राजस्थान हाईकोर्ट ने सचिवालय कर्मचारी संघ द्वारा संचालित सचिवालय कैंटीन का टेंडर कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना नई फर्म को दिए जाने पर अगली सुनवाई तक अंतरिम रोक लगा दी है। इस मामले में मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव और उप सचिव को 30 मई तक जवाब देने को कहा गया है। जस्टिस अनिल कुमार उपमन ने यह आदेश मैसर्स अंबरवाला के पार्टनर हरिओम पुरोहित की याचिका पर दिए। सचिवालय में नई फर्म को टेंडर देने पर फिलहाल रोक है।
सचिवालय में कैंटीन चलाने वाली फर्म ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना नई फर्म को टेंडर दिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रमित पारीक ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता फर्म को 26 अगस्त 2019 के आदेश से 5 साल के लिए सचिवालय कर्मचारी संघ की कैंटीन चलाने की मंजूरी दी गई थी। सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना गुपचुप तरीके से टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली, इसमें आरटीपीपी एक्ट की पालना नहीं की गई। टेंडर एक अज्ञात फर्म को दिया गया और 23 अप्रैल 2025 को नोटिस देकर परिसर खाली कर कब्जा सौंपने को कहा गया।
हाईकोर्ट में इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैंटीन के लिए ई-टेंडर की प्रक्रिया अपनाने की बात कही गई थी। कर्मचारी संघ ने इसकी अनदेखी करते हुए फर्म के कर्मचारियों के सचिवालय आने के पास निरस्त कर दिए। साथ ही 28 अप्रैल को कैंटीन का ताला तोड़कर याचिकाकर्ता फर्म का सामान बाहर निकाल लिया गया और कैंटीन चलाने का काम नई फर्म को दे दिया गया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए नई फर्म के टेंडर पर रोक लगा दी है।
3 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान किए बिना नई फर्म को टेंडर
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि 23 अप्रैल को महज 5 दिन में कैंटीन खाली करने का आदेश जारी किया गया। सचिवालय कर्मचारी संघ अध्यक्ष के करीबी लोगों ने फर्म के कर्मचारियों को धमकाया। फर्म के तीन करोड़ रुपए के बिल विभिन्न विभागों में लंबित हैं। फर्म का बकाया भुगतान किए बिना कैंटीन खाली करने के आदेश दिए गए। फर्म को नई टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर देने की भी मांग की गई।
You may also like
कोरबा: रानी धनराज कुंवर अस्पताल में लगी आग,मरीजों को निकाला गया बाहर; कोई हताहत नहीं
नोरा फतेही: संघर्ष से सफलता तक का सफर
माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब अमेजन में छंटनी, इस बार डिवाइस और सर्विस डिपार्टमेंट के 100 कर्मचारियों की गई नौकरी, क्या और कर्मचारियों पर लटकी है छंटनी की तलवार?
कर्नल सोफिया पर टिप्पणी मामला: एमपी हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मंत्री विजय शाह, तत्काल सुनवाई की अपील
2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में पूर्वोत्तर रीजन की होगी अहम भूमिका : केंद्रीय मंत्री