंबल में करीब 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे जिले से गुजरने वाली चंबल नदी में पानी की आवक तेजी से शुरू हो गई। जल संसाधन विभाग के अनुसार, बुधवार रात 10 बजे चंबल नदी का जलस्तर 141.10 मीटर तक पहुँच गया।
वहीं, चंबल का पुराना पुल पहले ही डूब चुका है। उधर, जिला प्रशासन ने सेना बुला ली है, जिसके आज धौलपुर पहुँचने की संभावना है। चंबल के पानी से ग्रामीण इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं, अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
रात में पुराने चंबल पुल से पानी बहने लगा। हालांकि, इससे राजमार्ग संख्या 44 पर यातायात बाधित नहीं हुआ है। राजमार्ग के नए पुल से यातायात गुजरता है। चंबल नदी पर खतरे का निशान 131.79 मीटर है और वर्तमान में पानी करीब 10 मीटर अधिक बह रहा है। जिले के सरमथुरा और राजाखेड़ा उपखंड के कुछ गांवों में चंबल का पानी घुसने से बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
कलेक्टर ने चंबल से सटे गांवों का दौरा किया
दूसरी ओर, जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी ने बुधवार को नागरिक सुरक्षा और एसडीआरएफ के जवानों के साथ राजाखेड़ा उपखंड के चंबल से सटे उन गांवों का दौरा किया, जहां पानी घुस गया है। एसपी विकास सांगवान और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। डीएम और एसपी ने चंबल के बढ़े हुए जलस्तर से प्रभावित राजाखेड़ा और दिहौली थाना क्षेत्रों का जायजा लिया और प्रभावितों को आवश्यक सहायता और बचाव के निर्देश दिए।
चंबल किनारे बसे प्रभावित गांवों बसई, अंधियारी, डगरा, गढ़ीजाफर, चंदियां का पुरा, पक्कापुरा, पुरैनी के ग्रामीणों का हालचाल जाना और उनकी मदद के निर्देश दिए। इस दौरान अधिकारियों ने जलभराव वाले इलाकों का निरीक्षण किया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी। वहीं, जिले में एनडीआरएफ की एक टीम, एसडीआरएफ की चार टीमें और नागरिक सुरक्षा के 21 स्वयंसेवक तैनात किए गए हैं। डीएम ने आपात स्थिति के लिए तत्काल नावें उपलब्ध कराने और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के निर्देश दिए।
बुजुर्ग लोग बाहर आए
राजाखेड़ा क्षेत्र में चंबल नदी का पानी आम रास्ते पर आ जाने से बुजुर्गों और महिलाओं को बाहर निकलने में परेशानी हुई। मौके पर पहुँचे नागरिक सुरक्षा कर्मियों ने कुछ बुजुर्गों को पीठ पर लादकर सड़क पार कराई। इसी प्रकार, धौलपुर क्षेत्र के भमरोली गाँव में पानी आने और रास्ता बंद होने पर, गाँव निवासी कालीचरण उर्फ करुआ पुत्र राम खिलाड़ी, जो लाइलाज बीमारी कैंसर से पीड़ित थे, को बचाकर जिला अस्पताल पहुँचाया गया। एसडीआरएफ की टीम ने 20 अन्य लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। जिनमें दो बच्चे भी शामिल हैं।
स्कूल अब 31 तक बंद
जिले के स्कूल 31 जुलाई तक बंद कर दिए गए हैं। प्रशासन ने संभावित जलभराव वाले सभी इलाकों की पहचान कर ली है और वहाँ पटवारियों और स्थानीय प्रशासन को तैनात कर दिया है। संवेदनशील स्थानों पर नावें, राहत सामग्री और चिकित्सा दल तैनात कर दिए गए हैं। जिले की सभी राजस्व, पुलिस और पंचायत स्तरीय टीमें आपसी समन्वय से काम कर रही हैं। बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए जिला प्रशासन कड़ी निगरानी रख रहा है।
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