जोधपुर लाये गए 19 शव, 9 एमजीएच और 10 एम्स मोर्चरी में रखवाए गए, प्रभारी मंत्री दिलावर पहुंचे एमजीएच
जोधपुर। जोधपुर जैसलमेर रोड थईयात गांव के पास में मंगलवार दोपहर हुए निजी बस अग्रिकांड में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 21 हो गई है, क्योंकि आज दोपहर में एक और मासूम दस वर्षीय यूनिस की मृत्यु हो गई। अब तक 19 शवों को जोधपुर लाकर एमजी अस्पताल और एम्स अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। डीएनए परीक्षण के बाद शव परिजन को सुपुर्द किये जायेंगे। अब 14 लोगों का उपचार चल रहा है। जिले के प्रभारी मंत्री मदन दिलावर एमजीएच पहुंचे और घायलों की कुशलक्षेम पूछने के साथ चिकित्सकीय व्यवस्था की जानकारी ली।
एमजीएच अधीक्षक डॉ.फतेह सिंह भाटी ने बताया कि नौ शव एमजीएच और दस शवों को एम्स अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। एक शव पहले से ही जोधपुर में मौजूद है। घायलों में पांच लोग वेंटिलेटर पर और आठ की हालत नाजुक बनी है। डॉक्टर भाटी ने बताया कि हर मरीज पर सघन निगरानी के साथ इलाज किया जा रहा है। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पूरी तरह मुस्तैद है। मरीजों की विशेषज्ञ डॉक्टर्स देखरेख कर रहे है। अब तक पहचान न होने वाले शवों को जोधपुर लाया गया है, ताकि उनकी डीएनए जांच की जा सके।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार अपरान्ह साढ़े तीन बजे के आसपास जैसलमेर से जोधपुर की तरफ आ रही एक निजी बस के एसी में शार्ट सर्किट के बाद भीषण आग लग गई थी, हादसे में बीस लोगों की जलकर मौत हो गई। 15 लोग गंभीर और सामान्य तौर पर झुलस गए थे। बस में 57 लोग सवार थे। बस का इसी माह रजिस्ट्रेशन हुआ था और एकदम नई बस थी। रात में प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहले जैसलमेर फिर जोधपुर के एमजी अस्पताल पहुंचे थे। घटनास्थल का दौरा करने के बाद चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बताया कि बस में पीछे से धमाके की आवाज आई। आशंका है कि एसी का कंप्रेशर फट गया, जिससे गैस और डीजल के साथ मिलकर भीषण आग लगी। एक ही दरवाजा था, इसलिए लोग फंस गए। आगे की सीट वाले यात्री निकल गए।
50-50 लाख सहायता की मांग
इधर, हादसे के बाद सर्व ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पं. एस के जोशी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मृतकों के परिजनों के लिए 50-50 लाख रुपये सहायता देने की मांग रखी। साथ ही घायलों को दस-दस लाख का आग्रह किया गया है।
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