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राजस्थान के इस शहर में अधिकारियों की कुर्सियों पर लगा ग्रहण! एक के बाद एक हो रही खाली ,जाने क्या है वजह ?

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पश्चिमी राजस्थान का जैसलमेर जिला इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि यहां एक के बाद एक बड़े सरकारी अधिकारियों पर गाज गिर रही है। कुछ को एसीबी पकड़ रही है, तो कुछ को एसओजी उठा ले जा रही है। बुधवार को एसओजी की कार्रवाई में पेपर लीक में एसडीएम हनुमानराम को ले जाने के बाद गुरुवार को एक विकास अधिकारी को भी एपीओ कर दिया गया है। जैसलमेर फतेहगढ़ क्षेत्र के अधिकारियों पर लगातार पड़ रही गाज अब सुर्खियां बटोर रही है। सबके मन में एक ही सवाल है कि अब अगला नम्बर कौन होगा।

पहला मामला- 2 तहसीलदार गिरफ्तार
जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ क्षेत्र के तहसीलदार शिवप्रकाश को एसीबी ने फरवरी में 15 लाख की रिश्वत के मामले में रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस मामले में परिवादी ने शिकायत दी थी। जिसमें उसने बताया था कि जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण में सुविधा देने की एवज में भणियाणा तहसीलदार सुमित्रा गोदारा और शिवप्रकाश दोनों उससे 60 लाख रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान कर रहे थे। इसके बाद भणियाणा तहसीलदार सुमित्रा गोदारा और फतेहगढ़ तहसीलदार शिवप्रकाश को परिवादी से 15 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया।

दूसरा मामला-एसडीएम हनुमान राम गिरफ्तार
जैसलमेर में बुधवार 9 अप्रैल को अलसुबह फतेहगढ़ उपखंड के एसडीएम को एसओजी ने हिरासत में लेकर एसओजी मुख्यालय जयपुर ले गई। प्रदेश में पहली बार सब इंस्पेक्टर भर्ती फर्जीवाड़े में एसडीएम को गिरफ्तार किया गया। एसओजी की टीम ने जैसलमेर के फतेहगढ़ एसडीएम हनुमान राम को गिरफ्तार किया। हनुमान राम ने डमी अभ्यर्थी बनकर नरपतराम की जगह एसआई भर्ती परीक्षा दी थी। दरअसल, जोधपुर रेंज पुलिस ने एसआई भर्ती मामले में 4 दिन पहले नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार कर एसओजी को सौंपा था। पूछताछ में दोनों ने एसओजी के सामने एसडीएम हनुमान राम का नाम लिया। इसी आधार पर हनुमान राम को गिरफ्तार किया गया है।

तीसरा मामला- विकास अधिकारी एपीओ
बुधवार 9 अप्रैल को पंचायत समिति फतेहगढ़ के विकास अधिकारी कैलाश कुमार को एपीओ करने के आदेश आए हैं। फतेहगढ़ के बीडीओ कैलाश कुमार दवे को तत्काल प्रभाव से प्रतीक्षा आदेशों पर रखा गया है तथा उनका मुख्यालय पंचायती राज विभाग जयपुर किया गया है। बीडीओ को तत्काल मुख्यालय पंचायती राज विभाग जयपुर में उपस्थित होकर आदेशों की प्रतीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।

आगे किसकी बारी?
अब जैसलमेर में इस बात को लेकर चर्चाएं गर्म हो गई हैं कि आगे किस अधिकारी की बारी होगी। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले पर टिप्पणी कर रहे हैं तथा कह रहे हैं कि फतेहगढ़ की ग्रह स्थिति खराब हो गई है। एक के बाद एक अधिकारी की सीट खाली होती जा रही है।

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